नीदरलैंड में 11 महीने में गिर गई सरकार:मुसलमान विरोधी नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने गठबंधन छोड़ा, कहा- सरकार अप्रवासियों को निकालने में नाकाम
नीदरलैंड में दक्षिणपंथी पार्टी PVV ने गठबंधन से बाहर निकलने का ऐलान किया है। पार्टी चीफ गीर्ट वाइल्डर्स ने कहा कि उनकी पार्टी के सभी मंत्री सरकार से इस्तीफा दे रहे हैं। यह सरकार सिर्फ 11 महीने चल पाई। नीदरलैंड में जुलाई 2024 में गठबंधन सरकार बनी थी। वाइल्डर्स खुद सरकार में किसी पद पर नहीं थे। उन्होंने कहा कि गठबंधन के साथी दल शरणार्थी संकट को लेकर कड़ी नीति नहीं बना रहे थे। इस वजह से उन्होंने गठबंधन से निकलने का फैसला किया है। यह फैसला ऐसे वक्त में हुआ है जब गठबंधन पहले से बेहद कमजोर हालत में था। गठबंधन सरकार में 4 पार्टियां शामिल थीं, अब सिर्फ 3 रह गई हैं। यानी कि अब सरकार अल्पमत में आ गई है और और देश अब एक कार्यवाहक प्रशासन के हवाले हो गया है। यह तब तक काम करेगा जब तक नए चुनाव नहीं हो जाते। PM शूफ ने गठबंधन तोड़ने की आलोचना की पिछले हफ्ते वाइल्डर्स ने 10 सूत्रीय प्लान पेश किया था। इसमें शरणार्थियों की आवाजाही को पूरी तरह से बंद करने, सीरियाई शरणार्थियों को वापस भेजने, सेना से सीमाओं की हिफाजत करने और शरणार्थी केंद्रों को बंद करने जैसे कठोर उपाय शामिल थे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर इस पर सहमति नहीं बनी तो वे सरकार छोड़ देंगे। प्रधानमंत्री डिक शूफ ने कहा कि गठबंधन को गिराना गैरजरूरी और गैर-जिम्मेदाराना कदम है। उन्होंने कहा कि वे भी शरणार्थी संकट का हल निकालना चाहते थे लेकिन अचानक सरकार से बाहर निकलना सही नहीं है। पीपुल्स पार्टी फॉर फ्रीडम एंड डेमोक्रेसी की नेता दिलन येसिलगोज ने कहा कि वाइल्डर्स का फैसला बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं से अपील की थी कि वे ऐसे समय में जब यूरोप में युद्ध और आर्थिक संकट की आशंका है, संयम और समझदारी से काम लें, लेकिन बैठक के कुछ ही मिनट बाद वाइल्डर्स ने गठबंधन छोड़ दिया। नीदरलैंड में PVV सबसे बड़ी पार्टी कुछ ही महीने में फिर से चुनाव होंगे अब संभावना है कि कुछ महीनों के भीतर देश में फिर से चुनाव होंगे। इससे यूरोप की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अस्थिरता बढ़ेगी और नाटो के नए डिफेंस टारगेट पर फैसलों में भी देरी हो सकती है। इस महीने के अंत में नाटो नेताओं की एक अहम बैठक द हेग में होने वाली है, लेकिन तब तक नीदरलैंड में शायद सिर्फ एक कार्यवाहक सरकार बची रह जाएगी। गठबंधन टूटने के बाद अन्य दल अल्पसंख्यक सरकार चलाने का विकल्प देख सकते हैं, लेकिन उन्होंने अभी इस पर कुछ नहीं कहा है। दिलचस्प बात यह है कि वाइल्डर्स ने हालिया चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं, लेकिन अब कई सर्वे में दिखा रहे हैं कि सरकार में शामिल होने के बाद उनकी लोकप्रियता कम हो गई है और अब उनकी पार्टी को केवल 20% वोट मिलने की संभावना है। नीदरलैंड में नवंबर 2023 में कुल 150 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। इसमें गीर्ट वाइल्डर्स की पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं। PVV, VVD, NSC और BBB ने मिलकर सरकार बनाई थी। इनके पास कुल मिलाकर 88 सीटें थीं, लेकिन PVV के गठबंधन से बाहर निकलने पर गठबंधन सरकार के पास अब 51 सीटें रह गई हैं। ..................................................... नीदरलैंड से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... नीदरलैंड का चुनाव जीते इस्लाम-विरोधी नेता गीर्ट वाइल्डर्स:पाक को आतंकी देश कहा था; कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर भारत का समर्थन किया नीदरलैंड में फ्रीडम पार्टी (PVV) के इस्लाम-विरोधी नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने आम चुनाव में जीत हासिल कर ली है। वो देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। BBC ने बताया कि एग्जिट पोल के मुताबिक वाइल्डर्स की पार्टी को 37 सीटों पर जीत मिली है। गीर्ट वाइल्डर्स ने कहा कि PVV को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, हम शासन जरूर करेंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें...

नीदरलैंड में 11 महीने में गिर गई सरकार: मुसलमान विरोधी नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने गठबंधन छोड़ा, कहा- सरकार अप्रवासियों को निकालने में नाकाम
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नीदरलैंड में दक्षिणपंथी पार्टी PVV के नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने हाल ही में अपने गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया है। सिर्फ 11 महीने पहले बनी यह सरकार अब अप्रवासी मुद्दों पर असमर्थता के कारण गिर गई है। वाइल्डर्स ने आरोप लगाया कि उनके सहयोगी दल शरणार्थी संकट को लेकर उपाय करने में नाकाम रहे हैं।
गठबंधन सरकार का पतन
नीदरलैंड में जुलाई 2024 में गठबंधन सरकार का गठन हुआ था जिसमें चार पार्टियां शामिल थीं। लेकिन अब, गीर्ट वाइल्डर्स की पार्टी PVV के बाहर निकलने से यह सरकार अल्पमत में आ गई है। इस निर्णय ने देश को एक कार्यवाहक सरकार के हवाले कर दिया है, जो नए चुनाव तक काम करेगी।
वाइल्डर्स का कठोर नज़रिया
गीर्ट वाइल्डर्स ने दोहराया कि उनकी पार्टी के सभी मंत्री इस्तीफा देंगे। हाल में पेश किए गए 10 सूत्री प्लान में उन्होंने शरणार्थियों की आवाजाही को पूरी तरह बंद करने, उन्हें वापस भेजने और सुरक्षा के लिए सेना लगाने जैसे कड़े उपाय शामिल किए थे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि इन पर सहमति नहीं बनी, तो वे सरकार छोड़ देंगे।
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री डिक शूफ ने कहा कि वाइल्डर्स का यह कदम गैर-जिम्मेदाराना है और स्थिति को और कमजोर करेगा। उन्होंने आगाह किया कि यह समय संयम और समझदारी से काम करने का है, खासकर जब यूरोप में आर्थिक संकट और युद्ध की आशंका है।
राजनीतिक अस्थिरता और चुनाव की संभावना
अब, नीदरलैंड में दुबारा चुनाव होने की संभावना बन गई है। कुछ महीने के भीतर चुनाव होने की चर्चा है, लेकिन इससे पहले सरकार की अस्थिरता यूरोप की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बड़ी चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकती है।
अवधि और भविष्य की संभावनाएं
नीदरलैंड में PVV हाल के चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही थी। हालांकि, गठबंधन से बाहर निकलने के बाद सर्वेक्षण यह संकेत दे रहे हैं कि वाइल्डर्स की लोकप्रियता प्रभावित हुई है और उनकी पार्टी को महज 20% वोट मिलने की संभावना है।
निष्कर्ष
नीदरलैंड की स्थिति सभी नज़रें उस दिशा में मोड़ रही हैं जहां राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक चिंताएँ मुख्य बन गई हैं। वाइल्डर्स द्वारा गठबंधन तोड़ने का निर्णय देश की दिशा को प्रभावित कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों का परिणाम किस दिशा में जाएगा और क्या यह सरकार पुनः स्थिरता प्राप्त कर सकेगी या नहीं।
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