खनिज अधिकारी पर रुपए मांगने का आरोप निकला फर्जी:डीएम ने टीम गठित कर कराई जांच, ट्रांसपोर्टर के खिलाफ अवैध खनन में दर्ज है एफआईआर
हमीरपुर में एक ट्रांसपोर्टर ने खनिज अधिकारी पर 10 लाख की डिमांड करने और ना देने पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी। इस मामले को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच कमेटी से जब इसकी जांच कराई, तो मामला उल्टा निकला। ट्रांसपोर्टर बगैर रॉयल्टी के ही अपने ट्रक और डंपरों से खनिज संपदा की ढुलाई करवा रहा था। गाड़ियां पकड़े जाने के बाद ही मारपीट की कहानी गढ़ी गई। लेनदेन के आरोप भी जांच में फर्जी मिले हैं। इतना ही नहीं ट्रांसपोर्टर के खिलाफ पूर्व में भी अवैध खनन और परिवहन में दो मामले दर्ज हैं। वॉट्सऐप पर गाड़ी के चालान कर देने संबंधी मैसेज जांच समिति ने रविवार को कुछेछा स्थित घटनास्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बयान लिया। टीम ने सीसीटीवी भी खंगाले। जांच में प्रथम दृष्टया किसी भी मारपीट की घटना की पुष्टि नहीं हुई। खनिज अधिकारी के फोन की जांच में तथ्य संज्ञान में आया कि ट्रांसोपर्टर महेश शर्मा ने खनन अधिकारी को वॉट्सऐप कॉल पर सात बार फोन किया। लेकिन खनिज अधिकारी द्वारा बात न करने पर महेश ने वॉट्सऐप पर गाड़ी के चालान कर देने संबंधी मैसेज डाल दिया। लेन-देन संबंधी किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं हुई। जांच में पता चला कि खनिज अधिकारी द्वारा महेश शर्मा की जिन गाड़ियों का चालान कर सीज किया गया है। वह सभी ओवरलोड, बिना रायल्टी के चल रही थी। इसके पूर्व भी महेश शर्मा की चार गाड़ियों को ओवरलोड एवं बिना रॉयल्टी के परिवहन करने के कारण खनिज अधिकारी तथा सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) द्वारा संयुक्त जांच के दौरान सीज किया जा चुका है। जांच में महेश शर्मा के खिलाफ पूर्व में अवैध खनन/परिवहन कराने एवं अवैध परिवहन न करने देने पर गाली-गलौज तथा धक्का-मुक्की करने के कारण सुसंगत धाराओं में 21 अक्टूबर 23 व तीन मई 24 को खनन निरीक्षक द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।
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