गरीबों की निशुल्क सेवा करेंगे आजमगढ़ के मेधावी भाई बहन:श्रुति यादव बनी जिले की टॉपर तो भाई को मिली 10 वीं रैंक डॉक्टर बनना है मकसद

आजमगढ़ जिले के पवई थाना क्षेत्र के आजमगढ़ अंबेडकर नगर बॉर्डर की रहने वाली श्रुति यादव ने हाईस्कूल की परीक्षा में पहला स्थान हासिल कर जिले और परिवार का नाम रोशन किया है। जहां एक तरफ श्रुति यादव ने यूपी बोर्ड परीक्षा हाई स्कूल में पहले स्थान हासिल किया है। वही श्रुति यादव के छोटे भाई अंकुर यादव ने भी बहन के साथ आजमगढ़ जिले में दसवां स्थान हासिल कर भाई-बहन ने जिले का गौरव बढ़ाने का काम किया है। अपने दोनों बच्चों की इस सफलता से माता-पिता काफी खुश हैं। यह भाई बहन डॉक्टर बनकर गरीबों की निशुल्क सेवा करना चाहते हैं। श्रुति यादव को 600 में से 572 अंक हासिल हुए हैं। जो कि 95.33 प्रतिशत है। जबकि श्रुति यादव के सगे भाई अंकुर यादव को 600 में से 561 नंबर मिले। जो कि 93.50 प्रतिशत है। श्रुति के पिता प्रेमनाथ और मां दोनों लोग एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं। परिजन अपने दोनों बच्चों की सफलता से काफी खुश है। बेहद ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले इन दोनों भाई बहनों के लिए यह राह आसान न थी। पर कठिन परिश्रम मेहनत और जुनून के दम पर भाई बहनों ने यूपी बोर्ड परीक्षा में अपनी बुलंदी के झंडा गाड़ दिए। आजमगढ़ जिले के सबसे बॉर्डर वाले इलाके मिट्ठूपुर के रहने वाले इन भाई बहनों ने विषम परिस्थितियों के बावजूद भी हार नहीं मानी। आज परिणाम सबके सामने हैं। जिले में हाई स्कूल की परीक्षा में 86038 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जिसमें 78867 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जबकि 73382 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। ऐसे में इसका प्रतिशत 93.5 प्रतिशत है। वहीं इंटरमीडिएट की परीक्षा में 93961अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जबकि 87507 अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। इसके साथ ही 64948 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। ऐसे में 74.22 प्रतिशत अभ्यर्थी पास हुए। टॉपर श्रुति बोली डॉक्टर बनकर गरीबों की निशुल्क सेवा करना मकसद दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए हाई स्कूल की परीक्षा में आजमगढ़ जिले की टॉपर श्रुति यादव का कहना है कि डॉक्टर बनकर गरीबों की निशुल्क सेवा करना मुख्य मकसद है। श्रुति का कहना है कि आज बड़ी संख्या में लोग पैसे के भाव में मेडिकल सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। और बहुत से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नियमित 8 घंटे की पढ़ाई करने वाली श्रुति यादव का कहना है कि कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। भाई भी बनेगा डॉक्टर आजमगढ़ जिले में हाई स्कूल की टॉपर्स श्रुति यादव के सगे भाई अंकुर यादव ने जिले में दसवीं रैंक हासिल की है। अंकुर यादव का कहना है कि अपनी बहन के साथ मैं भी डॉक्टर बैंक गरीबों की निशुल्क सेवा करूंगा। मां​ बोली शब्दों में बयां नहीं कर सकती खुशी दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए दोनों मेधावियों की मां का कहना है कि जिस तरह से दोनों बच्चों ने अच्छे नंबर लाकर नाम रोशन किया है। मुझे बहुत खुशी हो रही है। इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मेरे बेटे और बेटी डॉक्टर बनकर आम जनमानस और समाज की सेवा करें यही मेरी इच्छा है।

Apr 26, 2025 - 03:59
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गरीबों की निशुल्क सेवा करेंगे आजमगढ़ के मेधावी भाई बहन:श्रुति यादव बनी जिले की टॉपर तो भाई को मिली 10 वीं रैंक डॉक्टर बनना है मकसद
आजमगढ़ जिले के पवई थाना क्षेत्र के आजमगढ़ अंबेडकर नगर बॉर्डर की रहने वाली श्रुति यादव ने हाईस्कू

गरीबों की निशुल्क सेवा करेंगे आजमगढ़ के मेधावी भाई बहन

श्रुति यादव बनी जिले की टॉपर

आजमगढ़ जिले में शिक्षा का एक नया आयाम सेट करते हुए श्रुति यादव ने 12वीं कक्षा में टॉप किया है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने न केवल उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है, बल्कि पूरे जिले का नाम भी रोशन किया है। श्रुति का सपना एक दिन डॉक्टर बनने का है, और वह अपनी सफलता का उपयोग समाज की सेवा में करना चाहती हैं। उनके इस प्रयास ने उनके परिवार और समुदाय को गर्वित किया है।

भाई को मिली 10वीं रैंक

श्रुति के छोटे भाई ने भी अपनी उपलब्धियों से सबको प्रभावित किया है। उन्होंने 10वीं कक्षा में 10वीं रैंक हासिल की है। यह उपलब्धि बताती है कि न केवल श्रुति बल्कि उसका भाई भी शिक्षा के प्रति गंभीर है। दोनों भाई-बहन ने मिलकर ठान लिया है कि वे अपनी सफलताओं का उपयोग गरीबों की सेवा के लिए करेंगे।

समाज के लिए योगदान

दोनों भाई-बहन का उद्देश्य सिर्फ अपनी शिक्षा पूरी करना नहीं है, बल्कि समाज में एक बदलाव लाना भी है। वे जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क ट्यूशन देने का प्रोग्राम शुरू करने की योजना बना रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे अपनी पढ़ाई कर सकें और आगे बढ़ सकें। इस समाज सेवा में दोनों के अद्वितीय योगदान से निश्चित ही कई जिंदगी में बदलाव आएगा।

समुदाय की प्रतिक्रिया

आजमगढ़ के लोग श्रुति और उसके भाई की शिक्षितता से प्रभावित हैं। स्थानीय नेता और शिक्षक भी उनकी शान में कसीदे गा रहे हैं। यह कृत्य एक प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य करेगा, जिसमें अन्य बच्चे भी अपनी पढ़ाई में मेहनत करेंगे और समाज की सहायता के लिए आगे आएंगे।

उपसंहार

श्रुति यादव और उनके भाई का सफर आगे बढ़ रहा है और उनके सामूहिक प्रयासों से यह उम्मीद की जा सकती है कि वो गरीबों के जीवन में सुधार लाएंगे। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि शिक्षा से न केवल व्यक्तिगत तरक्की होती है, बल्कि समाज को भी लाभ मिलता है।

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