कानपुर देहात का बलवंत हत्याकांड:दो पुलिस अधिकारियों को 5-5 साल की सजा, परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता देने का आदेश

कानपुर देहात के बहुचर्चित बलवंत हत्याकांड में अदालत ने दो पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए 5-5 साल की सजा सुनाई है। 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही अदालत ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का आदेश भी दिया है। यह राशि तत्कालीन एसपी और अन्य अधिकारियों के वेतन से काटकर देने का निर्देश दिया गया है। पिता का प्रेम और संरक्षण वापस नहीं मिल सकता वादी के अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत ने 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने का आदेश दिया है। जो जिले की तत्कालीन एसपी सुनीति सिंह, रसूलाबाद के सीओ आशाराम पाल सिंह, अकबरपुर के सीओ प्रभात कुमार और रनिया थाने के एसएचओ शिवप्रकाश सिंह के वेतन से वसूलकर परिवार को दी जाएगी। अदालत ने टिप्पणी की कि बलवंत सिंह सिर्फ 30 साल के स्वस्थ व्यक्ति थे। जिनकी असमय मौत ने उनकी पत्नी और नाबालिग बच्चों को बेसहारा कर दिया। मुआवजा भले ही कुछ राहत दे, लेकिन एक पिता का प्रेम और संरक्षण वापस नहीं मिल सकता। 6 अन्य पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया यह मामला 12 दिसंबर 2022 का है। जब बलवंत सिंह को लूट के मामले में हिरासत में लिया गया था। आरोप है कि हिरासत के दौरान पुलिस की बर्बर पिटाई से उनकी मौत हो गई। जिससे कानपुर देहात में जनता में आक्रोश फैल गया था। इस मामले में 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। अदालत ने इस केस में शिवली थाने के तत्कालीन एसएचओ राजेश कुमार सिंह और मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडेय को दोषी पाया। जबकि 6 अन्य पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया।

Oct 25, 2024 - 12:30
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कानपुर देहात का बलवंत हत्याकांड:दो पुलिस अधिकारियों को 5-5 साल की सजा, परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता देने का आदेश
कानपुर देहात के बहुचर्चित बलवंत हत्याकांड में अदालत ने दो पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए 5-5 साल की सजा सुनाई है। 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही अदालत ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का आदेश भी दिया है। यह राशि तत्कालीन एसपी और अन्य अधिकारियों के वेतन से काटकर देने का निर्देश दिया गया है। पिता का प्रेम और संरक्षण वापस नहीं मिल सकता वादी के अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत ने 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने का आदेश दिया है। जो जिले की तत्कालीन एसपी सुनीति सिंह, रसूलाबाद के सीओ आशाराम पाल सिंह, अकबरपुर के सीओ प्रभात कुमार और रनिया थाने के एसएचओ शिवप्रकाश सिंह के वेतन से वसूलकर परिवार को दी जाएगी। अदालत ने टिप्पणी की कि बलवंत सिंह सिर्फ 30 साल के स्वस्थ व्यक्ति थे। जिनकी असमय मौत ने उनकी पत्नी और नाबालिग बच्चों को बेसहारा कर दिया। मुआवजा भले ही कुछ राहत दे, लेकिन एक पिता का प्रेम और संरक्षण वापस नहीं मिल सकता। 6 अन्य पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया यह मामला 12 दिसंबर 2022 का है। जब बलवंत सिंह को लूट के मामले में हिरासत में लिया गया था। आरोप है कि हिरासत के दौरान पुलिस की बर्बर पिटाई से उनकी मौत हो गई। जिससे कानपुर देहात में जनता में आक्रोश फैल गया था। इस मामले में 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। अदालत ने इस केस में शिवली थाने के तत्कालीन एसएचओ राजेश कुमार सिंह और मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडेय को दोषी पाया। जबकि 6 अन्य पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया।

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