छठ पर महिलाओं ने कच्चे चूल्हे पर बनाया ठुकवा:पीतल के बर्तन में रखा; 36 घंटे तक रहेंगी निराजल व्रत

नहाय-खाय के साथ शुरू हुए लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन महिलाओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर महाव्रत का संकल्प लिया। अब से अगले 2 दिन तक महिलाएं 36 घंटे तक महिलाएं निराजल व्रत रहेंगे। छठ पर्व के दूसरे दिन महिलाएं घरों के छत पर कच्चे चूल्हे पर अरवा चावल, खीर, पूड़ी और ठुकवा गाने गाते हुए बनाई। इन पकवानों को साफ स्थान पर पीतल के बर्तन में बनाया जाता है। इन सभी पकवानों में ठुकवा सबसे प्रमुख होता है। इसे बड़े ही सफाई से बनाया जाता है। यह छठी मैया को भी चढ़ाया जाता है। आज महिलाएं वाराणसी के गंगा घाट पर डूबते हुए सूर्य को आगे देगी और कल उगते हुए सूर्य को आगे देकर अपनी मनोकामना के पूरा होने के लिए छठी मैया की पूजा करेंगी।

Nov 6, 2024 - 21:25
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छठ पर महिलाओं ने कच्चे चूल्हे पर बनाया ठुकवा:पीतल के बर्तन में रखा; 36 घंटे तक रहेंगी निराजल व्रत
नहाय-खाय के साथ शुरू हुए लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन महिलाओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर महाव्रत का संकल्प लिया। अब से अगले 2 दिन तक महिलाएं 36 घंटे तक महिलाएं निराजल व्रत रहेंगे। छठ पर्व के दूसरे दिन महिलाएं घरों के छत पर कच्चे चूल्हे पर अरवा चावल, खीर, पूड़ी और ठुकवा गाने गाते हुए बनाई। इन पकवानों को साफ स्थान पर पीतल के बर्तन में बनाया जाता है। इन सभी पकवानों में ठुकवा सबसे प्रमुख होता है। इसे बड़े ही सफाई से बनाया जाता है। यह छठी मैया को भी चढ़ाया जाता है। आज महिलाएं वाराणसी के गंगा घाट पर डूबते हुए सूर्य को आगे देगी और कल उगते हुए सूर्य को आगे देकर अपनी मनोकामना के पूरा होने के लिए छठी मैया की पूजा करेंगी।

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