बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का बड़ा कदम:152 छात्राओं को मिले ट्रैक सूट, शिक्षा को बढ़ावा
हापुड़ के धौलाना स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यालय की 152 छात्राओं को ट्रैक सूट वितरित किए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक धर्मेश तोमर ने समाज में बेटा-बेटी के भेदभाव को समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बेटियों को समान शिक्षा और अवसर मिलने चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर परिवार, समाज और देश का नाम रोशन कर सकें। छात्रों को मिले बेहतर सुविधा जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने छात्राओं को बेहतर शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करने के विभाग के लक्ष्य को रेखांकित किया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रितु तोमर ने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न छात्र कल्याण योजनाओं की जानकारी साझा की और इन योजनाओं का लाभ छात्राओं तक पहुंचाने की विभाग की प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी देशराज वत्स, डीसी अमित शर्मा, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का समस्त स्टाफ, जिला प्रोबेशन कार्यालय से कनिष्ठ सहायक पंकज यादव और संरक्षण अधिकारी मनीष द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का बड़ा कदम: 152 छात्राओं को मिले ट्रैक सूट, शिक्षा को बढ़ावा
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत, हाल ही में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसमें 152 छात्राओं को ट्रैक सूट प्रदान किए गए हैं। यह कदम न केवल छात्राओं को खेलकूद में प्रोत्साहित करने के लिए है, बल्कि समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी है। इस अभियान का मकसद है कि बेटियों को उनके अधिकार और अवसर मिले, ताकि वे समाज में अपनी पहचान बना सकें।
खेलों में भागीदारी का महत्व
आज की युवा पीढ़ी के लिए खेलकूद में भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक विकास में भी सहायक है। ट्रैक सूट का यह वितरण उन छात्राओं को आत्मविश्वास प्रदान करेगा, जो खेलों में अपनी प्रतिभा को निखारना चाहती हैं।
शिक्षा और अवसरों का समावेश
शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को एक समान अवसर प्रदान करना है। ट्रैक सूट प्राप्त करने वाली छात्राएं न केवल खेलकूद में भाग लेंगी बल्कि वे शिक्षा में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगी। बेटियों को खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करने का यह कदम उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
समुदाय और सरकार का सहयोग
इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय समुदाय और सरकार की सहभागिता आवश्यक है। शिक्षा और खेल क्षेत्र में सहयोग करने वाली संस्थाएं इस प्रयास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इसके माध्यम से हम बेटियों को सशक्त बना सकते हैं, जो भविष्य के लिए एक मजबूत नींव होगी।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर यह पहल एक सकारात्मक दिशा में है और इससे छात्राओं को प्रोत्साहन मिलेगा। यह केवल ट्रैक सूट प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सोच है जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लड़कियों के लिए अवसरों के द्वार खोलती है।
अंत में, इस तरह के कार्यक्रमों से हमें उम्मीद है कि लड़कियां न केवल शिक्षा में, बल्कि खेलों में भी अपनी पहचान बना सकेंगी।
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