खाद के अधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता घट रही:जौनपुर में गोसेवा आयोग के अध्यक्ष बोले-आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा-भोजन देना हमारा कर्तव्य
जौनपुर के पिंजरापोल पशु अनाथालय में गो आधारित प्राकृतिक कृषि पर एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने की। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई और इस अवसर पर 8 किसानों को माला पहनाकर सम्मानित किया गया, जो गौ आधारित कृषि कर रहे हैं। इसके साथ ही, देशी गाय पालने वाले अन्य किसानों को भी सम्मानित किया गया। बोले- रासायनिक उर्वरकों से बढ़ रहीं बीमारियां श्याम बिहारी गुप्ता ने अपने संबोधन में रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता घट रही है और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, "हमारी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा और भोजन देना हमारा कर्तव्य है, तभी विकास का सही मॉडल लागू होगा।" गौ आधारित कृषि से ऊर्जा भी प्राप्त करें किसान गुप्ता ने गोबर गैस प्लांट लगाने के लाभों पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे किसान न केवल अन्नदाता बनेंगे, बल्कि ऊर्जा दाता की भूमिका भी निभा सकेंगे। उन्होंने गौ आधारित कृषि को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं और सभी किसानों से आग्रह है कि इस दिशा में कदम बढ़ाएं। गो आश्रय स्थलों को बनाया जाएगा प्राकृतिक खेती का केंद्र पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में लगभग साढ़े आठ सौ गो आश्रय स्थल चल रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इन स्थलों को प्राकृतिक खेती आधारित प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा। इन केंद्रों में प्रशिक्षण लेने वाले किसानों को एक गाय और 1,500 रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा, साथ ही प्राकृतिक खेती और बायोगैस के उपयोग की जानकारी दी जाएगी। प्राकृतिक खेती से आत्मनिर्भर किसान बनाए जाएंगे गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का विशेष प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
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