बेटियों की शिक्षा में भौगोलिक अवरोध दूर करने पर शोध:इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ. कोयल कर रहीं शोध, ICSSR की ओर से मिला 9 लाख रुपये का अनुदान

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. कोयल पॉल प्रयागराज में बालिका शिक्षा के लिए सरकारी योजनाओं की सफलता पर भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के प्रभाव का अध्ययन कर रही हैं। प्रयागराज में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियानों की सफलता के लिए यह अध्ययन एक महत्वपूर्ण कदम है। शोध के लिए ICSSR(भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद) की ओर से 9 लाख रूपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ है। डा. कोयल बताती हैं "उनके शोध का उद्देश्य प्रयागराज में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की सफलता पर जलवायु परिस्थितियों और भौगोलिक बाधाओं के प्रभाव का अध्ययन करना है।" उनका मानना है कि जलवायु की विषम परिस्थियों और भौगोलिक बाधाओं को दूर करके अभियान और प्रभावी बनाया जा सकता है। प्रस्तुत शोध में वह जलवायु की बाधाओं का सामना करने और अनुकूलन करने की क्षमता के लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का भी मूल्यांकन कर रही हैं। शोध के बाद सरकार के समक्ष रखेंगी रिपोर्ट इसके साथ ही बालिका शिक्षा कार्यक्रमों को प्रभावित करने वाली क्षेत्र-विशिष्ट बाधाओं की पहचान करके वे सरकार के समक्ष एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी ताकि समाज में बदलाव लाया जा सके। डा. कोयल ने बताया कि शोध के परिणाम आने से प्रयागराज में लड़कियों के स्कूल-कॉलेज में नामांकन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही समाज में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। इविवि के डीन शैक्षणिक कार्यक्रम प्रो. अनुपम पांडे और भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो. अश्वजीत चौधरी, वरिष्ठ शिक्षक प्रो. एआर सिद्दीकी सहित सभी शिक्षकों ने शोध के लिए डा. कोयल पॉल की बधाई दी।

Jun 11, 2025 - 18:27
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बेटियों की शिक्षा में भौगोलिक अवरोध दूर करने पर शोध:इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ. कोयल कर रहीं शोध, ICSSR की ओर से मिला 9 लाख रुपये का अनुदान

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प्रयागराज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. कोयल पॉल ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन शुरू किया है, जो कि बालिका शिक्षा में भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के प्रभावों का निरिक्षण करेगा। इस शोध को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) द्वारा 9 लाख रुपये का अनुदान मिला है।

शोध की मुख्य आबादी

डॉ. कोयल का मुख्य उद्देश्य प्रयागराज क्षेत्र में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसे सरकारी अभियानों की सफलता पर जलवायु और भौगोलिक अवरोधों के प्रभाव का विश्लेषण करना है। उनका मानना है कि यदि भौगोलिक बाधाओं को दूर किया जाए तो इन अभियानों की सफलता और बढ़ सकती है।

जलवायु और भौगोलिक चुनौतियाँ

उन्होंने बताया है कि प्रयागराज की जलवायु की विषम परिस्थितियों और भौगोलिक बाधाओं को दूर करके अभियान को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उनका शोध इस पर भी ध्यान केंद्रित করবে कि कैसे स्कूल का बुनियादी ढांचा जलवायु की बाधाओं का सामना करने में और अनुकूलन करने में सक्षम है।

महत्व और उद्देश्य

शोध के परिणाम के बाद, डॉ. कोयल एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार के समक्ष रखेंगी, जहां वे बालिका शिक्षा कार्यक्रमों को प्रभावित करने वाली क्षेत्र-विशिष्ट बाधाओं की पहचान करेंगी। उनका लक्ष्य यह है कि इस रिपोर्ट के माध्यम से समाज में बदलाव लाया जा सके, जिससे लड़कियों के स्कूल और कॉलेज में नामांकन को बढ़ावा मिल सके।

समाज में लैंगिक समानता

डॉ. कोयल का मानना है कि इस शोध के परिणाम प्रयागराज में लड़कियों के बारे में सोचने और उनकी शिक्षा को गंभीरता से लेने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं। इसके अलावा, इससे समाज में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा, जो कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक लक्ष्य है।

शैक्षणिक समुदाय का समर्थन

इविवि के डीन शैक्षणिक कार्यक्रम प्रो. अनुपम पांडे और भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो. अश्वजीत चौधरी सहित सभी शिक्षकों ने डॉ. कोयल की इस उत्कृष्ट पहलों के लिए बधाई दी है।

निष्कर्ष

यह शोध न केवल सरकारी योजनाओं की सफलता को सुदृढ़ करेगा, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में भी काम करेगा। डॉ. कोयल के प्रयासों से प्रयागराज में लड़कियों की शिक्षा को महत्व देने का एक नया दौर शुरू होगा। यदि आप इस विषय पर और जानकारी चाहते हैं, तो कृपया [IndiaTwoday](https://indiatwoday.com) पर जाएं।

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