फर्जी पहचान बताकर युवती से किया दुष्कर्म:अमरोहा कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 8 साल की कैद, 5 हजार का जुर्माना भी लगाया

अमरोहा की एक अदालत ने युवती से दुष्कर्म करने वाले आरोपी नाजिम अली को आठ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी खुद को संजय नाम से पेश कर युवती के संपर्क में आया और नौकरी का झांसा देकर होटल ले गया। वहां चाय-नाश्ते के बहाने दुष्कर्म किया और अश्लील फोटो खींच लिए। घटना तीन मार्च 2024 की है। गजरौला थाना क्षेत्र के एक होटल में भदौरा गांव निवासी नाजिम अली ने सैदनगली क्षेत्र की एक युवती को नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। होटल में युवती को शक हुआ तो उसने आरोपी की आईडी की फोटो खींच ली। तभी खुलासा हुआ कि आरोपी का असली नाम संजय नहीं, नाजिम है। अश्लील फोटो किए वायरल, परिजनों को दी जानकारी जब युवती ने सच्चाई जान ली तो नाजिम ने उसे ब्लैकमेल करते हुए उसके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। होटल के बाहर रोती-बिलखती युवती ने परिजनों को सूचना दी। मां और भाई मौके पर पहुंचे, जहां पीड़िता ने आपबीती सुनाई। कुछ ही देर में पुलिस भी पहुंच गई। दुष्कर्म, आईटी और एससी-एसटी एक्ट में दर्ज हुआ केस मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के चलते पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए आरोपी नाजिम अली के खिलाफ दुष्कर्म, आईटी एक्ट और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। गिरफ्तारी के बाद से ही आरोपी जेल में बंद है। उसे हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिली थी। कोर्ट ने सुनाया फैसला, दोषी करार देकर दी सजा मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष एससी-एसटी कोर्ट) संजय चौधरी की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी मनोज सक्सेना ने पक्ष रखा। बुधवार को कोर्ट ने नाजिम अली को दोषी करार देते हुए उसे 8 साल कठोर कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

Jun 6, 2025 - 09:27
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फर्जी पहचान बताकर युवती से किया दुष्कर्म:अमरोहा कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 8 साल की कैद, 5 हजार का जुर्माना भी लगाया
अमरोहा की एक अदालत ने युवती से दुष्कर्म करने वाले आरोपी नाजिम अली को आठ साल के कठोर कारावास की सजा

फर्जी पहचान बताकर युवती से किया दुष्कर्म: अमरोहा कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 8 साल की कैद, 5 हजार का जुर्माना भी लगाया

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अमरोहा, उत्तर प्रदेश: एक शर्मनाक घटना में, अमरोहा की एक अदालत ने युवती से दुष्कर्म करने वाले नाजिम अली को आठ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब आरोपी ने अपनी असली पहचान छिपाते हुए युवती से संजय नाम से संपर्क किया, और उसे नौकरी का झांसा देकर एक होटल में ले गया। वहां चाय-नाश्ते के बहाने उसने दुष्कर्म किया और अश्लील तस्वीरें भी खींचीं। इस किस्म की घटनाएँ समाज में महिलाओं की सुरक्षा के संदर्भ में गहरी चिंता पैदा करती हैं।

घटना का विवरण

यह घटना 3 मार्च 2024 को गजरौला थाना क्षेत्र के एक होटल में हुई। भदौरा गांव के निवासी नाजिम अली ने वहा रहने वाली एक युवती को नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया। युवती को जब आरोपी पर संदेह हुआ, तब उसने उसकी आईडी की फोटो खींच ली। छानबीन करने पर पता चला कि नाजिम ने अपने नाम की जगह संजय का इस्तेमाल किया। आरोपी ने न केवल युवती को धोखा दिया, बल्कि अगर वह सच्चाई जान गई तो उसे ब्लैकमेल करते हुए उसकी अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दीं।

पारिवारिक सहायता और पुलिस की कार्रवाई

जब युवती ने इस मामले की वास्तविकता का पता लगाया, तो उसने अपने परिवार को सूचना दी। उसकी माता और भाई मौके पर पहुंचे, जहां पीड़िता ने उन्हें अपनी आपबीती सुनाई। हालात को देखते हुए, पुलिस ने तेजी से कार्यवाही की और आरोपियों के खिलाफ उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। आरोपियों पर दुष्कर्म, आईटी एक्ट, और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

अदालत का फैसला

इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष एससी-एसटी कोर्ट) संजय चौधरी की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष ने एडीजीसी मनोज सक्सेना के माध्यम से अपने मामले को पेश किया। बुधवार को अदालत ने नाजिम अली को दोषी करार देते हुए उसे 8 साल कठोर कारावास और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला न केवल पीड़ित के लिए न्याय है, बल्कि समाज को भगवती जागरूकता का भी संदेश देता है कि ऐसी हरकतों को सहन नहीं किया जाएगा।

समाजिक संदेश

इस घटना ने अकेले अमरोहा नहीं बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा के सवालों को फिर से उजागर किया है। यह समय है कि समाज, प्रशासन और कानून की व्यवस्था इन समस्याओं का समाधान ढूंढें। ऐसी घटनाओं को रोकने और निपटने के लिए सख्त कानूनों की आवश्यकता है, ताकि कोई भी व्यक्ति स्त्री के खिलाफ इस तरह की जघन्य क्रियाओं का सोचना भी न करे।

इस निर्णय के जरिए पीड़ितों को एक सकारात्मक संदेश दिया गया है कि वे अपने हक के लिए लड़ सकते हैं और न्याय की उम्मीद रख सकते हैं। ऐसे फैसले न केवल पीड़ितों के लिए न्याय लाते हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक नज़रिए को बदलने में मदद करते हैं, जहां बलात्कार और यौन हिंसा को सख्ती से नकारा जाएगा।

निष्कर्ष

अमरोहा मामले में कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले ने हमें दिखाया है कि न्याय की प्रक्रिया अभी भी जीवित है। सभी को इस दिशा में सजग रहना होगा और समाज की रक्षा में अपना योगदान देना होगा। हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम ऐसी घटनाओं को समाप्त करने में मदद करें और समाज में समानता की दिशा में बढ़ें। यह एक लंबे रास्ते का प्रारंभ है, लेकिन हमें यह विश्वास रखना आवश्यक है कि बदलाव संभव है।

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