करुर भगदड़: 39 की मौत पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट, मुख्यमंत्री स्टालिन ने जांच आयोग का किया गठन

चेन्नई : तमिलनाडु के करुर जिले में शनिवार को तमिलगा वेत्री काजहाम (टीवीके) की चुनावी रैली में हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को सदमे में डाल दिया है। इस हादसे में 39 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 8 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल हैं। 95 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केंद्रीय …

Sep 28, 2025 - 18:27
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करुर भगदड़: 39 की मौत पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट, मुख्यमंत्री स्टालिन ने जांच आयोग का किया गठन
चेन्नई : तमिलनाडु के करुर जिले में शनिवार को तमिलगा वेत्री काजहाम (टीवीके) की चुनावी रैली में हुई भ

करुर भगदड़: 39 की मौत पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट, मुख्यमंत्री स्टालिन ने जांच आयोग का किया गठन

कम शब्दों में कहें तो, तमिलनाडु के करुर जिले में हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को हतप्रभ कर दिया है। इस त्रासदी में 39 लोगों की जान चली गई, जिनमें बच्चों और महिलाओं की एक बड़ी संख्या शामिल है। इस मामले में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जांच आयोग का गठन किया है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी रिपोर्ट मांगी है।

चेन्नई : शनिवार को तमिलनाडु के करुर जिले में तमिलगा वेत्री काजहाम (टीवीके) की चुनावी रैली के दौरान एक भयानक भगदड़ हुई, जिसने 39 लोगों की जान ले ली। इसमें 8 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल हैं। इस घटना के बाद, 95 घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी जांच आयोग की घोषणा की है। टीवीके प्रमुख विजय ने मृतकों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की।

देरी से बढ़ी भीड़ से हुआ हादसा

रुद्रप्रयाग के डीजीपी जी. वेंकटारमन ने जानकारी दी कि अभिनेता-राजनेता विजय के कार्यक्रम में देरी के कारण रैली स्थल पर भीड़ का असामान्य रूप से बढ़ना देखा गया, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ मची। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) लॉ एंड ऑर्डर एस. डेविडसन देवसिरवथम ने प्रारंभिक जांच शुरू की है। हालांकि, पुलिस ने साजिश के संभावित तत्वों को भी खारिज नहीं किया है।

ज्यादातर घायलों की हालत स्थिर

तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव पी. सेंटहिल कुमार ने जानकारी दी कि हादसे के तुरंत बाद 95 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। इनमें से 51 को सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां एक को छोड़कर सभी की स्थिति स्थिर बनी हुई है। शेष 44 घायलों का निजी अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी घायलों के लिए 24 घंटे चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

टीवीके प्रमुख का आर्थिक सहायता की घोषणा

टीवीके प्रमुख विजय ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 20 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह घटना उनके लिए व्यक्तिगत हानि की तरह है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

जांच आयोग का गठन और मुआवजे का वादा

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य के इतिहास में इस तरह की बड़ी त्रासदी कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा, "मैं गहरे दुःख के साथ खड़ा हूं। मुझे सुबह की मीटिंग में इस हादसे की सूचना मिली। मैंने तुरंत मंत्रियों को करुर जाकर स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया।" स्टालिन ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने मृतकों के परिवारों को 10 लाख और घायलों को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।

स्टालिन ने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जांच आयोग द्वारा सच्चाई का पता लगाया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। शनिवार की रात, स्टालिन ने सरकारी मेडिकल कॉलेज का दौरा कर घायलों से मुलाकात की और बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

घटनास्थल पर दिल दहलाने वाले दृश्य

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरें घटना की भयावहता को दर्शा रही हैं। रविवार सुबह के विजुअल्स में चप्पलें बिखरी हुई और अन्य सामान चारों ओर फैला हुआ दिख रहा है, जिससे स्थल पर उपस्थित लोगों का दिल दहल उठा। इस त्रासदी के कारण राज्य सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

यह घटना तमिलनाडु की राजनीति में भी गूंज उठी है। विपक्षी दलों ने टीवीके की आयोजन क्षमताओं पर सवाल उठाए हैं, जबकि सत्ताधारी द्रमुक ने एकजुटता से सहायता का आह्वान किया है। केंद्रीय सरकार ने भी राहत कार्य में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया है।

इसके साथ ही, घटना ने चुनावी राजनीति में नई बहसों को जन्म दिया है। सभी पार्टियों के लिए यह एक मौका है कि वे कैसे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अपनी भूमिका निभाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, राजनीति का जो रूप सामने आएगा, वह निश्चित ही दिलचस्प होगा।

इस घटना के संभावित कारणों और प्रतिक्रियाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण बहस का विषय बन गया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया India Twodayटीम इंडिया टुडे (सुषमा शर्मा)

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