PAK रक्षा मंत्री बोले- भारत को जल युद्ध में हराएंगे:कहा- भारत जानबूझकर चिनाब का पानी कंट्रोल कर रहा; सीक्रेट बातचीत से इनकार
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा है कि उनका देश भारत को वाटर वॉर में हराएगा। शनिवार को मीडिया से बात करते हुए आसिफ ने कहा- चिनाब नदी में जल प्रवाह सामान्य से काफी कम है, भारत जानबूझकर इसे कंट्रोल कर रहा है। आसिफ ने दावा किया कि भारत कन्वेंशनल (पारंपरिक) युद्ध में हार चुका है, और अब हम उसे जल युद्ध में भी हराएंगे। उन्होंने उस दावे को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सीक्रेट बातचीत चल रही है। पाकिस्तान की नदियों में 21% पानी की कमी पाकिस्तान की सिंधु नदी सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) ने एक हफ्ते पहले अपनी रिपोर्ट में बताया था कि देश में सिंधु, झेलम और चिनाब नदी के प्रवाह में 21% की कमी आई है। खैबर पख्तूनख्वा राज्य में स्थिति प्रमुख बांध मंगला और तरबेला में 50% से भी कम पानी बचा है। IRSA के मुताबिक 2 जून 2025 को पंजाब में कुल पानी की उपलब्धता सिर्फ 1,28,800 क्यूसेक थी, जो पिछले साल के मुकाबले 14,800 क्यूसेक कम है। वहीं, पाकिस्तान सरकार के मुताबिक, 2 जून 2025 तक पंजाब प्रांत में सिंधु नदी प्रणाली में पानी की उपलब्धता पिछले साल के मुकाबले 10.3% कम हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद अब भारत पाकिस्तान के साथ जल प्रवाह के आंकड़े शेयर नहीं करेगा। इससे बरसात के मौसम में बाढ़ मैनेजमेंट भी मुश्किल हो जाएगा। पाकिस्तान में मानसून पहुंचने में अभी 3 हफ्ते लगेंगे पाकिस्तान के ऊपर एक एंटी साइक्लोन बन गया है। इस वजह से कई इलाके भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। बलूचिस्तान के कई इलाकों में 16 घंटे बिजली कटौती हो रही है, इस वजह से गर्मी काटना और भी मुश्किल हो गया है। अभी दक्षिण-पश्चिम मॉनसून को पाकिस्तान पहुंचने में 3 हफ्ते लगेंगे, ऐसे में आने वाले हफ्ते और ज्यादा मुश्किल भरे हो सकते हैं। भारत से सिंधु जल संधि बहाल करने की मांग पानी की कमी से जूझते पाकिस्तान ने भारत को सिंधु जल संधि को दोबारा बहाल करने की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामाबाद ने भारत से इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए 4 लैटर भेजे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने ये चार खत भारत के जल शक्ति मंत्रालय को भेजे, जिसे फिर विदेश मंत्रालय के पास भेजा गया। भारत ने यह संधि अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद निलंबित कर दी थी, जिसमें 26 भारतीय पर्यटकों की मौत हुई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया। भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह और भरोसे के साथ खत्म नहीं करता, तब तक यह संधि निलंबित ही रहेगी। भारत सरकार की कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने भी इस फैसले को मंजूरी दी है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने रोका था सिंधु जल समझौता 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में 5 आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अगले दिन PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने 5 बड़े फैसले लिए थे। इसमें 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को रोका गया था। अटारी चेक पोस्ट बंद कर दिया गया था। वीजा बंद कर दिया गया और उच्चायुक्तों को हटा दिया था। इसके बाद 7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक करके तबाह कर दिया था। दोनों देशों में 4 दिन तक संघर्ष चला था, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 10 मई को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सीजफायर की जानकारी दी थी। सिंधु जल समझौता स्थगित करने से पाकिस्तान पर असर ---------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... बिलावल से बोले अमेरिकी सांसद- जैश-ए-मोहम्मद को खत्म करो:डॉ. आफरीदी को भी रिहा करने को कहा; आतंकी लादेन को पकड़ने में मदद की थी अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन ने बिलावल भुट्टो से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को पूरी तरह से खत्म करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को हर संभव प्रयास चाहिए। यहां पढ़ें पूरी खबर...

PAK रक्षा मंत्री बोले- भारत को जल युद्ध में हराएंगे
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान का इरादा जलयुद्ध (water war) में भारत को हराने का है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान में जल संकट गहराता जा रहा है और नदियों का जल प्रवाह निरंतर कम हो रहा है।
भारत पर गंभीर आरोप
आसिफ ने स्पष्ट रूप से कहा कि "भारत जानबूझकर चिनाब नदी का पानी कंट्रोल कर रहा है," उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत पारंपरिक युद्ध में हार चुका है, और अब हम उसे जल युद्ध में भी हराएंगे। उनकी इस भड़काऊ अपील ने न केवल दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी सवाल उठाते हैं।
जल संकट की गंभीरता
पाकिस्तान की सिंधु नदी सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते तीन प्रमुख नदियों—सिंधु, झेलम और चिनाब—में जल प्रवाह में 21% की कमी आई है। खैबर पख्तूनख्वा राज्य में प्रमुख बांध, मंगला और तरबेला, में भी पानी की उपलब्धता 50% से कम रह गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2 जून 2025 को पंजाब में कुल पानी की उपलब्धता भी पिछले साल की तुलना में 14,800 क्यूसेक कम थी।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सिंधु जल संधि के स्थगित होने के बाद अब भारत और पाकिस्तान के बीच जल प्रवाह के आंकड़े शेयर नहीं किए जाएंगे, जिससे बरसात के मौसम में बाढ़ प्रबंधन भी मुश्किल हो जाएगा। अब जबकि मानसून तक पहुंचने में 3 हफ्ते बचे हैं, पाकिस्तान में जल संकट और भी गंभीर हो सकता है।
सीक्रेट बातचीत पर कमीशन
आसिफ ने हाल ही में ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स को भी खारिज किया है जो यह दावा करती हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई गुप्त बातचीत चल रही है। उनका कहना है कि पाकिस्तान जल संकट को लेकर भारत से वार्ता करना चाहता है, लेकिन भारत आतंकवाद के मुद्दों को लेकर सहयोग नहीं कर रहा है।
भारत की प्रतिक्रिया
वहीं, भारत ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। यह निर्णय तब लिया गया था जब 26 भारतीय पर्यटक आतंकियों के हमले का शिकार हुए थे। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समाप्त करने का भरोसा नहीं देगा, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी।
भविष्य का परिदृश्य
सभी घटनाक्रमों से स्पष्ट होता है कि आने वाला समय भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवाद को लेकर और भी जटिल हो सकता है। जल के अधिकारों से जुड़ी यह लड़ाई न केवल राजनीतिक बल्कि मानवीय संकट का भी सबब बन सकती है। ऐसे में दोनों देशों के लिए आवश्यकता है कि वे शांति वार्ता के माध्यम से इस समस्या का समाधान निकालें।
इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत से सिंधु जल संधि की बहाली के लिए कई पत्र भेजे हैं। हालांकि, भारत ने इस पर कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिया है। ऐसे में जल संकट की स्थिति न केवल पाकिस्तान में खाने की कमी को बढ़ा सकती है, बल्कि क्षेत्रीय अस्थिरता का भी कारण बन सकती है।
इस प्रकार, वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह आवश्यक है कि दोनों देश इस ज्वलंत मुद्दे पर गंभीर विचार करें और एक स्थायी समाधान की खोज करें।
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