गोंडा डीएम ने अधिकारियों को लगाई फटकार:सरकारी जमीन में कब्जा करने वालों पर होगी कार्रवाई, 1 सप्ताह में लंबित वादों की रिपोर्ट मांगी
गोंडा जिले में 5 साल से अधिक समय से लंबित राजस्व वादों के निस्तारण में हो रही लापरवाही को लेकर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर इन लंबित वादों की पहचान कर समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाए। डीएम ने चेतावनी दी कि यदि लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने अपराधों में संगठित रूप से शामिल लोगों के खिलाफ "परिवर्तन अभियान" चलाने का निर्देश दिया। इस अभियान के तहत राजस्व की अधिकतम वसूली सुनिश्चित करने और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने पर विशेष जोर देने को कहा। डीएम ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी। बैठक के दौरान डीएम ने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों की शिकायतों को गंभीरता से लिया और निर्देश दिया कि ऐसे कब्जे तुरंत हटाए जाएं। यदि किसी सरकारी कर्मचारी की इसमें संलिप्तता पाई गई, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अवैध कब्जे हटाने के साथ-साथ दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने और विधिक कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए। अधिकारियों को सख्त हिदायत डीएम ने चकबंदी बंदोबस्त अधिकारियों को लंबित वादों के निस्तारण में लापरवाही पर फटकार लगाई और निर्देश दिया कि अदालत में लंबित सभी मामलों की सुनवाई करके समय पर निस्तारण किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। कार्यों की नियमित समीक्षा जिलाधिकारी ने गोंडा जिले की चारों तहसीलों के उपजिलाधिकारियों और तहसीलदारों को आदेश दिया कि वे अपने क्षेत्र में तैनात लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों के कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि लंबित वादों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। डीएम ने रिश्वतखोरी की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया कि यदि कोई अधिकारी रिश्वत की मांग करता है या लेता है, तो उसके खिलाफ तुरंत जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।
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