विवाद में कानपुर के विशाल घराने का नाम, भतीजे के धोखाधड़ी आरोप से हल्ला; कोर्ट के निर्देशानुसार रिपोर्ट दर्ज। - indiatwoday

शहर के एक बड़े उद्योग घराने का झगड़ा पुलिस थाने तक पहुंच गया। हालांकि परिवार में झगड़ा काफी समय से चल रहा है। इस बार भतीजे ने चाचा और उसके परिवार के खिलाफ फजलगंज थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज बनाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी है। बड़े उद्योगपति घराने से मामला जुड़ने के कारण पुलिस भी इस मामले में फूंक फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। लिहाजा सीधे एफआईआर दर्ज करने तक से कतरा गई थी। जिसके बाद भतीजे ने कोर्ट की शरण ली। सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद फजलगंज थाने में चाचा और उनके परिवार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है। शहर में एक बड़े उद्योगपति घराने के कई सारे व्यापार है। घराना टायर, सीमेंट, पावर, रियल स्टेट यहां तक कि प्रदेश स्तर की क्रिकेट संगठन में भी दखल रखता है। इसी परिवार में राधाकुंज कालपी रोड आरके नगर निवासी भतीजे ने चाचा, उनकी पत्नी व दो बेटे और अपने सगे भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। यह आरोप लगाए.. आरोप है कि पीड़ित के दादा एक बुद्धि बलदेव जी महाराज ट्रस्ट के चेयरमैन हुए थे। यह चेयरमैनशिप दादा ने अपने पिता से प्राप्त की थी। विरासतन सम्पत्ति से सम्बन्धित सभी लेन देन वही सम्भालते थे। पीड़ित के पिता का देहान्त हो चुका था। जिसके बाद चाचा ने पीड़ित के दादा को धोखा देकर उनके जीवित रहते 7 अक्तूबर 2013 को स्टैण्डर्ड चार्टड बैंक शाखा की न्यू फ्रेण्डस कालोनी नई दिल्ली शाखा में दादा के कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर बचत खाता और केनरा बैंक शाखा की न्यू फ्रेण्डस कालोनी दिल्ली शाखा में बचत खाता खुलवा लिया था। ट्रस्ट का एक कूटरचित प्रस्ताव भी दोनों लोगो ने दादा के कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर जारी किया था। जिसके मुताबिक दोनों के हस्ताक्षर से ट्रस्ट का खाता संचालित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। बैंक अधिकारियों से ओमे ओमेक्स रायल रेजीडेन्सी का प्रयोग करने के लिए प्रार्थनापत्र भी दिया था। जिससे दादा को खातों में होने वाले ट्रांजेक्शन के बारे में कोई जानकारी न हो सके। दोनों आरोपी ने ट्रस्ट का पता कलिन्द्री कालोनी नई दिल्ली वर्णित किया। इसका रेन्ट एग्रीमेन्ट चाचा ने अपनी पत्नी के साथ खाता खुलवाने के लिए किया गया। फिर खातों से करोड़ों रूपयों को इनमें लेकर अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया। यह कहना है पुलिस का... इंस्पेक्टर फजलगंज सुनील कुमार सिंह बताते हैं- एक बड़े उद्योगपति घराने में भतीजे ने अपने चाचा व उनके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज बनाना और उनका प्रयोग करने की धारा में दर्ज की गई है। दस्तावेजों की जांच करने के बाद मामले में तथ्यों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

Oct 20, 2024 - 06:05
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विवाद में कानपुर के विशाल घराने का नाम, भतीजे के धोखाधड़ी आरोप से हल्ला; कोर्ट के निर्देशानुसार रिपोर्ट दर्ज। - indiatwoday
शहर के एक बड़े उद्योग घराने का झगड़ा पुलिस थाने तक पहुंच गया। हालांकि परिवार में झगड़ा काफी समय से चल रहा है। इस बार भतीजे ने चाचा और उसके परिवार के खिलाफ फजलगंज थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज बनाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी है। बड़े उद्योगपति घराने से मामला जुड़ने के कारण पुलिस भी इस मामले में फूंक फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। लिहाजा सीधे एफआईआर दर्ज करने तक से कतरा गई थी। जिसके बाद भतीजे ने कोर्ट की शरण ली। सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद फजलगंज थाने में चाचा और उनके परिवार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है। शहर में एक बड़े उद्योगपति घराने के कई सारे व्यापार है। घराना टायर, सीमेंट, पावर, रियल स्टेट यहां तक कि प्रदेश स्तर की क्रिकेट संगठन में भी दखल रखता है। इसी परिवार में राधाकुंज कालपी रोड आरके नगर निवासी भतीजे ने चाचा, उनकी पत्नी व दो बेटे और अपने सगे भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। यह आरोप लगाए.. आरोप है कि पीड़ित के दादा एक बुद्धि बलदेव जी महाराज ट्रस्ट के चेयरमैन हुए थे। यह चेयरमैनशिप दादा ने अपने पिता से प्राप्त की थी। विरासतन सम्पत्ति से सम्बन्धित सभी लेन देन वही सम्भालते थे। पीड़ित के पिता का देहान्त हो चुका था। जिसके बाद चाचा ने पीड़ित के दादा को धोखा देकर उनके जीवित रहते 7 अक्तूबर 2013 को स्टैण्डर्ड चार्टड बैंक शाखा की न्यू फ्रेण्डस कालोनी नई दिल्ली शाखा में दादा के कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर बचत खाता और केनरा बैंक शाखा की न्यू फ्रेण्डस कालोनी दिल्ली शाखा में बचत खाता खुलवा लिया था। ट्रस्ट का एक कूटरचित प्रस्ताव भी दोनों लोगो ने दादा के कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर जारी किया था। जिसके मुताबिक दोनों के हस्ताक्षर से ट्रस्ट का खाता संचालित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। बैंक अधिकारियों से ओमे ओमेक्स रायल रेजीडेन्सी का प्रयोग करने के लिए प्रार्थनापत्र भी दिया था। जिससे दादा को खातों में होने वाले ट्रांजेक्शन के बारे में कोई जानकारी न हो सके। दोनों आरोपी ने ट्रस्ट का पता कलिन्द्री कालोनी नई दिल्ली वर्णित किया। इसका रेन्ट एग्रीमेन्ट चाचा ने अपनी पत्नी के साथ खाता खुलवाने के लिए किया गया। फिर खातों से करोड़ों रूपयों को इनमें लेकर अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया। यह कहना है पुलिस का... इंस्पेक्टर फजलगंज सुनील कुमार सिंह बताते हैं- एक बड़े उद्योगपति घराने में भतीजे ने अपने चाचा व उनके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज बनाना और उनका प्रयोग करने की धारा में दर्ज की गई है। दस्तावेजों की जांच करने के बाद मामले में तथ्यों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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