जम्मू-कश्मीर के गांदरबर हमले के आतंकी की तस्वीर सामने आई:हाथ में राइफल लिए बिल्डिंग में एंट्री करता दिखा; 7 लोगों की जान गई थी

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में 20 अक्टूबर की देर रात आतंकी हमला हुआ था। इसमें 7 लोगों की जान गई थी। बुधवार को इस हमले में शामिल आतंकी की तस्वीर सामने आई। हाथ में AK-47 जैसी राइफल लिया हुआ आतंकी किसी इमारत में घुसता हुआ नजर आ रहा है। आतंकी की पहचान फिलहाल सामने नहीं आई है, लेकिन इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। भास्कर को सूत्रों ने सोमवार को बताया कि TRF चीफ शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड था। दरअसल, गांदरबल के गगनगीर इलाके में श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे की टनल कंस्ट्रक्शन साइट पर आतंकियों ने फायरिंग की थी। हमले में बडगाम के डॉक्टर शहनवाज मीर और पंजाब-बिहार के 6 मजदूरों की जान गई थी। हमले के बाद गांदरबल और गगनगीर के जंगलों में रात से सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। हमले की जांच और हाई अलर्ट के चलते नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (NIA) भी गांदरबल पहुंची थी। आतंकी हमले के बाद की 5 तस्वीरें... गगनगीर आतंकी हमला, 4 पॉइंट 1. हमले में 2-3 आतंकी शामिल, 1 महीने रेकी की भास्कर को सूत्रों ने बताया था कि गगनगीर आतंकी हमले में TRF के 2-3 आतंकवादी शामिल हैं। यह पिछले एक महीने से कंस्ट्रक्शन साइट की रेकी कर रहे थे। इसके चलते ही आतंकी हमले के तुरंत बाद फरार होने में कामयाब रहे। 2. पंजाब और बिहार के मजदूरों को निशाना बनाया जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया था कि बड़गाम के डॉक्टर शहनवाज, कठुआ के रहने वाले शशि अब्रोल हमले में मारे गए थे। इनके अलावा पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह, बिहार के अनिल कुमार शुक्ला, फहीम नजीर, मोहम्मद हनीफ और कलीम की हत्या की गई। ये सभी केंद्र सरकार के टनल प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। 3. TRF ने स्ट्रैटजी बदली, अब बाहरी भी निशाने पर रिपोर्ट्स के मुताबिक TRF ने पिछले डेढ़ साल में अपनी स्ट्रैटजी बदली है। पहले TRF कश्मीर पंडितों की टारगेट किलिंग करता था। अब यह संगठन गैर कश्मीरियों और सिखों को निशाना बना रहा है। 4 दिन पहले शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान की हत्या की गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी अभी किसी संगठन ने नहीं ली है। 4. बारामूला में आतंकवादी ढेर, गांदरबल कनेक्शन नहीं गांदरबल के हमले के बाद 50 किलोमीटर दूर बारामूला में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है। उसके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं, लेकिन अभी तक इसका गांदरबल से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। यहां भी सोमवार सुबह से सर्च ऑपरेशन जारी है। हमले पर किसने क्या कहा था 370 हटने के बाद TRF एक्टिव, टारगेट किलिंग की TRF को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि TRF को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ने बनाया है। यह लश्कर और जैश के कैडर को मिलाकर बनाया गया है। यह संगठन कश्मीरियों, कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं की हत्या की कई घटनाओं में शामिल है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद TRF ज्यादा एक्टिव हो गया है। हमलों की जिम्मेदारी लश्कर नहीं, बल्कि TRF लेता है। TRF का मकसद: 2020 के बाद TRF टारगेट किलिंग की ज्यादातर घटनाओं में शामिल रहा। कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों, सरकारी अफसरों, नेताओं और सिक्योरिटी फोर्सेस को निशाना बनाता है। 370 हटने के बाद सरकारी योजनाओं, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना और अस्थिरता फैलाना मकसद है। सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं। 2024 में टारगेट किलिंग 2024 में पहले भी जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की गई। इन टारगेट किलिंग्स की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली, लेकिन माना जा रहा है कि इनके पीछे भी TRF का ही हाथ है। 1. राजौरी, 22 अप्रैल: राजौरी में आतंकियों ने एक घर पर फायरिंग की थी। इसमें 40 साल के मोहम्मद रज्जाक की मौत हो गई थी। वे कुंडा टोपे शाहदरा शरीफ के रहने वाले थे। अप्रैल में टारगेट किलिंग की ये तीसरी वारदात थी। रज्जाक के भाई सेना में जवान हैं। 19 साल पहले आतंकियों ने इसी गांव में रज्जाक के पिता मोहम्मद अकबर की हत्या कर दी थी। वे वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करते थे। रज्जाक को पिता की जगह नौकरी मिली थी। 8 अप्रैल, शोपियां: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पदपावन में आतंकियों ने गैर कश्मीरी स्थानीय ड्राइवर परमजीत सिंह को गोली मारी थी। वह दिल्ली का रहने वाला था। आतंकियों ने परमजीत पर उस वक्त हमला किया था, जब वह अपनी ड्यूटी पर था। घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले थे। फरवरी, हब्बा कदल: श्रीनगर में 7 फरवरी 2024 को आतंकियों ने हब्बा कदल इलाके में सिख समुदाय के दो लोगों को AK-47 राइफल से गोली मार दी थी। मृतकों की पहचान अमृतसर के रहने वाले अमृत पाल (31) और रोहित मसीह (25) के रूप में की गई थी। अमृत पाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। रोहित ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था। -------------------- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 2 आतंकी गिरफ्तार, 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शनिवार सुबह सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद की गई है। सेना के अधिकारियों ने बताया ये दोनों जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स नाम के संगठन से जुड़े हाइब्रिड आंतकी हैं। हाइब्रिड आतंकी आम नागरिकों की तरह ही इलाके में रहते हैं, लेकिन चोरी-छिपे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं या आतंकियों की सहायता करते हैं। इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। पूरी खबर पढ़ें ...

Oct 23, 2024 - 21:45
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जम्मू-कश्मीर के गांदरबर हमले के आतंकी की तस्वीर सामने आई:हाथ में राइफल लिए बिल्डिंग में एंट्री करता दिखा; 7 लोगों की जान गई थी
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में 20 अक्टूबर की देर रात आतंकी हमला हुआ था। इसमें 7 लोगों की जान गई थी। बुधवार को इस हमले में शामिल आतंकी की तस्वीर सामने आई। हाथ में AK-47 जैसी राइफल लिया हुआ आतंकी किसी इमारत में घुसता हुआ नजर आ रहा है। आतंकी की पहचान फिलहाल सामने नहीं आई है, लेकिन इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। भास्कर को सूत्रों ने सोमवार को बताया कि TRF चीफ शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड था। दरअसल, गांदरबल के गगनगीर इलाके में श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे की टनल कंस्ट्रक्शन साइट पर आतंकियों ने फायरिंग की थी। हमले में बडगाम के डॉक्टर शहनवाज मीर और पंजाब-बिहार के 6 मजदूरों की जान गई थी। हमले के बाद गांदरबल और गगनगीर के जंगलों में रात से सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। हमले की जांच और हाई अलर्ट के चलते नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (NIA) भी गांदरबल पहुंची थी। आतंकी हमले के बाद की 5 तस्वीरें... गगनगीर आतंकी हमला, 4 पॉइंट 1. हमले में 2-3 आतंकी शामिल, 1 महीने रेकी की भास्कर को सूत्रों ने बताया था कि गगनगीर आतंकी हमले में TRF के 2-3 आतंकवादी शामिल हैं। यह पिछले एक महीने से कंस्ट्रक्शन साइट की रेकी कर रहे थे। इसके चलते ही आतंकी हमले के तुरंत बाद फरार होने में कामयाब रहे। 2. पंजाब और बिहार के मजदूरों को निशाना बनाया जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया था कि बड़गाम के डॉक्टर शहनवाज, कठुआ के रहने वाले शशि अब्रोल हमले में मारे गए थे। इनके अलावा पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह, बिहार के अनिल कुमार शुक्ला, फहीम नजीर, मोहम्मद हनीफ और कलीम की हत्या की गई। ये सभी केंद्र सरकार के टनल प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। 3. TRF ने स्ट्रैटजी बदली, अब बाहरी भी निशाने पर रिपोर्ट्स के मुताबिक TRF ने पिछले डेढ़ साल में अपनी स्ट्रैटजी बदली है। पहले TRF कश्मीर पंडितों की टारगेट किलिंग करता था। अब यह संगठन गैर कश्मीरियों और सिखों को निशाना बना रहा है। 4 दिन पहले शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान की हत्या की गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी अभी किसी संगठन ने नहीं ली है। 4. बारामूला में आतंकवादी ढेर, गांदरबल कनेक्शन नहीं गांदरबल के हमले के बाद 50 किलोमीटर दूर बारामूला में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है। उसके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं, लेकिन अभी तक इसका गांदरबल से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। यहां भी सोमवार सुबह से सर्च ऑपरेशन जारी है। हमले पर किसने क्या कहा था 370 हटने के बाद TRF एक्टिव, टारगेट किलिंग की TRF को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि TRF को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ने बनाया है। यह लश्कर और जैश के कैडर को मिलाकर बनाया गया है। यह संगठन कश्मीरियों, कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं की हत्या की कई घटनाओं में शामिल है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद TRF ज्यादा एक्टिव हो गया है। हमलों की जिम्मेदारी लश्कर नहीं, बल्कि TRF लेता है। TRF का मकसद: 2020 के बाद TRF टारगेट किलिंग की ज्यादातर घटनाओं में शामिल रहा। कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों, सरकारी अफसरों, नेताओं और सिक्योरिटी फोर्सेस को निशाना बनाता है। 370 हटने के बाद सरकारी योजनाओं, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना और अस्थिरता फैलाना मकसद है। सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं। 2024 में टारगेट किलिंग 2024 में पहले भी जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की गई। इन टारगेट किलिंग्स की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली, लेकिन माना जा रहा है कि इनके पीछे भी TRF का ही हाथ है। 1. राजौरी, 22 अप्रैल: राजौरी में आतंकियों ने एक घर पर फायरिंग की थी। इसमें 40 साल के मोहम्मद रज्जाक की मौत हो गई थी। वे कुंडा टोपे शाहदरा शरीफ के रहने वाले थे। अप्रैल में टारगेट किलिंग की ये तीसरी वारदात थी। रज्जाक के भाई सेना में जवान हैं। 19 साल पहले आतंकियों ने इसी गांव में रज्जाक के पिता मोहम्मद अकबर की हत्या कर दी थी। वे वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करते थे। रज्जाक को पिता की जगह नौकरी मिली थी। 8 अप्रैल, शोपियां: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पदपावन में आतंकियों ने गैर कश्मीरी स्थानीय ड्राइवर परमजीत सिंह को गोली मारी थी। वह दिल्ली का रहने वाला था। आतंकियों ने परमजीत पर उस वक्त हमला किया था, जब वह अपनी ड्यूटी पर था। घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले थे। फरवरी, हब्बा कदल: श्रीनगर में 7 फरवरी 2024 को आतंकियों ने हब्बा कदल इलाके में सिख समुदाय के दो लोगों को AK-47 राइफल से गोली मार दी थी। मृतकों की पहचान अमृतसर के रहने वाले अमृत पाल (31) और रोहित मसीह (25) के रूप में की गई थी। अमृत पाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। रोहित ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था। -------------------- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 2 आतंकी गिरफ्तार, 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शनिवार सुबह सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद की गई है। सेना के अधिकारियों ने बताया ये दोनों जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स नाम के संगठन से जुड़े हाइब्रिड आंतकी हैं। हाइब्रिड आतंकी आम नागरिकों की तरह ही इलाके में रहते हैं, लेकिन चोरी-छिपे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं या आतंकियों की सहायता करते हैं। इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। पूरी खबर पढ़ें ...

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