कम दामों में धान बेचने को मजबूर किसान:किसान नेता बोले- राइस मिल मालिकों का सिंडिकेट हावी, नमी बताकर वापस कर रहे
पीलीभीत में धान का सीजन शुरू होते ही किसानों से मनमाने दामों पर धान खरीदने का खेल शुरू हो गया है। धान में नमी होने का बहाना बनाकर, किसानों से 1500 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदा जा रहा है, जबकि सरकारी समर्थन मूल्य 2300 रुपये तय किया गया है। इसके बावजूद अफसर इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। 1 अक्टूबर से धान खरीद का सीजन शुरू हुआ है, लेकिन सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों का धान ज्यादा नमी वाला बताकर वापस कर दिया जा रहा है। ऐसे में किसान मजबूरी में अपना धान मंडी और खुले बाजार में राइस मिल मालिकों को कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर हैं। राइस मिल मालिकों के सिंडिकेट के आगे किसान झुकने को मजबूर हैं, जबकि अधिकारी इस पर कोई कदम नहीं उठा रहे। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा सरकार ने धान के लिए 2300 रुपये का समर्थन मूल्य तय किया है। लेकिन क्रय केंद्रों पर नमी के बहाने धान नहीं खरीदा जा रहा। ऐसे में किसान अपना धान कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं। इसके बाद वही धान सरकारी खरीद के रूप में दिखाया जाता है, जिससे करोड़ों रुपये की हेराफेरी होती है। खुले बाजार में धान की कीमत सरकारी समर्थन मूल्य से करीब 600 रुपये कम है। जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही, खेतों से सीधे धान खरीदने के कारण मंडी शुल्क की चोरी भी हो रही है, लेकिन मंडी के अधिकारी भी इस पर चुप हैं।
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