खनौरी-शंभू बॉर्डर पर किसानों की भीड़ बढ़ी:डल्लेवाल अभी भी पंजाब पुलिस की हिरासत में, शंभू बॉर्डर 4 फीट खुलेगा
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को डिटेन करने के बाद माहौल गर्मा गया है। हरियाणा-पंजाब के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है। वहीं यहां मंगलवार को किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू कर दिया। डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत शुरू करने से पहले ही सोमवार रात पुलिस ने हिरासत लिया और फिर लुधियाना के DMC अस्पताल ले आए। कोई व्यक्ति उन तक न पहुंचे, इसके लिए अस्पताल के आसपास के एरिया को सील कर दिया गया है। अस्पताल में डल्लेवाल कुछ नहीं खा रहे हैं। किसानों के मुताबिक वह मरणव्रत पर ही हैं। सूत्रों के मुताबिक करीब 100 पुलिसकर्मी अस्पताल के अंदर और बाहर तैनात हैं। अभी उन्हें कोई वार्ड नहीं मिला है। इमरजेंसी के VIP रूम में ही रखा हुआ है। मंगलवार (26 नवंबर) को कांग्रेस नेता एवं पहलवान बजरंग पूनिया भी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। इसके फोटो भी उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर शेयर किए। इसके साथ उन्होंने लिखा- किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी के विरोध और किसानों की मांगों के समर्थन में खनौरी बॉर्डर पहुंचकर अपना समर्थन दिया। किसानों के हक की लड़ाई में हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी इस पर नजर रखे हुए हैं। शंभू बॉर्डर पर 4 फुट रास्ता खोलने की तैयारी है। क्योंकि किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। DIG बोले- प्रशासन को डल्लेवाल की उम्र-सेहत की चिंता पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि डल्लेवाल ने मरणव्रत की घोषणा की थी। उनकी उम्र और सेहत की वजह से प्रशासन चिंतित था। मरणव्रत के ऐलान के बाद भीड़ हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती। इसी वजह से प्रशासन ने फैसला किया कि उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। इसके लिए उन्हें लुधियाना डीएमसी लेकर आए हैं। सरकार को 10 दिन का दिया समय जैसे ही सोमवार देर रात किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए। किसान नेता सरवन पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। किसान नेताओं ने कहा है कि इस आंदोलन का यह दूसरा चरण है। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर ले गई। इस बार उनका सुरक्षा पहरा मजबूत रहेगा। पुलिस मरणव्रत पर बैठे साथी तक नहीं पहुंच पाएगी। डल्लेवाल ने जमीन परिवार के नाम की डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। 25 नवंबर को फरीदकोट में जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। केंद्र सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी होंगी या फिर वह अपनी जान कुर्बान कर देंगे। उनकी मौत से भी आंदोलन नहीं रुकेगा। मौत के बाद दूसरे नेता आमरण अनशन शुरू करेंगे। इसलिए अपनी जमीन को पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दिया है, ताकि कोई विवाद न रहे। बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान इधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है। इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे। सरकार के पास 10 दिन का समय है। 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने निकले थे फसलों पर MSP की गारंटी समेत दूसरी मांगों को लेकर पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच करने के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।
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