गोरखपुर की युवती को हरियाणा में बेचा:नौकरी दिलाने के बहाने ले गया था, बेटी के बदले मां-बाप से मांगी दो लाख की फिरौती
गोरखपुर में मानव तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नौकरी के बहाने एक युवती को हरियाणा ले जाकर बेचा गया। जब परेशान मां-बाप बेटी को ढूंढते हुए वहां पहुंचे, तो खरीदार ने दो लाख रुपये लौटाने की शर्त पर ही बेटी को वापस करने की बात कही। नौकरी दिलाने का दिया झांसा महराजगंज फरेंदा के रहने वाले दंपति गोरखपुर के रामगढ़ताल क्षेत्र में चाय की दुकान चलाते हैं। उनकी बेटी को शादी समारोह में फूल फेंकने का काम दिलाने का वादा कर नौसढ़ की एक महिला सरोज ने 28 अक्टूबर को अपने साथ ले गई। माता-पिता ने इसे एक सामान्य काम समझकर हामी भर दी। लेकिन दो दिन बाद बेटी का फोन बंद हो गया और उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया। परेशान परिवार ने सरोज की तलाश शुरू की और गीडा क्षेत्र में उसे और उसके साथी रामअशीष राय को ढूंढ निकाला। पुलिस पर भी गंभीर आरोप दंपति ने आरोप लगाया कि सरोज और रामअशीष को पकड़कर पुलिस को सौंपने के बाद भी उन्हें छोड़ दिया गया। बार-बार शिकायत करने के बाद ही पुलिस ने दोनों पर मामला दर्ज किया, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। हरियाणा में हुआ सच्चाई का खुलासा बेटी की तलाश करते हुए मां-बाप हरियाणा पहुंचे। वहां उन्हें पता चला कि उनकी बेटी को दो लाख रुपये में बेच दिया गया है। खरीदार ने दावा किया कि उसने लड़की को अपनी बहू बनाने के लिए खरीदा है और पैसे लौटाए बिना वह उसे वापस नहीं देगा। इस दौरान युवती ने खुलासा किया कि सरोज ने उसके अलावा दो और लड़कियों को भी इसी तरह बेचा है। यह गिरोह गरीब लड़कियों को नौकरी और शादी के बहाने तस्करी का शिकार बनाता है। पीड़ित मां-बाप ने बेटी को बचाने और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि पुलिस ने उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपियों को बार-बार बचाया। गिरोह पर कड़ी कार्रवाई की मांग इस घटना ने गोरखपुर में मानव तस्करी और पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया है। परिवार के लोग अब इस गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में कोई और बेटी इस तरह का शिकार न बने। गोरखपुर की यह घटना हर माता-पिता को सचेत करती है कि किसी भी लालच या झांसे में आने से पहले सतर्क रहें। पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की जाती।
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