काशी में बदला मौसम का मिजाज:हवा में नमी बढ़ने से धूप का असर कम;AQI पहुंचा 124
वाराणसी में नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही हल्की गुलाबी ठंड का एहसास होने लगा है। लोग अब घरों में पंखे बंद करके सोने को मजबूर हैं। हालांकि अभी दिन में निकल रही धूप से ठंड का आभास नहीं हो रहा है। वाराणसी में मंगलवार की सुबह हल्की धुंध देखने को मिली IMD के अनुसार अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जनपद का AQI पहुंचा 124 वाराणसी के बहुत से ऐसे इलाके हैं जिसकी हवा दूषित हो गई है। जनपद में सुबह AQI 124 दर्ज किया गया। सबसे दूषित हवा अर्दली बाजार की दर्ज की गई है यहां AQI 163, मलदहिया का 147,नगर निगम 133, भेलूपुर 122,सबसे शुद्ध वाराणसी में बीएचयू का है जहां AQI महज 54 दर्ज किया गया है। तापमान में होगी गिरावट बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर पश्चिमी हवाओं की दस्तक की वजह से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। इस सप्ताह ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, दिन में अभी धूप रहेगी शाम होते ही ठंड बढ़ेगी। ठंड में हवा भारी होकर नीचे बैठेगी तो शहर घने धुंध और प्रदूषण के साए में जा सकता है। हवा नहीं बहने से भी प्रदूषण काफी हद तक शहर के वातावरण में बना है। AQI क्या है और इसका हाई लेवल खतरा क्यों AQI एक तरह का थर्मामीटर है। बस ये तापमान की जगह प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड), PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे तो 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन अभी हालात ये हैं कि राजस्थान, हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ये 300 के ऊपर जा चुका है। ये बढ़ता AQI सिर्फ एक नंबर नहीं है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है।
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