विश्व दिव्यांग दिवस पर कई मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन:उन्नाव में कहा- जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी काला दिवस मनाएंगे
उन्नाव में आज विश्व दिव्यांगजन दिवस के मौके पर दिव्यांगजन समुदाय ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट उन्नाव राजीव राज को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन प्रदेश महासचिव तन्मय श्रीवास्तव द्वारा मुख्यमंत्री के नाम संबोधित किया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि दिव्यांगजनों की कई मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन प्रेषित किए गए, लेकिन अब तक इन मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जब तक इन मांगों का समाधान नहीं होगा, दिव्यांगजन दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। कहा कि सरकार के पास मूवी देखने का समय है, लेकिन 5 दिव्यांगों से मिलने का समय नहीं है। ज्ञापन में दिव्यांगजन समुदाय की कई महत्वपूर्ण मांगें शामिल थीं, जिनमें सरकारी नौकरियों में आरक्षण, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, और दिव्यांगजनों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही गई। तन्मय श्रीवास्तव ने बताया कि इस ज्ञापन में दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है। यह है प्रमुख मांगे- ● मुख्य सेविका पद पर दिव्यांग अभ्यर्थियों का समावेश: प्रदेश महासचिव ने मांग की है कि PH Locomotor Disability के दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुख्य सेविका पद पर चयन प्रक्रिया में शामिल कर नियुक्ति दी जाए। ● लेखापाल पद पर दिव्यांगजनों की नियुक्ति: इको गार्डन लखनऊ में धरना दे रहे दिव्यांगजनों की तत्काल नियुक्ति करने की मांग की गई है, जो लेखापाल पद पर चयनित हैं। ● राजस्व विभाग में कार्यरत दिव्यांगजनों का विनियमितीकरण: उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सजीनल संग्रह अमीन के पदों पर नियमित किया जाए। ● समाजिक समानता कानून: दिव्यांगजनों को नौकरी, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, और सुरक्षा की 100 प्रतिशत गारंटी देने के लिए एक सामाजिक समानता कानून बनाने की मांग की गई। ● दिव्यांगजन अधिनियम 2016 का पूरा पालन: दिव्यांगजन अधिनियम 2016 को पूरी तरह से लागू करने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए सभी सरकारी संस्थाओं में फ्लैक्स बोर्ड लगाने की मांग की गई। ● सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षण: दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण कोटा पूरी तरह से भरा जाए। ● निःशुल्क इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड: दिव्यांगजनों को निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किया जाए। ● दिव्यांग पेंशन की वृद्धि: प्रदेश सरकार से मांग की गई है कि दिव्यांगजनों को दी जाने वाली पेंशन राशि 5000 रुपये प्रति माह की जाए, जैसा कि अन्य प्रदेशों में किया जा रहा है। ● अंत्योदय योजना का लाभ: आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगजनों को अंत्योदय योजना का लाभ दिया जाए। ● निःशुल्क आवास: दिव्यांग व्यक्तियों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के तहत निःशुल्क आवास उपलब्ध कराया जाए। ● दिव्यांगजनों के आय प्रमाण पत्र की सीमा: दिव्यांगजनों के आय प्रमाण पत्र की सीमा विधवा पेंशन के समान की जाए। ● फेरी नीति के तहत रोजगार: दिव्यांगजनों को फेरी नीति के तहत दुकान आवंटित की जाए और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। ● दिव्यांग ट्रैफिक वार्डन की नियुक्ति: दिव्यांग व्यक्तियों को यातायात पुलिस विभाग में सरकारी वेतन पर ट्रैफिक वार्डन के रूप में नियुक्त किया जाए। ● दिव्यांगजन मामलों में रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश: दिव्यांगजन से संबंधित मामलों, विशेषकर उत्पीड़न और जमीन-मकान से संबंधित मामलों की रिपोर्ट थानों में दर्ज की जाए, जैसा कि दिव्यांगजन अधिनियम 2016 में निर्दिष्ट है। दिव्यांगजन समुदाय का संकल्प तन्मय श्रीवास्तव ने कहा कि यह ज्ञापन दिव्यांगजन समुदाय की आवाज है और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि इन मांगों को समय रहते पूरा नहीं किया गया, तो दिव्यांगजन दिवस को काले दिन के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर दिव्यांगजन समुदाय के कई सदस्य उपस्थित रहे और उन्होंने अपनी समर्थन की आवाज उठाई। सिटी मजिस्ट्रेट उन्नाव राजू राज ने ज्ञापन प्राप्त करने के बाद आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचाएंगे और हर संभव प्रयास करेंगे ताकि दिव्यांगजन समुदाय की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द हो सके।
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