कुल्लू में खराब रोड की हालत पर ग्रामीणों का विरोध:PWD ऑफिस के बाहर धरना, निर्माण अधूरा छोड़ने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग
कुल्लू में गुगरा-जाओं-तराला रोड की खराब स्थिति के विरोध में लढागी और बुछैर क्षेत्र के ग्रामीणों ने निरमण्ड में लोक निर्माण विभाग ऑफिस के बाहर धरना दिया। सीटू नेता पदम् प्रभाकर के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में लफाली पंचायत के उपप्रधान चुनी लाल समेत कई पंच और ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होगी, धरना जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि इसी मुद्दे पर दिसंबर 2024 और अप्रैल में भी प्रदर्शन किया गया था, लेकिन विभाग ने सिर्फ आश्वासन दिए। जाओं से लढागी के बीच सड़क का टारिंग कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों ने अप्रैल-मई में इसे पूरा करने की मांग की थी। साथ ही सड़क की मरम्मत के लिए बची हुई धनराशि के उपयोग की मांग भी लंबित है। तीन दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत हो चुकी पदम् प्रभाकर ने बताया कि सड़क पर खतरनाक स्थानों पर रेलिंग नहीं लगाई गई है। इस मार्ग पर तीन दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। 2010 में एक बस दुर्घटना में भी कई लोगों की जान गई थी। ग्रामीणों ने याद दिलाया कि सड़क निर्माण के समय उन्होंने इस शर्त पर अपनी जमीन दी थी कि जहां सड़क की कटिंग से उनकी जमीन को खतरा है, वहां डंगे लगाए जाएंगे। यह काम भी अभी तक नहीं हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क में बनाये गए कलवर्ट हटाकर वहां स्लैब कलवर्ट बनाए जाएं, क्योंकि दो सालों पहले भारी बारिश में नालों, नालियों का पानी इन कलवर्ट में जाने के बजाएं सड़क में बहता रहा और भारी बारिश आने पर अब भी सड़क पानी से नाले का रूप धारण कर खराब हो रही है। जबकि शिलापनी में स्लैब कलवर्ट सेंक्शन है, वहां अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। जबकि लढागी से तराला सड़क की टारिंग का टेंडर हो चुका है और काम कछुआ गति से चला है। क्रमिक धरना जारी रहेगा प्रतिनिधि मंडल ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से मांग की है कि उनकी इन समस्याओं और मांगों पर जब तक जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं होता तब तक उनका क्रमिक धरना जारी रहेगा। वहीं इस बारे में लोक निर्माण विभाग के निरमण्ड मंडल के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार का कहना है कि जाओं-बुछैर सड़क की मुरम्मत का कार्य ठेकेदार को दिया गया है, जिसने काम अधूरा छोड़ दिया है। जिसे री असाइन करने और सिक्योरिटी जब्त करने के लिए केस उच्चाधिकारियों को भेज दिया है। जबकि इस सड़क की मरम्मत के लिए अतिरिक्त धनराशि की भी सरकार से मांग की है।

कुल्लू में खराब रोड की हालत पर ग्रामीणों का विरोध: PWD ऑफिस के बाहर धरना, निर्माण अधूरा छोड़ने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग
कुल्लू, हिमाचल प्रदेश – कुल्लू के गुगरा-जाओं-तराला रोड की बेहद खराब स्थिति को लेकर ग्रामीणों ने आज लोक निर्माण विभाग (PWD) कार्यालय के बाहर जोरदार धरना दिया। इस धरने की अगुवाई सीटू नेता पदम् प्रभाकर द्वारा की गई, जिसमें लफाली पंचायत के उपप्रधान चुनी लाल समेत कई पंच और ग्रामीण शामिल हुए। धरनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती, उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।
सड़क के निर्माण में विफलता और पूर्व की घटनाएं
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर और अप्रैल में भी इसी मुद्दे पर प्रदर्शन किया गया था। सरकार ने उन्हें केवल आश्वासन देकर छोड़ दिया, जिसके चलते अब उन्हें फिर से प्रदर्शन करने का सहारा लेना पड़ा। जाओं से लढागी के बीच सड़क का टारिंग कार्य अधूरा पड़ा है, जिसे ग्रामीणों ने जल्द पूरा करने की मांग की थी। इसके अलावा, सड़क की मरम्मत के लिए बची हुई धनराशि का इस्तेमाल भी लंबित है।
खतरनाक सड़क स्थिति और सुरक्षा की कमी
पदम् प्रभाकर ने बताया कि सड़क के खतरनाक स्थानों पर रेलिंग नहीं लगाई गई है, जिससे कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। तीन दुर्घटनाओं में चार लोगों की जान चली गई है और कई गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। 2010 में एक बस दुर्घटना ने भी बड़ी जनहानि ली थी। सड़क निर्माण के समय ग्रामीणों ने यह सहमति दी थी कि उनकी जमीनों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए आवश्यक कार्य किए जाएंगे, लेकिन यह भी अब तक अधर में है।
स्थायी समाधान की दिशा में कदम
ग्रामीणों का मानना है कि सड़क में बने कलवर्ट को हटाकर वहां स्लैब कलवर्ट बनाने चाहिए, ताकि बारिश के समय सड़क पर पानी न बह सके। पिछले दो वर्षों में, भारी बारिश के दौरान कई स्थानों पर सड़क का पानी नालियों में जाने के बजाए सीधे सड़क पर बह गया, जिससे हालात और भी बिगड़ गए हैं। वहीं, शिलापनी में स्लैब कलवर्ट के निर्माण का काम भी अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
बंदूक की नोंक पर मांगें
धरनारत ग्रामीणों का प्रतिनिधि मंडल लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से मिला, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, उनका क्रमिक धरना जारी रहेगा। इस पर लोक निर्माण विभाग के निरमण्ड मंडल के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने कहा कि जाओं-बुछैर सड़क की मुरम्मत का कार्य ठेकेदार को सौंपा गया था, जिसने इसे अधूरा छोड़ दिया। इसे री-असाइन करने और सिक्योरिटी मनी जब्त करने के लिए मामला उच्च अधिकारियों को भेजा गया है।
ग्रामीणों की मांग है कि सरकार की तरफ से दी गई धनराशि की सही तरीके से उपयोग किया जाए ताकि सड़क के हालात में सुधार हो सके। उन्हें फिर से आंदोलन करने में मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि स्थानीय प्रशासन को इस गंभीर समस्या का त्वरित समाधान निकालना जरूरी है।
यहां यह कहना भी जरूरी है कि ग्रामीणों द्वारा उठाई गई समस्याएं केवल मौजूदा सड़क की ही नहीं हैं, बल्कि वे सामाजिक सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता से भी जुड़ी हैं। उनके लिए यह न केवल सड़क की मरम्मत करने की मांग है, बल्कि उनकी जीवन-सुरक्षा की भी।
इन घटनाक्रमों के चलते, कुल्लू के ग्रामीण अधिकारों और उनकी सुरक्षा नीति के महत्व को समझाने की जरुरत है। अब देखना यह है कि क्या स्थानीय प्रशासन और सरकार इस समस्या का समाधान खोजेगी या फिर ग्रामीणों को फिर से धरने का सहारा लेना पड़ेगा।
कुल्लू में ग्रामीणों की इस समस्या को लेकर क्या कदम उठाए जाएंगे, इसके लिए हमें सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई का इंतजार रहेगा।
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