घायल SSB इंस्पेक्टर ने 4 लोगों पर दर्ज कराई FIR:16 टन क्षमता का क्रेन नहीं उठा सका 4 टन का गार्डर, क्रासिंग नहीं बंद होती तो जाती और भी जानें

गोरखपुर के नकहा ओवरब्रिज पर गुरुवार सुबह हुए हादसे के मामले में पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। चिलुआताल पुलिस ने घायल SSB इंस्पेक्टर मलय कुंडू की तहरीर पर पुल का निर्माण करा रही फर्म अर्जित ट्रेडर्स के मालिक अर्जित अग्रवाल, क्रेन मालिक मनजीत सिंह और ड्राइवर पवन सहित साइड इंचार्ज सुखपाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया, पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। रेलवे ने दिए जांच के आदेश वहीं, इस हादसे के बाद रेलवे की ओर से भी इसपर मामले की जांच बैठा दी गई है। NE रेलवे के CPRO पंकज कुमार सिंह ने बताया, घटना दुखद है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बिना रास्ता बंद किए ट्रेलर से वजनी गार्डर क्रेन से उतारा जा रहा था। मामले में हाईलेवल जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्रासिंग के ऊपर का काम करा रहा था रेलवे जबकि, राजकीय सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक एके सिंह ने बताया- ओवरब्रिज का निर्माण सेतु निगम करा रहा था, लेकिन रेलवे लाइन के ऊपर का काम रेलवे कराता है। जो हादसा हुआ है, वो नकहा रेलवे क्रॉसिंग का है। क्रॉसिंग के ऊपर छत ढालने के लिए एल्यूमीनियम का गार्डर मंगाया गया था। गार्डर को ट्रेलर से क्रेन की मदद से उतारा जा रहा था, तभी हादसा हो गया। लापरवाही की वजह से हुआ हादसा वहीं, प्रत्याक्षदर्शियों के मुताबिक, इस हादसे में एक नहीं बल्कि कई लापरवाहियां सामने आई हैं। अगर इन लापरवाहियों को ध्यान में रखते हुए पुल के निर्माण का काम कराया जाता तो शायद देश की रक्षा करने वाले एक जवान की इतनी दर्दनाक मौत नहीं होती। इस लेकर सिर्फ सिर्फ स्थानीय लोगों में ही नहीं बल्कि SSB जवानों में भी काफी नाराजगी है। क्रासिंग खुली होती तो जाती और भी जानें हालांकि, जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त नकहा रेलवे क्रासिंग बंद था। वहां से ट्रेन गुजरने वाली थी। जिसकी वजह से लोग रेलवे क्रासिंग के दोनों तरफ खड़े होकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। जबकि, कुछ दूरी पर फर्टिलाइजर मोड़ पर उसी वक्त क्रेन की मदद से ट्रेलर पर लदा गार्डर उतारा जा रहा था। अगर क्रासिंग खुली होती तो यहां से सिर्फ SSB जवान की एक बाइक नहीं बल्कि कई गाड़ियां और पैदल लोग गुजर रहे होते। ऐसे में अगर अगर हादसा होता तो और भी जानें जाती। एक क्रेन से उतार रहे थे 40 फुट लंबा वजनी गार्डर वहीं, स्थानीय निवासी विजय कुमार मिश्रा ने कहा, इतना इतना लंबा गार्डर सिर्फ एक क्रेन की मदद से उतरा जा रहा था। जिसकी वजह से बैलेंस बिगड़ गया होगा। अगर 40 फिट लंबे गार्डर के दोनों तरफ दो क्रेन लगाए गए होते तो उसका बैलेंस बिगड़ता। यही वजह है कि क्रेन गार्डर का वजन नहीं सह सका और ये हादसा हो गया। इतना रिस्की काम करते समय कम से कम वहां रास्ता बंद कर देना चाहिए था। चालू रास्ते पर इतना रिस्की काम किया जा रहा था, जिसकी वजह से एक SSB जवान की मौत हो गई, जबकि दूसरा जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है। 16 टन क्षमता वाला क्रेन नहीं उठा सका 4 टन का गार्डर हालांकि, दावा किया जा रहा है कि क्रेन की क्षमता 16 टन वजन उठाने की थी। जबकि, गार्डर का वजन सिर्फ 4 टन ही था। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि अगर 16 टन वजन उठाने वाला क्रेन 4 टन की भी क्षमता नहीं सह सका और उसकी चेन टूट गई तो फिर क्रेन के अनफिट था या फिर गार्डर की लंबाई अधिक होने बिना रास्ता बंद किए क्रेन से उतार रहे से गार्डर स्थानीय निवासी मैनेजर प्रसाद मौर्य का कहना है कि गार्डर की लंबाई करीब 40 फिट होगी और एल्यूमीनियम का होने की वजह से इसका वजन भी काफी ज्यादा था। लेकिन, गार्डर को ट्रेलर से उतारते समय न ही रास्ता रोका गया था और न ही सुरक्षा को ध्यान में रखा गया। अब आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला... गोरखपुर में नकहा ओवरब्रिज का गार्डर गिरा, दबकर SSB इंस्पेक्टर की मौत गोरखपुर में निर्माणाधीन ओवरब्रिज का गार्डर गिरने से SSB इंस्पेक्टर की मौत हो गई। गुरुवार को हादसा उस वक्त हुआ, जब क्रेन से 4 टन वजनी एल्यूमीनियम का गार्डर उठाया जा रहा था। इसी बीच क्रेन की चेन टूट गई। नीचे SSB इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह (45) अपने साथी इंस्पेक्टर ​​के साथ बाइक से जा रहे थे। गार्डर सीधे विजेंद्र सिंह पर आ गिरा। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। भारी गार्डर से शव जमीन से चिपक गया, जिसे खुरचकर निकालना पड़ा। बाइक पर बैठे दूसरे इंस्पेक्टर मलय कुंडू (42) गंभीर रूप से घायल हैं। नकहा रेलवे क्रॉसिंग पर हुए इस हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, RPF और GRP के अफसर मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में घायल मलय कुंडू को BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उनकी हालत गंभीर है। 2021 से बन रहा पुल पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि ओवरब्रिज का निर्माण उत्तर प्रदेश सेतु निगम करवा रहा था। इसका जिम्मा अर्जित ट्रेडर्स कंपनी को मिला था। 2021 में इसके निर्माण का काम शुरू हुआ था। सीएम योगी ने इसका शिलान्यास किया था। 1021 मीटर लंबे ओवरब्रिज की लागत 76.28 करोड़ है। पिलर का काम पूरा हो चुका है। अब रेल लाइन के ऊपर ओवरब्रिज बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए ट्रेलर से गार्डर लाए गए थे। गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे गार्डर को क्रेन से उतारा जा रहा था। लापरवाही में ट्रैफिक को रोका नहीं गया। उसी वक्त इंस्पेक्टर अपने साथी के साथ ऑफिस जा रहे थे, तभी हादसा हो गया।

Nov 8, 2024 - 14:10
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घायल SSB इंस्पेक्टर ने 4 लोगों पर दर्ज कराई FIR:16 टन क्षमता का क्रेन नहीं उठा सका 4 टन का गार्डर, क्रासिंग नहीं बंद होती तो जाती और भी जानें
गोरखपुर के नकहा ओवरब्रिज पर गुरुवार सुबह हुए हादसे के मामले में पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। चिलुआताल पुलिस ने घायल SSB इंस्पेक्टर मलय कुंडू की तहरीर पर पुल का निर्माण करा रही फर्म अर्जित ट्रेडर्स के मालिक अर्जित अग्रवाल, क्रेन मालिक मनजीत सिंह और ड्राइवर पवन सहित साइड इंचार्ज सुखपाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया, पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। रेलवे ने दिए जांच के आदेश वहीं, इस हादसे के बाद रेलवे की ओर से भी इसपर मामले की जांच बैठा दी गई है। NE रेलवे के CPRO पंकज कुमार सिंह ने बताया, घटना दुखद है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बिना रास्ता बंद किए ट्रेलर से वजनी गार्डर क्रेन से उतारा जा रहा था। मामले में हाईलेवल जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्रासिंग के ऊपर का काम करा रहा था रेलवे जबकि, राजकीय सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक एके सिंह ने बताया- ओवरब्रिज का निर्माण सेतु निगम करा रहा था, लेकिन रेलवे लाइन के ऊपर का काम रेलवे कराता है। जो हादसा हुआ है, वो नकहा रेलवे क्रॉसिंग का है। क्रॉसिंग के ऊपर छत ढालने के लिए एल्यूमीनियम का गार्डर मंगाया गया था। गार्डर को ट्रेलर से क्रेन की मदद से उतारा जा रहा था, तभी हादसा हो गया। लापरवाही की वजह से हुआ हादसा वहीं, प्रत्याक्षदर्शियों के मुताबिक, इस हादसे में एक नहीं बल्कि कई लापरवाहियां सामने आई हैं। अगर इन लापरवाहियों को ध्यान में रखते हुए पुल के निर्माण का काम कराया जाता तो शायद देश की रक्षा करने वाले एक जवान की इतनी दर्दनाक मौत नहीं होती। इस लेकर सिर्फ सिर्फ स्थानीय लोगों में ही नहीं बल्कि SSB जवानों में भी काफी नाराजगी है। क्रासिंग खुली होती तो जाती और भी जानें हालांकि, जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त नकहा रेलवे क्रासिंग बंद था। वहां से ट्रेन गुजरने वाली थी। जिसकी वजह से लोग रेलवे क्रासिंग के दोनों तरफ खड़े होकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। जबकि, कुछ दूरी पर फर्टिलाइजर मोड़ पर उसी वक्त क्रेन की मदद से ट्रेलर पर लदा गार्डर उतारा जा रहा था। अगर क्रासिंग खुली होती तो यहां से सिर्फ SSB जवान की एक बाइक नहीं बल्कि कई गाड़ियां और पैदल लोग गुजर रहे होते। ऐसे में अगर अगर हादसा होता तो और भी जानें जाती। एक क्रेन से उतार रहे थे 40 फुट लंबा वजनी गार्डर वहीं, स्थानीय निवासी विजय कुमार मिश्रा ने कहा, इतना इतना लंबा गार्डर सिर्फ एक क्रेन की मदद से उतरा जा रहा था। जिसकी वजह से बैलेंस बिगड़ गया होगा। अगर 40 फिट लंबे गार्डर के दोनों तरफ दो क्रेन लगाए गए होते तो उसका बैलेंस बिगड़ता। यही वजह है कि क्रेन गार्डर का वजन नहीं सह सका और ये हादसा हो गया। इतना रिस्की काम करते समय कम से कम वहां रास्ता बंद कर देना चाहिए था। चालू रास्ते पर इतना रिस्की काम किया जा रहा था, जिसकी वजह से एक SSB जवान की मौत हो गई, जबकि दूसरा जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है। 16 टन क्षमता वाला क्रेन नहीं उठा सका 4 टन का गार्डर हालांकि, दावा किया जा रहा है कि क्रेन की क्षमता 16 टन वजन उठाने की थी। जबकि, गार्डर का वजन सिर्फ 4 टन ही था। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि अगर 16 टन वजन उठाने वाला क्रेन 4 टन की भी क्षमता नहीं सह सका और उसकी चेन टूट गई तो फिर क्रेन के अनफिट था या फिर गार्डर की लंबाई अधिक होने बिना रास्ता बंद किए क्रेन से उतार रहे से गार्डर स्थानीय निवासी मैनेजर प्रसाद मौर्य का कहना है कि गार्डर की लंबाई करीब 40 फिट होगी और एल्यूमीनियम का होने की वजह से इसका वजन भी काफी ज्यादा था। लेकिन, गार्डर को ट्रेलर से उतारते समय न ही रास्ता रोका गया था और न ही सुरक्षा को ध्यान में रखा गया। अब आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला... गोरखपुर में नकहा ओवरब्रिज का गार्डर गिरा, दबकर SSB इंस्पेक्टर की मौत गोरखपुर में निर्माणाधीन ओवरब्रिज का गार्डर गिरने से SSB इंस्पेक्टर की मौत हो गई। गुरुवार को हादसा उस वक्त हुआ, जब क्रेन से 4 टन वजनी एल्यूमीनियम का गार्डर उठाया जा रहा था। इसी बीच क्रेन की चेन टूट गई। नीचे SSB इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह (45) अपने साथी इंस्पेक्टर ​​के साथ बाइक से जा रहे थे। गार्डर सीधे विजेंद्र सिंह पर आ गिरा। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। भारी गार्डर से शव जमीन से चिपक गया, जिसे खुरचकर निकालना पड़ा। बाइक पर बैठे दूसरे इंस्पेक्टर मलय कुंडू (42) गंभीर रूप से घायल हैं। नकहा रेलवे क्रॉसिंग पर हुए इस हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, RPF और GRP के अफसर मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में घायल मलय कुंडू को BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उनकी हालत गंभीर है। 2021 से बन रहा पुल पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि ओवरब्रिज का निर्माण उत्तर प्रदेश सेतु निगम करवा रहा था। इसका जिम्मा अर्जित ट्रेडर्स कंपनी को मिला था। 2021 में इसके निर्माण का काम शुरू हुआ था। सीएम योगी ने इसका शिलान्यास किया था। 1021 मीटर लंबे ओवरब्रिज की लागत 76.28 करोड़ है। पिलर का काम पूरा हो चुका है। अब रेल लाइन के ऊपर ओवरब्रिज बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए ट्रेलर से गार्डर लाए गए थे। गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे गार्डर को क्रेन से उतारा जा रहा था। लापरवाही में ट्रैफिक को रोका नहीं गया। उसी वक्त इंस्पेक्टर अपने साथी के साथ ऑफिस जा रहे थे, तभी हादसा हो गया।

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