गाजीपुर में 1575 में से केवल 532 शादियां हुईं:सामूहिक विवाह में लोगों का दिख रहा कम रुझान, तारीख समेत कई दिक्कतें

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में लोगों की रुचि कम होती दिख रही है। गाजीपुर जिले का उदाहरण इस कमी को स्पष्ट करता है। समाज कल्याण अधिकारी राम नगीना यादव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1575 कन्याओं की शादी का लक्ष्य था। 10 महीने बीतने के बाद केवल 532 विवाह ही संपन्न हो पाए हैं। प्रत्येक विकासखंड में करीब 60-70 शादियों का लक्ष्य अभी भी शेष है। उन्होंने बताया कि फरवरी के तीसरे सप्ताह में सामूहिक विवाह का आयोजन पुनः होने जा रहा है। समाज कल्याण विभाग प्रति कन्या 51,000 रुपये का खर्च वहन करता है, जिसमें विवाह की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं शामिल हैं। विभाग अब शेष लक्ष्य को पूरा करने के लिए लोगों से ऑनलाइन आवेदन की अपील कर रहा है। हालांकि, योजना में कम रुचि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण सामने आए हैं। ग्राम प्रधान पति कमलेश यादव ने कहा कि इस कम रुचि का प्रमुख कारण कार्यक्रम की अनिश्चित तिथि है। परंपरागत रूप से, परिवार अपनी बेटियों की शादी 5-6 महीने पहले तय करते हैं, जबकि सामूहिक विवाह की तिथि कार्यक्रम से मात्र 10 दिन पहले तक निर्धारित नहीं होती। राघवेंद्र चौबे ने कहा कि सामूहिक विवाह में भारतीय सनातन परंपराओं का पूर्ण निर्वहन नहीं हो पाता, और केवल औपचारिकताएं ही पूरी की जाती हैं। अब विभाग के सामने अब बड़ी चुनौती है कि वह शेष समय में लगभग 1,000 कन्याओं के विवाह कैसे संपन्न करे। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग योजना के लाभों के बारे में जागरूकता फैला रहा है और लोगों को इस सरकारी पहल का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर रहा है।

Feb 11, 2025 - 16:59
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गाजीपुर में 1575 में से केवल 532 शादियां हुईं:सामूहिक विवाह में लोगों का दिख रहा कम रुझान, तारीख समेत कई दिक्कतें
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में लोगों की रुचि कम होती दिख रही है। गाजीपुर जि
गाजीपुर में 1575 में से केवल 532 शादियां हुईं: सामूहिक विवाह में लोगों का दिख रहा कम रुझान, तारीख समेत कई दिक्कतें News by indiatwoday.com

सामूहिक विवाह की घटती लोकप्रियता

गाजीपुर में हाल ही में हुई सामूहिक विवाह समारोह ने एक बार फिर से चर्चा का विषय बना दिया है। इस बार साल 1575 में से केवल 532 शादियां हुईं, जो कि कुल के मुकाबले एक बहुत ही कम संख्या है। सामूहिक विवाह जैसे आयोजनों का उद्देश्य आर्थिक मदद और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना होता है, लेकिन इस बार लोगों का रुझान काफी कम नजर आ रहा है।

लोगों के रुझान में कमी का कारण

समारोह में कम भागीदारी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक प्रमुख कारण तारीखों का सही ना होना बताया जा रहा है। कई परिवारों ने अपनी शादियों की तारीख पहले से ही तय कर रखी थी, जिससे सामूहिक विवाह में शामिल होना संभव नहीं हो पाया। इसके अलावा, कुछ स्थानीय आयोजनों में भी बदलाव के चलते भी इस बार कम विवाह हुए हैं।

भविष्य के लिए समाधान

संस्थान और आयोजकों को चाहिए कि वे भविष्य में इन समस्याओं को दूर करने के लिए एक ठोस योजना बनाएं। इसके तहत सही तारीखों का निर्धारण, प्रिय स्थान का चयन और अधिक जागरूकता अभियान शामिल किए जाएं। साथ ही, सामूहिक विवाह समारोह के लाभों को समझाने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता

सामूहिक विवाह की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है। परिवारों को यह समझाना होगा कि सामूहिक विवाह न केवल आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद है, बल्कि यह सामाजिक समरसता को भी बढ़ाता है। सही दिशा में कदम उठाकर संस्थाएं इस समारोह की उपयोगिता को फिर से जागृत कर सकती हैं। कीवर्ड्स: गाज़ीपुर सामूहिक विवाह, शादी का रुझान, शादी की तारीखें, सामूहिक विवाह की संख्या, गाज़ीपुर विवाह आयोजन, सामूहिक विवाह में कमी, शादी के लिए तैयारी, विवाह समारोह के लाभ, सामूहिक शादियों की लोकप्रियता, समुदायिक विवाह में भागीदारी समाचार के लिए अधिक अपडेट के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं।

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