गैंगरेप में महिला समेत तीन को 20-20 साल कैद:जिले में पहली बार पॉक्सो एक्ट में महिला को मिली सजा, 7 साल पुराने मामले में आया फैसला

बुलंदशहर में कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में पहली बार एक महिला को दोषी मानते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। महिला सहित अन्य दो आरोपियों को भी कोर्ट ने 20 वर्ष की सजा सुनाते हुए अर्थ दंड भी लगाया है। बुलंदशहर के एक गांव में बीते वर्ष 2017 में एक बालिका का अपहरण कर आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। मामले में दो पुरुष सहित एक महिला को मामले में आरोपी बताते हुए परिजनों ने मुकदमा दर्ज कराया था। मामला न्यायालय में चल रहा था। मंगलवार को न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को गैंगरेप के मामले में 20 वर्ष की कठोर कारावास के साथ अर्थ दंड की सजा सुनाई है। बुलंदशहर जिले में प्रथम बार किसी महिला को गैंगरेप में न्यायालय ने दोषी माना है। न्यायालय की हुई कार्रवाई से परिजनों ने इंसाफ की बात कही है। एडीजीसी वरुण कौशिक ने बताया कि मामले में महिला सहित तीन अपराधियों को न्यायालय ने दोषी माना है। बालिका के परिजनों ने न्यायालय की प्रशंसा करते हुए अधिवक्ताओं का आभार जताया है। पीड़ित परिजनों ने न्यायालय के फैसले को न्याय बताया है।

Oct 29, 2024 - 19:50
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गैंगरेप में महिला समेत तीन को 20-20 साल कैद:जिले में पहली बार पॉक्सो एक्ट में महिला को मिली सजा, 7 साल पुराने मामले में आया फैसला
बुलंदशहर में कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में पहली बार एक महिला को दोषी मानते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। महिला सहित अन्य दो आरोपियों को भी कोर्ट ने 20 वर्ष की सजा सुनाते हुए अर्थ दंड भी लगाया है। बुलंदशहर के एक गांव में बीते वर्ष 2017 में एक बालिका का अपहरण कर आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। मामले में दो पुरुष सहित एक महिला को मामले में आरोपी बताते हुए परिजनों ने मुकदमा दर्ज कराया था। मामला न्यायालय में चल रहा था। मंगलवार को न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को गैंगरेप के मामले में 20 वर्ष की कठोर कारावास के साथ अर्थ दंड की सजा सुनाई है। बुलंदशहर जिले में प्रथम बार किसी महिला को गैंगरेप में न्यायालय ने दोषी माना है। न्यायालय की हुई कार्रवाई से परिजनों ने इंसाफ की बात कही है। एडीजीसी वरुण कौशिक ने बताया कि मामले में महिला सहित तीन अपराधियों को न्यायालय ने दोषी माना है। बालिका के परिजनों ने न्यायालय की प्रशंसा करते हुए अधिवक्ताओं का आभार जताया है। पीड़ित परिजनों ने न्यायालय के फैसले को न्याय बताया है।

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