जर्मन नाई के पोते ट्रम्प की कहानी:मां का प्यार नहीं मिला, पत्नी से चीट किया; कैसीनो चलाने वाला कैसे बना था राष्ट्रपति

तारीख- 6 जनवरी 2020 जगह- अमेरिकी संसद, कैपिटल हिल, वाशिंगटन DC समय- दोपहर करीब 1 बजे 2 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ बैरियर तोड़कर अमेरिकी संसद में घुस गई। इनमें से कई लोगों के पास हथियार थे। ये वही जगह थी, जहां से कुछ मिनट पहले अमेरिकी चुनाव के आधिकारिक नतीजे जारी किए गए थे। भीड़ के कैपिटल हिल में घुसते ही डरे हुए सांसदों को जहां जगह मिली वे वहां छिप गए। अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस को कड़े सुरक्षा घेरे के बीच संसद से बाहर निकाला गया। हिंसक लोगों की भीड़ 4 घंटे तक संसद को घेरे रही। प्रदर्शनकारी सांसदों के दफ्तरों में घुस गए। वहां तोड़-फोड़ मचाई। अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार था, जब लोगों ने इस तरह संसद पर चढ़ाई की थी। संसद में यह दंगा जिसके लिए हो रहा था वह कोई और नहीं बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प थे। जो चुनावी हार के बाद व्हाइट हाउस के प्राइवेट डाइनिंग रूम में बैठकर यह सब कुछ टीवी पर लाइव देख रहे थे। संसद में उस दिन जो कुछ हुआ उसकी शुरुआत ट्रम्प के एक भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि चुनाव में फ्रॉड हुआ है। इस घटना को लगभग 4 साल बीत चुके हैं, ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, वे चुनाव में भारतवंशी कमला हैरिस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। स्टोरी में ट्रम्प की पैदाइश से लेकर पिता की विरासत मिलने और दूसरी फिर बार राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने तक की कहानी… पैदाइश नाई के पोते हैं ट्रम्प, दादा फ्रेडरिक जर्मनी से भागकर अमेरिका पहुंचे ट्रम्प के दादा फ्रेडरिक जर्मनी के रहने वाले थे। जब फ्रेडरिक 8 साल के थे तभी उनके पिता की मौत हो गई। वे बचपन से ही बहुत कमजोर थे, इस वजह से खेती नहीं कर पाते थे। इसके चलते उनकी मां ने उन्हें नाई बनने की ट्रेनिंग दिलाई। लेखिका ग्वेन्डा ब्लेयर ने अपनी किताब ‘द ट्रम्प्स: थ्री जेनरेशन्स दैट बिल्ट एन एम्पायर’ में लिखा है कि फ्रेडरिक काफी मेहनती थे और सातों दिन काम करते थे। हालांकि 16 साल की उम्र में ही फ्रेडरिक को अमेरिका भागना पड़ा। दरअसल, उस समय जर्मनी में यह कानून था कि हर शख्स को कम से कम 3 साल के लिए आर्मी में भर्ती होना पड़ेगा। फ्रेडरिक ने इससे डरकर देश छोड़ दिया। वे 10 दिन का सफर तय कर अक्टूबर, 1885 में न्यूयॉर्क पहुंचे। अमेरिका आकर फ्रेडरिक ने नाई का काम करना शुरु किया। कुछ पैसे इकठ्ठा कर लेने के बाद उन्होंने अलास्का में खनन के बिजनेस में हाथ आजमाया। उनका यह बिजनेस चल पड़ा। उनकी खदानों से खूब सोना निकला। फ्रेडरिक कुछ ही सालों में काफी अमीर हो गए। कुछ साल बाद फ्रेडरिक जर्मनी गए और साल 1902 में एलिजाबेथ क्राइस्ट नाम की एक लड़की से शादी की। दोनों बाद में अमेरिका लौट गए। लेकिन एलिजाबेथ को अमेरिका की सर्दी रास नहीं आई। वह बीमार रहने लगी। पत्नी की हालत देखकर फ्रेडरिक 1904 में फिर जर्मनी चले गए। हालांकि उनका आना जर्मन सेना के अधिकारियों को पसंद नहीं आया। फ्रेडरिक को देश छोड़ने का आदेश दिया गया। कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि फ्रेडरिक ने जर्मनी में स्टांप से जुड़े कुछ घोटाले किए थे। इससे नाराज होकर बवेरिया के राजा ने उन्हें देश छोड़ने का फरमान सुनाया। फ्रेडरिक अपनी गर्भवती पत्नी और छोटी बेटी को न्यूयॉर्क वापस ले आए। कुछ महीनों बाद, एलिजाबेथ ने डोनाल्ड ट्रम्प के पिता फ्रेड ट्रम्प को जन्म दिया। जीतोड़ मेहनत कर पिता ने खड़ा किया ट्रम्प एंपायर फ्रेडरिक के तीन बच्चों में डोनाल्ड ट्रम्प के पिता फ्रेड ट्रम्प मंझले थे। उनका जन्म 11 अक्टूबर 1905 को न्यूयॉर्क में हुआ था। पिता के जर्मनी से होने के बावजूद फ्रेड पूरी तरह से अमेरिकी थे और जर्मन भाषा बिल्कुल नहीं जानते थे। उन्होंने अमेरिका में ट्रम्प परिवार की प्रतिष्ठा बनाने में बहुत मेहनत की। फ्रेड में बचपन से ही मेहनत करने की लगन थी। वह स्कूल के बाद रात में कन्सट्रक्शन से जुड़े पल्मबिंग, कारपेंट्री और इलेक्ट्रिक वायरिंग का काम सीखते थे। साल 1918 में, जब वह महज 15 साल के थे तब उनके पिता फ्रेडरिक की मौत हो गई, और घर-परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई। 1927 में फ्रेड ने अपनी मां के नाम पर एक रियल एस्टेट कंपनी ‘एलिजाबेथ ट्रम्प एंड सन’ शुरू की। फ्रेड ट्रम्प ने घर बनाने का काम बड़े पैमाने पर किया, और कुछ ही समय में वे न्यूयॉर्क के सबसे सफल युवा कारोबारियों में से एक बन गए। उन्होंने खासतौर पर, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सरकारी योजनाओं का फायदा उठाते हुए कई घर बनाए। वह ब्रुकलिन और क्वींस जैसे इलाकों में सस्ते घर बनाकर वहां लोगों को किराए पर रहने के लिए देते थे। उनके प्रोजेक्ट्स बड़े होते थे, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा होता था। 1930 के दशक की बात है फ्रेड ट्रंप एक पार्टी में गए थे, जहां वह मैरी ऐनी मैकलियोड नाम की एक स्कॉटिश महिला से मिले। बायोग्राफी ‘ट्रंप रिवील्ड’ में माइकल क्रैनिश और मार्क फिशर बताते हैं कि उसी रात, जब फ्रेड अपने घर लौटे, तो उन्होंने ऐलान किया कि उन्होंने उस महिला को ढूंढ़ लिया है, जिससे वे शादी करेंगे।इसके बाद 1936 में मैरी ऐनी मैकलियोड से उनकी शादी हो गई। फ्रेड का कारोबार लगातार बढ़ रहा था। लेकिन, उनसे जुड़े कुछ विवाद भी थे। 1970 के दशक में उन पर और लगे कि वे अश्वेतों को घर किराए पर नहीं देते हैं। इसके लिए उन पर मुकदमा भी हुआ, जो बाद में सुलझ गया। ‘चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए थे डोनाल्ड ट्रम्प’ अमेरिका के न्यूयॉर्क में 14 जून 1946 को डोनाल्ड ट्रम्प का जन्म हुआ था। अमीर परिवार में जन्म के चलते डोनाल्ड ट्रम्प के बारे में कहा जाता है कि वो चांदी की चम्मच के साथ पैदा हुए। फ्रेड के पांच बच्चों में डोनाल्ड ट्रम्प चौथे हैं। ट्रम्प से बड़े उनके भाई फ्रैड जूनियर और दो बहनें थीं। इसके अलावा एक भाई रॉबर्ट ट्रम्प उनसे छोटे थे। फ्रेड एक सख्त और अनुशासनप्रिय पिता थे। वह चाहते थे कि उनके बच्चे भी मेहनती बनें और बड़े सपने देखें। उन्हें अपने बेटे डोनाल्ड से खास लगाव भी था। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट

Nov 5, 2024 - 05:30
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जर्मन नाई के पोते ट्रम्प की कहानी:मां का प्यार नहीं मिला, पत्नी से चीट किया; कैसीनो चलाने वाला कैसे बना था राष्ट्रपति
तारीख- 6 जनवरी 2020 जगह- अमेरिकी संसद, कैपिटल हिल, वाशिंगटन DC समय- दोपहर करीब 1 बजे 2 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ बैरियर तोड़कर अमेरिकी संसद में घुस गई। इनमें से कई लोगों के पास हथियार थे। ये वही जगह थी, जहां से कुछ मिनट पहले अमेरिकी चुनाव के आधिकारिक नतीजे जारी किए गए थे। भीड़ के कैपिटल हिल में घुसते ही डरे हुए सांसदों को जहां जगह मिली वे वहां छिप गए। अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस को कड़े सुरक्षा घेरे के बीच संसद से बाहर निकाला गया। हिंसक लोगों की भीड़ 4 घंटे तक संसद को घेरे रही। प्रदर्शनकारी सांसदों के दफ्तरों में घुस गए। वहां तोड़-फोड़ मचाई। अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार था, जब लोगों ने इस तरह संसद पर चढ़ाई की थी। संसद में यह दंगा जिसके लिए हो रहा था वह कोई और नहीं बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प थे। जो चुनावी हार के बाद व्हाइट हाउस के प्राइवेट डाइनिंग रूम में बैठकर यह सब कुछ टीवी पर लाइव देख रहे थे। संसद में उस दिन जो कुछ हुआ उसकी शुरुआत ट्रम्प के एक भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि चुनाव में फ्रॉड हुआ है। इस घटना को लगभग 4 साल बीत चुके हैं, ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, वे चुनाव में भारतवंशी कमला हैरिस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। स्टोरी में ट्रम्प की पैदाइश से लेकर पिता की विरासत मिलने और दूसरी फिर बार राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने तक की कहानी… पैदाइश नाई के पोते हैं ट्रम्प, दादा फ्रेडरिक जर्मनी से भागकर अमेरिका पहुंचे ट्रम्प के दादा फ्रेडरिक जर्मनी के रहने वाले थे। जब फ्रेडरिक 8 साल के थे तभी उनके पिता की मौत हो गई। वे बचपन से ही बहुत कमजोर थे, इस वजह से खेती नहीं कर पाते थे। इसके चलते उनकी मां ने उन्हें नाई बनने की ट्रेनिंग दिलाई। लेखिका ग्वेन्डा ब्लेयर ने अपनी किताब ‘द ट्रम्प्स: थ्री जेनरेशन्स दैट बिल्ट एन एम्पायर’ में लिखा है कि फ्रेडरिक काफी मेहनती थे और सातों दिन काम करते थे। हालांकि 16 साल की उम्र में ही फ्रेडरिक को अमेरिका भागना पड़ा। दरअसल, उस समय जर्मनी में यह कानून था कि हर शख्स को कम से कम 3 साल के लिए आर्मी में भर्ती होना पड़ेगा। फ्रेडरिक ने इससे डरकर देश छोड़ दिया। वे 10 दिन का सफर तय कर अक्टूबर, 1885 में न्यूयॉर्क पहुंचे। अमेरिका आकर फ्रेडरिक ने नाई का काम करना शुरु किया। कुछ पैसे इकठ्ठा कर लेने के बाद उन्होंने अलास्का में खनन के बिजनेस में हाथ आजमाया। उनका यह बिजनेस चल पड़ा। उनकी खदानों से खूब सोना निकला। फ्रेडरिक कुछ ही सालों में काफी अमीर हो गए। कुछ साल बाद फ्रेडरिक जर्मनी गए और साल 1902 में एलिजाबेथ क्राइस्ट नाम की एक लड़की से शादी की। दोनों बाद में अमेरिका लौट गए। लेकिन एलिजाबेथ को अमेरिका की सर्दी रास नहीं आई। वह बीमार रहने लगी। पत्नी की हालत देखकर फ्रेडरिक 1904 में फिर जर्मनी चले गए। हालांकि उनका आना जर्मन सेना के अधिकारियों को पसंद नहीं आया। फ्रेडरिक को देश छोड़ने का आदेश दिया गया। कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि फ्रेडरिक ने जर्मनी में स्टांप से जुड़े कुछ घोटाले किए थे। इससे नाराज होकर बवेरिया के राजा ने उन्हें देश छोड़ने का फरमान सुनाया। फ्रेडरिक अपनी गर्भवती पत्नी और छोटी बेटी को न्यूयॉर्क वापस ले आए। कुछ महीनों बाद, एलिजाबेथ ने डोनाल्ड ट्रम्प के पिता फ्रेड ट्रम्प को जन्म दिया। जीतोड़ मेहनत कर पिता ने खड़ा किया ट्रम्प एंपायर फ्रेडरिक के तीन बच्चों में डोनाल्ड ट्रम्प के पिता फ्रेड ट्रम्प मंझले थे। उनका जन्म 11 अक्टूबर 1905 को न्यूयॉर्क में हुआ था। पिता के जर्मनी से होने के बावजूद फ्रेड पूरी तरह से अमेरिकी थे और जर्मन भाषा बिल्कुल नहीं जानते थे। उन्होंने अमेरिका में ट्रम्प परिवार की प्रतिष्ठा बनाने में बहुत मेहनत की। फ्रेड में बचपन से ही मेहनत करने की लगन थी। वह स्कूल के बाद रात में कन्सट्रक्शन से जुड़े पल्मबिंग, कारपेंट्री और इलेक्ट्रिक वायरिंग का काम सीखते थे। साल 1918 में, जब वह महज 15 साल के थे तब उनके पिता फ्रेडरिक की मौत हो गई, और घर-परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई। 1927 में फ्रेड ने अपनी मां के नाम पर एक रियल एस्टेट कंपनी ‘एलिजाबेथ ट्रम्प एंड सन’ शुरू की। फ्रेड ट्रम्प ने घर बनाने का काम बड़े पैमाने पर किया, और कुछ ही समय में वे न्यूयॉर्क के सबसे सफल युवा कारोबारियों में से एक बन गए। उन्होंने खासतौर पर, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सरकारी योजनाओं का फायदा उठाते हुए कई घर बनाए। वह ब्रुकलिन और क्वींस जैसे इलाकों में सस्ते घर बनाकर वहां लोगों को किराए पर रहने के लिए देते थे। उनके प्रोजेक्ट्स बड़े होते थे, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा होता था। 1930 के दशक की बात है फ्रेड ट्रंप एक पार्टी में गए थे, जहां वह मैरी ऐनी मैकलियोड नाम की एक स्कॉटिश महिला से मिले। बायोग्राफी ‘ट्रंप रिवील्ड’ में माइकल क्रैनिश और मार्क फिशर बताते हैं कि उसी रात, जब फ्रेड अपने घर लौटे, तो उन्होंने ऐलान किया कि उन्होंने उस महिला को ढूंढ़ लिया है, जिससे वे शादी करेंगे।इसके बाद 1936 में मैरी ऐनी मैकलियोड से उनकी शादी हो गई। फ्रेड का कारोबार लगातार बढ़ रहा था। लेकिन, उनसे जुड़े कुछ विवाद भी थे। 1970 के दशक में उन पर और लगे कि वे अश्वेतों को घर किराए पर नहीं देते हैं। इसके लिए उन पर मुकदमा भी हुआ, जो बाद में सुलझ गया। ‘चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए थे डोनाल्ड ट्रम्प’ अमेरिका के न्यूयॉर्क में 14 जून 1946 को डोनाल्ड ट्रम्प का जन्म हुआ था। अमीर परिवार में जन्म के चलते डोनाल्ड ट्रम्प के बारे में कहा जाता है कि वो चांदी की चम्मच के साथ पैदा हुए। फ्रेड के पांच बच्चों में डोनाल्ड ट्रम्प चौथे हैं। ट्रम्प से बड़े उनके भाई फ्रैड जूनियर और दो बहनें थीं। इसके अलावा एक भाई रॉबर्ट ट्रम्प उनसे छोटे थे। फ्रेड एक सख्त और अनुशासनप्रिय पिता थे। वह चाहते थे कि उनके बच्चे भी मेहनती बनें और बड़े सपने देखें। उन्हें अपने बेटे डोनाल्ड से खास लगाव भी था। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प जब 3 साल के थे, तब से उन्होंने अपने पिता के बिजनेस से सालाना 2 लाख डॉलर कमाना शुरु कर दिया था। जब ट्रम्प 8 साल के हुए तब तक वे करोड़पति बन चुके थे। ट्रम्प जब ढाई साल के थे, तो उनकी मां मैरी बीमार रहने लगी थी। इस वजह से ट्रम्प की परवरिश पर उनके पिता का असर काफी पड़ा। ट्रम्प की भतीजी मैरी बताती हैं कि जब डोनाल्ड बड़े हो रहे थे, तो उन्हें मां का लाड़-प्यार नहीं मिला। ट्रम्प की जीवनी लिखने वाले मार्क फिशर कहते हैं कि जब भी कोई ट्रम्प से पूछते हैं कि उनकी मां उन्हें कैसे प्यार करती थी, इस पर ट्रम्प के पास कोई जवाब नहीं होता है। ट्रम्प ने 7वीं क्लास तक की पढ़ाई न्यूयॉर्क शहर में की। स्कूल के दिनों से ही ट्रम्प का रवैया आक्रामक रहा है। वो स्कूल में अपने साथ पढ़ने वाले बच्चों को बुली यानी परेशान किया करते थे। इसे लेकर अक्सर ट्रम्प के पिता के पास उनकी शिकायतें आती थीं। यहां तक कि ट्रम्प ने अपने घर पर भाई को भी बुली करना शुरु कर दिया था। इस वजह से उनके पिता ने उनका एडमिशन न्यूयॉर्क मिलिट्री स्कूल में करा दिया। ट्रम्प को 13 साल की उम्र में ही मिलिट्री स्कूल जाना पड़ा। ट्रम्प पर किताब लिख चुके टिमोथी ओ’ब्रायन कहते हैं कि ट्रम्प को अपने मिलिट्री स्कूल के बारे में बात करना पसंद है। ट्रम्प बताते हैं कि जब वो मिलिट्री स्कूल पहुंचे, तो लाइन से बाहर निकलने पर उन्हें किसी ने थप्पड़ मार दिया था। ट्रम्प के जीवनीकार मार्क फिशर के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प मिलिट्री स्कूल में भी अपने साथ पढ़ने वालों पर चीखते और चिल्लाते थे। पिता से मिली परवरिश ने ट्रम्प को स्वभाविक तौर पर प्रतिस्पर्धी बना दिया था। मिलिट्री स्कूल में भी उनका वही रवैया रहा। यहां भी वो सभी के साथ प्रतिस्पर्धा करते थे। द ट्रम्पस् की लेखिका ग्वेंडा ब्लेयर कहती हैं कि ट्रम्प को मिलिट्री स्कूल में ये सब करना बेहद पसंद था। हालांकि इसकी वजह से उनके साथ पढ़ने वाले उन्हें पसंद नहीं करते थे। ट्रम्प मिलिट्री स्कूल से अपने अंदर लीडरशिप का गुण लेकर पासआउट हुए। 1964 में मिलट्री स्कूल से पासआउट होने के बाद ट्रम्प ने दो साल तक फोर्डहम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर ले लिया था। यहां उन्होंने रियल स्टेट प्रोग्राम में शिक्षा हासिल की। इसके बाद ट्रम्प ने 1968 में इकोनॉमिक साइंस में डिग्री ली। ट्रम्प का अपने बड़े भाई फ्रैड के प्रति बेहद लगाव था। फ्रैड की मौत की 43 साल की उम्र में ज्यादा शराब पीने से हो गई थी। तभी ट्रम्प ने भी जीवन भर के लिए शराब और सिगरेट को छोड़ने का फैसला किया। 1960 के दशक के अंत में अमेरिका वियतनाम युद्ध में उलझा हुआ था। इस वक्त अमेरिका के हर युवक को अमेरिकी सेना में सेवा देना जरूरी था। लेकिन ट्रम्प इससे बचते रहे। पैर की बीमारी और मेडिकल की पढ़ाई का बहाना बनाकर उन्होंने 5 बार सेना का हिस्सा बनने से मना कर दिया। वियतनाम जंग के खत्म होने पर अमेरिका में अनिवार्य सैन्य सेवा का चलन भी खत्म हो गया। पर्सनल लाइफ ट्रम्प की प्रेमिका ने उनकी पत्नी से पूछा था- आप भी उन्हें चाहती हैं... साल -1976, जगह- न्यूयॉर्क का मैक्सवेल प्लम बार वैनिटी फेयर मैगजीन के मुताबिक यह वो जगह थी जहां मॉडल्स डेटिंग के लिए अमीर पुरुषों को ढूंढ़ा करती थीं। एक शाम की बात है, डोनाल्ड ट्रम्प इस बार में आए। यहां उनकी नजर चेकोस्लोवाकिया की एक मॉडल इवाना पर पड़ी। ट्रम्प ने उन्हें 100 गुलाब भेजे और बाहर घुमाने ले गए। इवाना अपनी किताब 'रेजिंग ट्रम्प' में लिखती हैं कि अगले 3 महीने तक ट्रम्प उन्हें हर दिन फोन करते थे। दोनों ने एक-दूसरे को कई महीनों तक डेट किया। 1977 में नए साल की शाम ट्रम्प ने इवाना को शादी के लिए प्रपोज किया। ट्रम्प ने कहा- अगर तुमने मुझसे शादी नहीं कि तो अपनी जिंदगी बर्बाद कर लोगी। इवाना शादी के लिए मान गई। 9 अप्रैल 1977 को दोनों ने शादी कर ली। ट्रम्प ने अपने एक दोस्त से कहा था कि वह 5 बच्चे चाहते हैं। ताकि कम से कम एक बच्चा बिल्कुल उनके जैसा हो। ट्रम्प ने 5 बच्चों के लिए इवाना को मनाना शुरू किया, ट्रम्प ने उन्हें हर बच्चे पर 2.5 लाख डॉलर दिए थे। इवाना और ट्रम्प के 3 बच्चे हुए। इनमें डोनाल्ड जूनियर, बेटी इवांका और सबसेे छोटा बेटा एरिक शामिल हैं। शादी के 8 साल बाद ही दोनों के रिश्तों में दरार पड़नी शुरू हो गई। 1985 में ट्रम्प की एक मॉडल मार्ला मेपल्स से टेनिस मैच के दौरान मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों का अफयेर शुरू हो गया। 1989 में इवाना क्रिस्मस की छुट्टियां बिताने कोलाराडो के एस्पेन पहुंची थी। वहां पर मार्ला मेपल्स भी मौजूद थीं। मार्ला ने इवाना को अपना परिचय देते हुए कहा- मैं मार्ला हूं, मैं आपके पति से प्यार करती हूं, क्या आप भी उनसे प्यार करती हैं? इवाना ने अपनी किताब में लिखा है- यह सवाल सुनकर मैं चौंक गई। मैंने तुरंत कहा- दफा हो जाओ। मुझे अपने पति से प्यार है। मैंने मार्ला को जवाब तो दिया लेकिन मैं सदमे में चली गई। कुछ समय बाद मैंने ट्रम्प से तलाक लेने का फैसला किया। ट्रम्प और इवाना का झगड़ा पूरे देश में लोकप्रिय हो गया। हर दिन अखबारों में ट्रम्प, इवाना और मार्ला से जुड़े किस्से सुर्खियां बनाते। इसी बीच अखबारों में एक हेडलाइन ने पूरे देश को चौंका दिया, जिसमें लिखा था- ‘ट्रम्प के साथ मैंने अपने जीवन के सबसे अच्छे शारीरिक संबंध बनाए ’ ये बात मार्ला ने मीडिया को बताई थी। इससे ट्रम्प-इवाना का मामला अदालत तक खिंच गया। इवाना ने ट्रम्प पर रेप का आरोप लगाया। दिसंबर 1990 में दोनों का तलाक तय हो गया। ट्रम्प को एलिमनी के तौर पर इवाना को उस वक्त 36 करोड़ रुपए देने पड़े। इसके बाद ट्रम्प ने मार्ला से शादी की। तब मार्ला 7 महीने की गर्भवती थीं। 2 महीने बाद ट्रम्प की चौथी संतान टिफनी का जन्म हुआ। हालांकि मार्ला और ट्रम्प के बीच सिर्फ 3 साल का रिश्ता चल पाया। दोनों ने 1997 में एक दूसरे से तलाक ले लिया। तलाक के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू मार्ला ने कहा- डोनाल्ड वह इंसान नहीं था जिससे मैं शादी करना चाहती थी। ट्रम्प और उसकी दुनिया मेरे लिए अजनबी थी। उससे अलग होकर मैं बहुत खुश हूं। डोनाल्ड ट्रम्प और मार्ला के बीच जब तलाक का प्रोसेस चल रहा था, इसी दौरान ट्रम्प की मुलाकात स्लोवेनियन मॉडल मेलानिया नॉस से हुई। पॉलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों के बीच पहली मुलाकात 1998 में न्यूयॉर्क में एक पार्टी के दौरान हुई। यहां ट्रम्प ने मेलानिया से उनका फोन नंबर भी मांगा था। ट्रम्प ने 2004 में मेलानिया को मेट गाला के दौरान प्रपोज किया। दोनों ने 22 जनवरी 2005 को शादी कर ली। मेलानिया और ट्रम्प का एक बेटा भी है जिसका नाम बैरन ट्रम्प है। 2017 में ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद मेलानिया अमेरिका की फर्स्ट लेडी भी बनीं। ट्रम्प की पर्सनल लाइफ काफी विवादों में रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक मिलिट्री स्कूल के वक्त से ही ट्रम्प को उनके साथ लेडीज मैन कहा करते थे। ट्रम्प के न सिर्फ मॉडल बल्कि पोर्न स्टार से भी संबंध रहे। दिल फेंक रवैये के चलते उन पर कम से कम 18 महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए। लाइफ इन बिजनेस गगनचुंबी इमारतों से लेकर कैसीनो के बिजनेस में रुतबा कायम डोनाल्ड ट्रम्प को सारी शोहरत और विरासत उनके बड़े भाई फ्रेड जूनियर के एक फैसले के चलते हासिल हुई। दरअसल जूनियर ने अपने पिता का बिजनेस जॉइन करने से इनकार कर दिया था। वे एक पायलट बन गए। इसके चलते ट्रम्प परिवार का बिजनेस संभालने की सारी जिम्मेदारी छोटे भाई डोनाल्ड ट्रम्प पर आ गई। इस वक्त वे सिर्फ 18 साल के थे। ट्रम्प के मुताबिक उनके पिता ने कंपनी जॉइन करने से पहले उन्हें 1 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया था। कंपनी जॉइन के करने के बाद ट्रम्प ने न्यूयॉर्क शहर में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में पिता की मदद करना शुरु किया। उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर द ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन कर दिया। 25 साल की उम्र डोनाल्ड ‘द ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन’ के प्रेसीडेंट बन गए। प्रेसीडेंट बनने के बाद ट्रम्प 1970 और 1980 के दशक में एक महत्वाकांक्षी रियल एस्टेट व्यवसायी के तौर पर उभरे। ट्रम्प ने कंपनी को हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ लग्जरी होटल, कसीनों और गगनचुंबी इमारतों के निर्माण में लगा दिया। 1976 में ट्रम्प ने अपने व्यव्सायिक जीवन का सबसे बड़ा फैसला लिया। उन्होंने न्यूयॉर्क के दिवालिया हो चुके कमोडोर होटल को खरीद लिया और उसकी जगह एक शानदार होटल बनाने के लिए हयात ग्रुप से एग्रीमेंट किया। हालांकि तब ट्रम्प के पास इसके लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। इस वक्त उन्होंने अपने पिता के राजनीतिक प्रभाव का फायदा उठाया। ट्रम्प के पिता डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े थे। उन्होंने न्यूयॉर्क के मेयर के साथ डील करके होटल पर लगने वाले टैक्स पर 40 साल की छूट हासिल कर ली। तब ट्रम्प के बारे में कहा गया कि वे न्यूयॉर्क में जो चाहते हैं हासिल कर लेते हैं। इसके बाद 1983 में ट्रम्प ने न्यूयॉर्क सिटी के मैनहट्टन में फिफ्थ एवेन्यू पर एक 58 मंजिला इमारत का निर्माण करवाया। इसे ट्रम्प टॉवर के नाम से जाना जाता है। 80 के दशक में ट्रम्प ने कैसिनो बिजनेस में कदम रखा। उन्होंने 1984 में ट्रम्प प्लाजा और 1990 में ट्रम्प ताज महल जैसे कैसिनो बनवाए। ट्रम्प ने ताजमहल कैसिनो बनवाने में 1 बिलियन डॉलर यानी 1750 करोड़ रुपए खर्च किए थे। तब इसे उन्होंने दुनिया का आठवां अजूबा बताया था। हालांकि इसे बनाने में ही ट्रम्प कंगाल हो गए। उन्होंने अपनी दो कंपनियों को दिवालिया घोषित कर दिया। उनके इस फैसले के कारण अमेरिका में उनका खूब मजाक बना। कुछ साल बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने ट्रम्प के बारे में लिखा- ट्रम्प सफलता के ऐसे पर्याय बन चुके हैं कि उनकी कंपनी का दिवालिया होना भी उनकी प्रतिष्ठा को डिगा नहीं पाया। शायद दूसरों पर लागू होने वाले नियम ट्रम्प पर लागू नहीं होते… साल 1999 में डोनाल्ड के पिता फ्रेड ट्रम्प का निमोनिया की बीमारी के कारण निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार में ट्रम्प ने अपने पिता और उनकी उपलब्धियों की बजाए ये बताया कि वे ट्रम्प परिवार के बिजनेस को कितना दूर तक ले गए हैं। ट्रम्प ने एक रियल एस्टेट कारोबारी के अलावा खुद को एक सेलेब्रिटी के तौर पर भी लोगों के सामने पेश किया। प्रसिद्धि हासिल करने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने 1996 में तीन ब्यूटी पेजेंट मिस यूनिवर्स, मिस USA और मिस टीन USA को खरीदा। मिस यूनिवर्स का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होता है। इसे कवर करने के लिए दुनिया भर की मीडिया पहुंचती है। ट्रम्प को इसका पूरा लाभ मिला और ग्लोबल लेवल पर उनकी पहचान बनी। हालांकि राष्ट्रपति बनने से पहले 2015 में ट्रम्प ने लैटिन अमेरिकियों पर नस्लभेदी कमेंट किए थे, इसके चलते टीवी चैनलों ने ब्यूटी पेजेंट प्रोग्राम को चलाने से इनकार कर दिया। इसके बाद ट्रम्प ने तीनों पेजेंट्स को बेच दिया था। रियलिटी शो से सेलिब्रिटी बने ट्रम्प ट्रम्प ने 2004 में एक टीवी रियलिटी शो ‘द अप्रेंटिस’ की शुरुआत की। इसे ट्रम्प खुद होस्ट करते थे। शो में सिलेक्ट होने वाले कंटेस्टेंट को ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन में मैनेजमेट कॉन्ट्रेक्ट मिलता था। इसके लिए ट्रम्प कंटेस्टेंट से सवाल करते थे। सवाल का जवाब ठीक से न दे पाने वाले को ट्रम्प यू आर फायर्ड कहकर निकाल दिया करते थे। इस पंच लाइन ने उन्हें अमेरिका के घर-घर में पहचान दिलाई। ट्रम्प के इस शो के 14 सीजन ब्रॉडकास्ट हुए थे। इस शो के जरिए ट्रम्प एक फेमस मीडिया पर्सनालिटी बन गए। ट्रम्प ने हॉलीवुड की फिल्मों और सीरीज में एक्टिंग का काम भी किया है। ट्रम्प ने पहली बार 1989 में ‘घोस्ट कान्ट डू इट’ में काम किया। इस फिल्म में उन्होंने अपना ही किरदार प्ले किया था। इसके अलावा उन्होंने ‘होम अलोन 2: लॉस्ट इन न्यूयॉर्क, ‘द लिटिल रास्कल’, सेक्स एंड द सिटी’ जैसी लगभग 30 फिल्मों और सीरीज में काम किया। ट्रम्प ने रेसलिंग की दुनिया में भी खुद को आजमाया। NYT के मुताबिक उन्होंने 1988 और 1989 में रेसल मेनिया को स्पोन्सर किया। 1991 और 2004 में वो WWE में दिखाई भी दिए। इसके अलावा उन्होंने 2007 में WWE के पूर्व CEO विंस मैकमोहन के साथ बैटल ऑफ बिलियनर में फाइट भी किया। इस दौरान ट्रम्प ने मैकमोहन के सिर को शेव करके गंजा कर दिया था। इस तरह से ट्रम्प ने खुद को एक सेलिब्रिटी फेस के तौर पर लोगों के सामने पेश किया। पॉलिटिकल लाइफ बेहिचक बयानों ने रिपब्लिकन पार्टी का हीरो बनाया ब्रिटेनिका की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प 1980 के दशक से ही राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने को लेकर बयानबाजी करते रहते थे। हालांकि ट्रम्प के इन बयानों को तब पब्लिसिटी स्टंट के तौर पर देखा जाता था। ट्रम्प शुरुआत में रिपब्लिकन पार्टी के रजिस्टर्ड वोटर थे। लेकिन साल 2000 में ट्रम्प ने रिपब्लिकन पार्टी की बजाय रिफॉर्म पार्टी में अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया। साल 2000 में उन्होंने रिफार्म पार्टी से खुद को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया। लेकिन चार महीने बाद नाम वापस ले लिया। ट्रम्प ने बाद में फिर से रिपब्लिकन पार्टी को जॉइन कर लिया। 2012 में ट्रम्प को एक बार फिर राष्ट्रपति उम्मीदवार के प्रबल दावेदारों में से एक माना जा रहा था। हालांकि ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की कोई घोषणा नहीं की। लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के अमेरिकी पैदाइश को लेकर ट्रम्प ने कई बार सवाल उठाए। इसके जरिए ट्रम्प ने खूब सुर्खियां बटोरी। ट्रम्प आधिकारिक तौर पर 2015 में अमेरिका की राजनीति में कूदे। उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की। ट्रम्प ने ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ के नारे के साथ अपने प्रचार अभियान की शुरू किया। रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी चुनावों में फरवरी 2016 की शुरुआत में अयोवा में ट्रम्प को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन जल्द ही उन्होंने वापसी करते हुए अन्य राज्यों में प्राइमरी जीतने में सफलता हासिल की। मई 2016 ट्रम्प के आखिरी दो प्रतिद्वंद्वी, टेड क्रूज और जॉन कैसिच रेस से बाहर गए जिसके बाद ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार बन गए। 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन के साथ हुआ। ट्रम्प को चुनाव में हिलेरी के मुकाबले लगभग 28 लाख वोट कम मिले। लेकिन इलेक्टोरल वोट ट्रम्प के पाले में अधिक आए। इससे ट्रम्प 2017 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने माइग्रेशन को लेकर सख्त रवैया अपनाया। अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने अमेरिका और मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने की योजना पर काम शुरु किया। राष्ट्रपति रहते हुए ट्रम्प ने कई मुस्लिम देशों से अमेरिका आने वाले प्रवासियों की एंट्री बैन की। ट्रम्प पर राष्ट्रपति रहते अरबपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगा। ट्रम्प ने 2017 में टैक्स कट्स एंड जॉब्स एक्ट लागू किया। इसके जरिए बड़ी कंपनियों और अमीर व्यक्तियों के लिए करों में कटौती की। राष्ट्रपति रहते ट्रम्प के खिलाफ दो बार महाभियोग चलाया गया। पहली बार 2019 में यूक्रेन के राष्ट्रपति पर जो बाइडेन की जांच करने को लेकर दबाव डालने से जुड़ा था, जबकि दूसरा महाभियोग 2021 में कैपिटल दंगे के बाद उकसाने के आरोप में था। दोनों बार उन्हें सीनेट में बरी कर दिया गया। ट्रम्प ने विदेश नीति के मामले में अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी पर जोर दिया। उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते और ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया। राष्ट्रपति रहते ट्रम्प ने नॉर्थ कोरिया के तानाशााह किम जोंग उन के साथ भी बातचीत की। ट्रम्प ने रिपब्लिकन पार्टी पर कब्जा कैसे किया ट्रम्प जब राजनीति में आए तो रिपब्लिकन पार्टी में कई ऐसे लोग थे जिन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर ट्रम्प का समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन आखिरकार उन्हें ट्रम्प का समर्थन करना ही पड़ा। अमेरिकी राजनीति के जानकार जेरेमी पीटर्स ने अपनी किताब ‘इंसर्जेंसी’ में लिखा है कि ट्रम्प का राजनेता न होना उनका सबसे बड़ा हथियार बना। ट्रम्प ने जैसे बयान दिए वो कोई और नेता देता तो उसकी राजनीति खत्म हो जाती। दरअसल ट्रम्प को राजनीति के बारे में कुछ भी बेहतर नहीं पता था। इसलिए वे बिना किसी डर के अपनी बातें कहते गए। उन्होंने आक्रमक बयान देकर सबसे पहले रुढ़िवादी वोटर्स को साधा। उन्होंने गर्भपात जैसे मुद्दों पर ऐसे बयान दिए जो जॉर्ज बुश और मिट रोमनी जैसे दिग्गज रिपब्लिकन नेता दबी आवाज में भी नहीं कह सके। ट्रम्प ने खुलकर कहा कि वे ऐसे जजों की नियुक्ति करेंगे जो अमेरिका में गर्भपात के अधिकार के फैसले को पलट देंगे। बाद में ट्रम्प ने ऐसा ही किया। यही वजह है कि ट्रम्प के समर्थन में करोड़ों रिपब्लिकंस एकजुट हो गए। ऐसे में 2020 का चुनाव हारने के बावजूद राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर कोई भी रिपब्लिकन नेता ट्रम्प को रिप्लेस नहीं कर पाए। ट्रम्प ने एक-एक कर सबसे पहले पार्टी में विरोधियों को हराया और फिर राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर 2024 के चुनाव में जगह पक्की की।

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