चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा-पंजाब आमने-सामने:AAP मंत्री चीमा बोले- एक इंच भी नहीं देंगे; CM सैनी ने कहा- इस पर हमारा भी हक

चंडीगढ़ में हरियाणा का नया विधानसभा भवन बनाने को लेकर पंजाब और हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों के नेता आमने-सामने हैं। आज पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस मुद्दे को लेकर पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की है। इस मुलाकात में उन्होंने राज्यपाल से कहा है कि चंडीगढ़ पंजाब का है। हम एक भी इंच जमीन हरियाणा को नहीं देंगे। वहीं, इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक है। भगवंत मान गलत राजनीति से ऊपर उठकर काम करें। CM सैनी ने कहा है कि भगवंत मान पंजाब के लोगों के हित के लिए काम करें। बेवजह के मुद्दों पर लोगों का ध्यान न भटकाएं। पहले सतलुज-यमुना लिंग (SYL) पर पंजाब के लोगों को गुमराह किया। अब भी वही कर रहे हैं। पंजाब हमारा बड़ा भाई है। वहां के किसान हरियाणा को पानी देना चाहते हैं। बता दें कि चंडीगढ़ में हरियाणा का नया विधानसभा भवन बनाने की मंजूरी केंद्र सरकार ने दे दी है, लेकिन BJP समेत पंजाब के सभी राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। इसके चलते हरियाणा और पंजाब के नेताओं में ठनी हुई है। हरियाणा विधानसभा मामले में किस नेता ने क्या कहा... चीमा बोले- हरियाणा का चंडीगढ़ पर कोई हक नहीं आज पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलने के बाद पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। ऐसे में हरियाणा को न तो चंडीगढ़ में विधानसभा बनाने का हक है और न ही अन्य इमारत। जिस तरह ईको सेंसिटिव जोन काे हटा दिया गया है, वह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अपना मेमोरेंडम राज्यपाल को देकर आए हैं। उसमें उस एक्ट का भी हवाला दिया है, जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ जो संत लोंगेवाला का समझौता हुआ था, उसमें भी साफ कहा गया था कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने विश्वास दिलाया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले सारी चीजों पर विचार किया जाएगा। बाजवा ने कहा- PM इस मुद्दे पर आगे आएं चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को स्वीकार करने और राज्य से किए गए लंबे समय से चले आ रहे वादों को पूरा करने का आह्वान किया है। बाजवा ने लिखा है कि चंडीगढ़ को पंजाब की विशेष राजधानी के रूप में बहाल करना न केवल सद्भावना का संकेत होगा, बल्कि सम्मानित वादों और आपसी सम्मान के बंधन में विश्वास को भी नवीनीकृत करेगा। चंडीगढ़ से जुड़ी हैं पंजाब की गहरी भावनाएं इस मुद्दे पर पंजाब के भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ न केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इसके साथ पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हैं। पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाबियों के सामाजिक और धार्मिक उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं, उनके इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब की आत्मीयता को ठेस पहुंचेगी। मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब औ हरियाणा आमने सामने इस मुद्दे पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोले, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान साहब कहते हैं कि चंडीगढ़ हमारा है, लेकिन चंडीगढ़ तुम्हारा तब है, जब तुम हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित कर दोगे, जब हमें सतलुज-यमुना लिंक (SYL) का पानी दे दोगे। जब तक ये नहीं देते हो तब तक इसके ऊपर हमारा अधिकार है।' उन्होंने कहा कि हम चंडीगढ़ में तब तक बैठे हुए हैं, क्योंकि जो दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ है, पंजाब उसे लागू ही नहीं कर रहा है। तो फिर चंडीगढ़ किस प्रकार से तुम्हारा हुआ’? किरण चौधरी बोलीं- हमें तो हमारा हक नहीं मिला वहीं, भाजपा नेता किरण चौधरी ने कहा, 'चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी है। यहां शुरू से हमारा 60:40 का रेश्यो था। हमें तो वह भी नहीं मिला। हमने चंडीगढ़ को 12 एकड़ जमीन दी है। उसकी एवज में 10 एकड़ में हमारी विधानसभा बन रही है। इसमें पंजाब और हरियाणा, दोनों की सीटें बढ़ेंगी। इस पुरानी बिल्डिंग के अंदर काम नहीं हो सकता। उसके लिए फ्यूचर प्लानिंग की जा रही है। सुनील जाखड़ के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक मजबूरी होगी। उन्हें पंजाब की बात करनी पड़ेगी। यह है सारा प्रस्ताव जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से IT पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है। बदले में हरियाणा से 12 एकड़ जमीन ली जाएगी। पंचकूला के मनसा देवी कॉम्प्लेक्स के पास जो 12 एकड़ जमीन है, वह ईको सेंसिटिव जोन में आती है। इस पर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बदलाव कर दिए हैं। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ हरियाणा विधानसभा से संबंधित यह खबर भी पढ़ें... चंडीगढ़ पर पंजाब-हरियाणा में टकराव:दोनों राज्यों के BJP नेता भी आमने-सामने; विज बोले- हिंदीभाषी क्षेत्र दो, सांसद बोलीं- चंडीगढ़ किसी की बपौती नहीं हरियाणा की नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने को लेकर घमासान मच गया है। हरियाणा में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद पंजाब के भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने इसका विरोध जताया है। पूरी खबर पढ़ें...

Nov 15, 2024 - 13:55
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चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा-पंजाब आमने-सामने:AAP मंत्री चीमा बोले- एक इंच भी नहीं देंगे; CM सैनी ने कहा- इस पर हमारा भी हक
चंडीगढ़ में हरियाणा का नया विधानसभा भवन बनाने को लेकर पंजाब और हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों के नेता आमने-सामने हैं। आज पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस मुद्दे को लेकर पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की है। इस मुलाकात में उन्होंने राज्यपाल से कहा है कि चंडीगढ़ पंजाब का है। हम एक भी इंच जमीन हरियाणा को नहीं देंगे। वहीं, इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक है। भगवंत मान गलत राजनीति से ऊपर उठकर काम करें। CM सैनी ने कहा है कि भगवंत मान पंजाब के लोगों के हित के लिए काम करें। बेवजह के मुद्दों पर लोगों का ध्यान न भटकाएं। पहले सतलुज-यमुना लिंग (SYL) पर पंजाब के लोगों को गुमराह किया। अब भी वही कर रहे हैं। पंजाब हमारा बड़ा भाई है। वहां के किसान हरियाणा को पानी देना चाहते हैं। बता दें कि चंडीगढ़ में हरियाणा का नया विधानसभा भवन बनाने की मंजूरी केंद्र सरकार ने दे दी है, लेकिन BJP समेत पंजाब के सभी राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। इसके चलते हरियाणा और पंजाब के नेताओं में ठनी हुई है। हरियाणा विधानसभा मामले में किस नेता ने क्या कहा... चीमा बोले- हरियाणा का चंडीगढ़ पर कोई हक नहीं आज पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलने के बाद पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। ऐसे में हरियाणा को न तो चंडीगढ़ में विधानसभा बनाने का हक है और न ही अन्य इमारत। जिस तरह ईको सेंसिटिव जोन काे हटा दिया गया है, वह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अपना मेमोरेंडम राज्यपाल को देकर आए हैं। उसमें उस एक्ट का भी हवाला दिया है, जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ जो संत लोंगेवाला का समझौता हुआ था, उसमें भी साफ कहा गया था कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने विश्वास दिलाया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले सारी चीजों पर विचार किया जाएगा। बाजवा ने कहा- PM इस मुद्दे पर आगे आएं चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को स्वीकार करने और राज्य से किए गए लंबे समय से चले आ रहे वादों को पूरा करने का आह्वान किया है। बाजवा ने लिखा है कि चंडीगढ़ को पंजाब की विशेष राजधानी के रूप में बहाल करना न केवल सद्भावना का संकेत होगा, बल्कि सम्मानित वादों और आपसी सम्मान के बंधन में विश्वास को भी नवीनीकृत करेगा। चंडीगढ़ से जुड़ी हैं पंजाब की गहरी भावनाएं इस मुद्दे पर पंजाब के भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ न केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इसके साथ पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हैं। पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाबियों के सामाजिक और धार्मिक उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं, उनके इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब की आत्मीयता को ठेस पहुंचेगी। मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब औ हरियाणा आमने सामने इस मुद्दे पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोले, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान साहब कहते हैं कि चंडीगढ़ हमारा है, लेकिन चंडीगढ़ तुम्हारा तब है, जब तुम हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित कर दोगे, जब हमें सतलुज-यमुना लिंक (SYL) का पानी दे दोगे। जब तक ये नहीं देते हो तब तक इसके ऊपर हमारा अधिकार है।' उन्होंने कहा कि हम चंडीगढ़ में तब तक बैठे हुए हैं, क्योंकि जो दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ है, पंजाब उसे लागू ही नहीं कर रहा है। तो फिर चंडीगढ़ किस प्रकार से तुम्हारा हुआ’? किरण चौधरी बोलीं- हमें तो हमारा हक नहीं मिला वहीं, भाजपा नेता किरण चौधरी ने कहा, 'चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी है। यहां शुरू से हमारा 60:40 का रेश्यो था। हमें तो वह भी नहीं मिला। हमने चंडीगढ़ को 12 एकड़ जमीन दी है। उसकी एवज में 10 एकड़ में हमारी विधानसभा बन रही है। इसमें पंजाब और हरियाणा, दोनों की सीटें बढ़ेंगी। इस पुरानी बिल्डिंग के अंदर काम नहीं हो सकता। उसके लिए फ्यूचर प्लानिंग की जा रही है। सुनील जाखड़ के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक मजबूरी होगी। उन्हें पंजाब की बात करनी पड़ेगी। यह है सारा प्रस्ताव जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से IT पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है। बदले में हरियाणा से 12 एकड़ जमीन ली जाएगी। पंचकूला के मनसा देवी कॉम्प्लेक्स के पास जो 12 एकड़ जमीन है, वह ईको सेंसिटिव जोन में आती है। इस पर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बदलाव कर दिए हैं। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ हरियाणा विधानसभा से संबंधित यह खबर भी पढ़ें... चंडीगढ़ पर पंजाब-हरियाणा में टकराव:दोनों राज्यों के BJP नेता भी आमने-सामने; विज बोले- हिंदीभाषी क्षेत्र दो, सांसद बोलीं- चंडीगढ़ किसी की बपौती नहीं हरियाणा की नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने को लेकर घमासान मच गया है। हरियाणा में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद पंजाब के भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने इसका विरोध जताया है। पूरी खबर पढ़ें...

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