गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बने ऑटो ड्राइवर की कहानी:कान्स्टेबल ने पीटा, बेइज्जती पर DM से इच्छा मृत्यु मांगी, बोले- ऐसा सपने में नहीं सोचा था

कानपुर का गणतंत्र दिवस यूपी की सुर्खियों में है। DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने ऑटो ड्राइवर को बतौर चीफ गेस्ट न्यौता भेजा है। यह ऑटो ड्राइवर DM के साथ ध्वजारोहण करेंगे। मंच भी साझा करेंगे। आखिर एक ऑटो ड्राइवर को चीफ गेस्ट क्यों बनाया है? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल टीम ने कानपुर में ऑटो ड्राइवर राकेश कुमार सोनी से मुलाकात की। वह बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पढ़िए पूरी बातचीत… राकेश कुमार सोनी ने कहा– DM साहब ने इतना बड़ा सम्मान दे दिया कि मैं कभी सपने में भी सोच नहीं सकता था। मेरे परिवार को यकीन नहीं आ रहा है। इसके पीछे की एक कहानी है। 30 दिसंबर को मैं ऑटो चलाते हुए नौबस्ता से बारादेवी की तरफ जा रहा था। चौराहे के पास कुछ सवारी मेरे ऑटो में बैठ रही थीं। इसी बीच पीछे से एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने पहले मेरे ऑटो पर डंडा मारा, फिर ऑटो में लगे पर्दा फाड़ने लगे। मैंने हाथ जोड़कर कहा कि साहब…गरीब आदमी हूं। आप डेढ़ से दो हजार का नुकसान कर दे रहे हैं। कहा से भर पाऊंगा। इसके बाद वह और ज्यादा गुस्सा हो गए। हाथ में लिया प्लास्टिक का डंडा मेरे मुंह में घुसेड़ने लगे। कहा कि तुम्हें एक मिनट में सीधा कर दूंगा। राकेश कहते हैं कि उनकी इस हरकत से मैं अंदर तक बहुत परेशान हो गया। हमने पूछा कि आपने इसके बाद क्या किया? 31 दिसंबर को मैं शिकायत लेकर पुलिस के पास गया। प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन जांच नहीं हुई। इसके बाद ट्रैफिक कान्स्टेबल ने दोबारा मुझे धमकाया कि अब देखता हूं कि तुम ऑटो कैसे चलाते हो। मेरी गाड़ी की फोटो खीचीं। पुलिस में सुनवाई नहीं होने पर मैंने डीएम साहब से शिकायत की। जिनको पहले शिकायत की थी, उनका ट्रांसफर हो गया। नए डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह आए। जब मुझे पता चला कि वह गरीब बच्चों की स्कूल फीस अपनी जेब से भर रहे हैं। तब मुझे लगा कि ये गरीब लोगोंं की मदद करेंगे। मैंने एक बार फिर उनसे मिलकर शिकायत की। जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- तुम्हारा अपमान हुआ है न… ठीक है, मैं तुम्हें सम्मानित करवाऊंगा। तुम गणतंत्र दिवस के दिन कलेक्ट्रेट आना। वहां चीफ गेस्ट बनोगे। यह सब सुनकर मुझे लगा कि अधिकारी है, कह रहे हैं, मगर ऐसा होगा नहीं। मगर शाम को एक अधिकारी निमंत्रण पत्र लेकर मेरे घर आ गए। मुझे लिखित न्यौता देकर गए। तब लगा वह तो सच कह रहे थे। इतना बड़ा सम्मान दिया कि मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था। गरीब हूं, नए कपड़े नहीं बनवा सकता हमने पूछा– 26 जनवरी को कलेक्ट्रेट जाएंगे न? वह बोले – मैं बहुत गरीब परिवार से हूं। इतनी आमदनी नहीं है कि मैं नए कपड़े बनवा सकूं। कोशिश करूंगा कि जो कपड़े रखे हैं, उनमें सबसे अच्छे कपड़े पहनकर उनके सामने उपस्थित हो जाऊं। उन्होंने मुझे तिरंगे के नीचे खड़े होने का अवसर दिया। 28 साल से ड्राइवर हूं, लेकिन शायद ही कभी ऐसा मौका मुझे मिले। मांगी थी इच्छा मृत्यु, मिला सम्मान राकेश ने बताया कि अपमान से आहत था, इसलिए इच्छा मृत्यु मांगी थी। लेकिन अब शिकायत के बाद वो कैंसिल कर दिया। ऑटो ड्राइवर को कोई कुछ समझ नहीं सकता है। 500 रुपए रोज ऑटो का किराया देता हूं। दिन का 300 से 400 रुपए कमा पाता हूं। पत्नी स्कूल में आया का काम करती है। किराये के मकान में रहता हूं। जैसे-तैसे गुजारा करता हूं। इतने अभावों के बीच सम्मान से जीवन जी रहा हूं। यह अवसर मेरी जिंदगी का बहुत बड़ा अवसर है। ऑटो ड्राइवर बोले- पुलिस हमें मारती है मनोज गुप्ता भी ऑटो ड्राइवर हैं। वह कहते हैं कि पुलिस रोजाना परेशान करती है। सवारी चौराहे पर खड़ी होती है तो मजबूरन हमें गाड़ी वहीं करनी पड़ती है। पुलिस कभी गाड़ी को डंडा मारती है तो कभी हमें मार देती है। पुलिसिंग में सुधार हुआ है। अब पुलिस कर्मी किराया भी देते हैं। लेकिन पुलिस कई पुलिस कर्मी परेशान करते हैं। DM की तरफ से भेजा गया निमंत्रण पत्र पढ़िए... ...... ये भी पढ़ें : बेटी पुलिस अफसर बनकर करेगी गरीबों की मदद:गेहूं बेचकर डीएम आफिस पहुंचे थे दिव्यांग पिता, जिलाधिकारी ने जमा की थी बच्चों की फीस मेरे पिता आंखों से दिव्यांग हैं, वह कोई काम भी नहीं कर पाते हैं। मां भी मानसिक बीमार हैं। ऐसे में परिवार का खर्चा बड़ी मुश्किल से चल पाता है। कुछ लोगों से हमारी जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। जिसका मामला एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन है। पढ़िए पूरी खबर...

Jan 26, 2025 - 07:00
 54  501823
गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बने ऑटो ड्राइवर की कहानी:कान्स्टेबल ने पीटा, बेइज्जती पर DM से इच्छा मृत्यु मांगी, बोले- ऐसा सपने में नहीं सोचा था
कानपुर का गणतंत्र दिवस यूपी की सुर्खियों में है। DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने ऑटो ड्राइवर को बतौर ची

गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बने ऑटो ड्राइवर की कहानी

गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, और इस दिन एक विशेष व्यक्ति को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया जाता है। इस वर्ष अनोखी कहानी ने सबका ध्यान आकर्षित किया। यह कहानी एक ऑटो ड्राइवर की है, जिसे इस खास दिन पर चीफ गेस्ट बनने का अवसर मिला। लेकिन इसके पीछे की कहानी बहुत दर्दनाक और प्रेरणादायक है।

कान्स्टेबल द्वारा पीटे जाने का वाकया

आटो ड्राइवर ने बताया कि कैसे एक दिन उसकी जिंदगी में अचानक अभिशाप बनकर एक कान्स्टेबल आ गया। वह तब दुखी और परेशान हो गया जब उसके साथ मारपीट की गई। इस अपमानजनक घटना ने उसे भीतर से तोड़ दिया। जब वह इस अनुभव को साझा कर रहा था, तो उसकी आंखों में आंसू थे।

बेइज्जती का अहसास और DM से मांगी इच्छा मृत्यु

इस घटना के बाद उसने बेइज्जती और अपमान के चलते अपने जिले के DM से इच्छा मृत्यु की मांग की। यह एक दुखद स्थिति थी, जो दिखाती है कि समाज के कुछ लोग अपनी ताकत का दुरुपयोग कैसे करते हैं। उसने कहा, "मैंने इस तरह की स्थिति अपने सपनों में भी नहीं सोची थी।" उसके मन में अपमान का गहरा जख्म था।

सकारात्मक बदलाव की ओर कदम

हालांकि, यह कहानी यहां खत्म नहीं होती। ऑटो ड्राइवर ने अपने अनुभवों को संकलित कर, अपने दर्द को एक प्रेरणा में बदलने का निर्णय लिया। उसने अपनी कहानी को साझा कर अन्य लोगों के लिए एक बदलाव लाने का प्रयास किया। जिस तरह से उसने खुद को संभाला, वह दूसरे लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गया।

गणतंत्र दिवस पर उसे चीफ गेस्ट बनने का आमंत्रण मिला, जिसने उसकी मेहनत का फल दिखाया। यह साबित करता है कि किसी भी बुरे अनुभव से कैसे सकारात्मकता निकाली जा सकती है।

यह कहानी न केवल एक व्यक्ति की है, बल्कि यह हमारे समाज में बदलाव और सम्मान की आवश्यकता की भी है। हम सभी को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए और समाज में समानता और न्याय के लिए आवाज उठानी चाहिए।

News by indiatwoday.com Keywords: गणतंत्र दिवस चीफ गेस्ट, ऑटो ड्राइवर की प्रेरणादायक कहानी, कान्स्टेबल ने पीटा, इच्छा मृत्यु की मांग, DM से बात, बेइज्जती का अहसास, समाज में बदलाव, दर्दनाक अनुभव, समाज में समानता, न्याय और अधिकार।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow