कन्नौज जिला अस्पताल का फायर फाइटर सिस्टम खराब:अग्निशमन प्रभारी ने की जांच, SNCU वार्ड में एक गेट होने से होती है परेशानी
कन्नौज के जिला अस्पताल में फायर फाइटर सिस्टम खराब पड़ा है। ये मामला तब सामने आया, जब झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड की घटना के बाद फायर विभाग के अधिकारी ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। यहां नवजात शिशुओं की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है। झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड के बाद भी कन्नौज प्रशासन की नींद नहीं खुली। यहां आपात काल में काम आने वाले सिस्टम की जांच करने पहुंचे प्रभारी अग्निशमन अधिकारी प्रांशु अवस्थी को फायर फाइटर सिस्टम खराब मिला। इमरजेंसी यूनिट के पास सेफ्टी बॉक्स टूटे मिले। उसमें पाइप लाइन गायब थी। महिला विंग के इमरजेंसी गेट पर ताला जड़ा हुआ था। 12 नवजात शिशुओं को भर्ती करने की क्षमता महिला विंग के सेकेंड फ्लोर पर एसएनसीयू वार्ड है। जिसमें 12 नवजात शिशुओं को भर्ती करने की क्षमता है, जिसमें 9 शिशु भर्ती थे। शिशुओं की संख्या ज्यादा होने पर रेडिएंट वार्मर में दो-दो बच्चों को रखा जाता है। एसएनसीयू वार्ड को बनाने में मानक का भी ख्याल नहीं रखा गया। यहां तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वार्ड में आने-जाने के लिए सिर्फ एक ही गेट है। जिस कारण नवजात शिशु के परिजनों के साथ अक्सर वहां भीड़ पहुंच जाती है और आपाधापी का माहौल हो जाता है। मना करने पर भीड़ में मौजूद लोग झगड़े पर आमादा हो जाते हैं। इसी गेट से डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का भी निकलना होता है। एसएनसीयू वार्ड में इमरजेंसी गेट भी नहीं दिया गया। मामले को लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. शक्ति बसु ने बताया कि फायर सिस्टम में कुछ खराबी है। जिसको ठीक कराने के लिए कर्मचारियों को बुलाया गया है। जल्द ही सिस्टम ठीक करवाया जाएगा। SNCU में सिलेंडर से पहुंचाई जाती ऑक्सीजन जिला अस्पताल में ऑक्सीजन का प्लांट लगा है। लेकिन एसएनसीयू वार्ड तक आक्सीजन की सप्लाई के लिए सेंट्रल लाइन नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों को ऑक्सीजन के वजनदार सिलेंडर उठाकर सेकेंड फ्लोर पर स्थित एसएनसीयू वार्ड तक ले जाने पड़ते है। महिला विंग की लिफ्ट अक्सर खराब रहती है। जिस कारण जीने से सिलेंडर को ले जाना मुश्किल होता है।
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