मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फ्रॉड:लोगों से ₹5,000 का डिपॉजिट मांग रहे जालसाज, दूरसंचार विभाग ने कहा- नोटिस फेक है
दूरसंचार विभाग (DoT) ने लोगों को मोबाइल टावर लगाने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ आगाह किया है। जालसाज लोगों को मैसेज भेजकर टावर लगाने के बदले पैसे वसूल रहे हैं। न्यूज एजेंसी PIB फैक्ट चेक ने इन मैसेज को फर्जी बताते हुए लोगों से सावधान रहने की सलाह दी है। DoT ने कहा है कि उसकी और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) की तरफ से इस तरह का कोई मैसेज नहीं भेजा गया है। नोटिस भेजकर 5,000 डिपॉजिट मांग रहे जालसाज साइबर अपराधी लोगों को मंथली किराया देने के बदले घर की छत या खाली जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने का लालच देते हैं। उनके द्वारा ऐसा लेटर तैयार किया जाता है, जो सरकारी आदेश की तरह नजर आता है। इसकी भाषा भी बिल्कुल सरकारी दस्तावेज की तरह लगती है। इसमें टावर लगवाने के बदले 5,000 रुपए कंपनी के वकील के खाते में जमा कराने को कहा जाता है। कुछ लोग इस झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई NOC जारी नहीं की जाती TRAI ने कहा कि उसकी तरफ से मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई NOC जारी नहीं की जाती है। अगर, इस तरह का कोई मैसेज आपको मिलता है तो यह पूरी तरह से फर्जी है। TRAI ने कहा कि इस तरह का मैसेज आने पर किसी तरह का लेन-देन करने से बचें। आप संबंधित मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को इस बारे में सूचित करें। दूरसंचार विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं और थाने में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं। आइए जानते हैं मोबाइल टावर लगाने के नाम पर हो रही ठगी से खुद को कैसे बचाएं और मोबाइल टावर लगवाने का सही प्रोसेस क्या है... सवाल- मोबाइल टावर के नाम पर साइबर ठग लोगों को कैसे अपने जाल में फंसाते हैं? जवाब- साइबर ठग लोगों को उनकी जमीन या छत पर टावर लगवाने के बदले हर महीने मोटी कमाई का झांसा देते हैं। इसके साथ ही टेलिकॉम कंपनी की तरफ से एक व्यक्ति को नौकरी देने का भी वादा करते हैं। यही वजह है कि लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। सवाल- मोबाइल टावर के नाम पर होने वाले स्कैम से कैसे बच सकते हैं? जवाब- मोबाइल टावर स्कैम में सबसे पहले स्कैमर्स टेलिकॉम कंपनी का प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं। इसके बाद वह कंपनी की पॉलिसी के नाम पर आपको नौकरी या बिना कुछ किए मोटी कमाई करने का लालच देते हैं। जब आप एक बार उनके झांसे में आ जाते हैं तो वह कंपनी में रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर आपसे फाइल चार्ज मांगते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि कभी भी टेलिकॉम कंपनी किसी को इस तरह फोन करके मोबाइल टावर लगाने का ऑफर नहीं देती है। अगर आपके पास ऐसा कोई कॉल आए तो उसके झांसे में न आएं। इसके अलावा नीचे ग्राफिक में दी गई कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें। सवाल- मोबाइल टावर लगवाने का सही तरीका क्या है? जवाब- अगर आप अपने प्लॉट या छत पर मोबाइल टावर लगवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको टावर ऑपरेट करने वाली कंपनी से संपर्क करना होगा। इसके लिए टावर ऑपरेट कंपनी के ऑफिस जाना होगा। साथ ही ऑनलाइन वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं। इसके बाद कंपनी के प्रतिनिधि आपकी प्रॉपर्टी का इंस्पेक्शन करेंगे। मोबाइल टावर को लेकर सरकार द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं। इन नियमों के आधार पर ये तय होता है कि आपकी प्रॉपर्टी में टावर लग सकता है या नहीं। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए- सवाल- क्या मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई सिक्योरिटी मनी भी जमा करनी होती है? जवाब- बिल्कुल नहीं। अगर कोई मोबाइल कंपनी आपकी जमीन पर मोबाइल टावर लगा रही है तो वह किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी मनी या फिर पैसे की डिमांड नहीं कर सकती है। इसका सारा खर्च मोबाइल कंपनी के द्वारा ही वहन किया जाता है। सवाल- मोबाइल टावर लगवाने के लिए क्या परमिशन लेनी पड़ती है? जवाब- भारतीय टेलिग्राफ राइट ऑफ वे (संशोधन) नियम 2022 के मुताबिक, निजी संपत्ति पर मोबाइल टावर लगाने के लिए किसी प्राधिकरण से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि टावर लगाने वाली कंपनी को स्थानीय प्रशासन को इसकी लिखित जानकारी देनी होती है। सवाल- मोबाइल टावर लगवाने पर कितना किराया मिलता है? जवाब- इसके लिए टेलिकॉम कंपनी की तरफ से करीब 5000 रुपए से लेकर 60 हजार रुपए तक मासिक किराया मिलता है। यह किराया आपके शहर, जमीन की लोकेशन, ऊंचाई आदि के आधार पर तय होता है। सवाल- अगर मोबाइल टावर से जुड़ी ठगी का शिकार हो जाएं तो क्या करें? जवाब- इस तरह का फ्रॉड होने पर सबसे पहले स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें। इसके बाद साइबर क्राइम की वेबसाइट या नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी शिकायत दर्ज कराएं। साइबर पुलिस इस मामले में आपकी मदद करेगी।

मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फ्रॉड: लोगों से ₹5,000 का डिपॉजिट मांग रहे जालसाज, दूरसंचार विभाग ने कहा- नोटिस फेक है
दूरसंचार विभाग (DoT) ने हाल ही में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के मामले में आम जनता को सतर्क किया है। जालसाज लोगों को मैसेज भेजकर टावर लगाने के बदले पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। खबरों के अनुसार, इस धोखाधड़ी के तहत जालसाज ₹5,000 बतौर डिपॉजिट मांग रहे हैं। इस संदर्भ में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने स्पष्ट किया है कि इन्हें भेजे गए नोटिस पूरी तरह से फर्जी हैं।
फ्रॉड की पैठ: साइबर ठगों की नई चाल
साइबर अपराधी लोगों को घर की छत या खाली जमीन पर मोबाइल टावर लगाने का लालच देकर मंथली किराया देने का वादा करते हैं। उन्होंने ऐसा एक दस्तावेज तैयार किया है, जो सरकारी आदेश की तरह नजर आता है। इस फर्जी दस्तावेज की भाषा भी सरकारी दस्तावेज जैसी होती है। इसमें कहा जाता है कि 5,000 रुपए कंपनी के वकील के खाते में जमा कराना होगा। ऐसे में कई लोग इस झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
क्यों हैं ये ऑफर फर्ज़ी? TRAI का बयान
TRAI का कहना है कि उनकी तरफ से मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई NOC जारी नहीं की जाती और इस तरह के मैसेज फर्जी हैं। अगर आपको ऐसा कोई संदेहास्पद संदेश मिलता है, तो आप उसे नजरअंदाज करें। लोग ऐसे जालसाजों के फंदे में न फंसे, इसके लिए TRAI ने सलाह दी है कि संबंधित मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को सूचित करें और दूरसंचार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर उनकी जानकारी जांचें।
धोखाधड़ी से बचने के उपाय
मोबाइल टावर के नाम पर साइबर ठग कैसे लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं, यह समझना भी आवश्यक है। अक्सर ये ठग टेलिकॉम कंपनी के प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं और नौकरी का वादा करते हैं। इसके बाद, रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर पैसे की मांग करते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कोई भी टेलिकॉम कंपनी इस तरह से मोबाइल टावर लगाने का ऑफर नहीं देती। यदि आपके पास ऐसा कोई कॉल आए, तो तुरंत इसकी रिपोर्ट करें। आप स्थानीय पुलिस और साइबर क्राइम वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत कर सकते हैं।
मोबाइल टावर लगवाने का ठीक प्रक्रिया
अगर आप अपने प्लॉट या छत पर मोबाइल टावर लगवाना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले आधिकारिक टावर ऑपरेटिंग कंपनी से संपर्क करना चाहिए। टावर ऑपरेट करने वाली कंपनियों के ऑफिस में जाकर जानकारी प्राप्त करें। इसके बाद, उनके प्रतिनिधि आपकी प्रॉपर्टी का इंस्पेक्शन करेंगे। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि किसी व्यक्तिगत संपत्ति पर मोबाइल टावर लगाने के लिए सरकारी प्राधिकरण से अनुमति नहीं की आवश्यकता है।
यदि कोई मोबाइल कंपनी आपकी जमीन पर टावर लगाने का निर्णय करती है, तो वह सिक्योरिटी मनी की मांग नहीं कर सकती। सारे खर्चों का वहन कंपनी खुद करती है। अगर आप ठगी के शिकार हो जाते हैं, तो सबसे पहले स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें और इसके बाद जरूरी कार्रवाई करें।
दूरसंचार विभाग ने इस धोखाधड़ी से बचने के लिए जन जागरूकता का अभियान शुरू किया है ताकि लोग इस प्रकार के फर्जी प्रस्तावों से खुद को बचा सकें।
निर्णय के रूप में, मोबाइल टावर स्कैम से बचने के लिए सामान्य सावधानी रखना चाहिए और संबंधित निकायों की निर्देशित प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। यह वक्त है ज्यादा सतर्क रहने और जालसाजों के ठगी का शिकार न होने का।
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सरकार और दूरसंचार विभाग की तरफ से दी गई जानकारी का ध्यान रखते हुए, हमेशा फर्जी अधिसूचनाओं से सावधान रहें।
लेखकों का समूह: टीम IndiaTwoday
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