जानकीपुरम विस्तार में गृहकर और जलकल शुल्क को लेकर भ्रम:महासमिति ने लिखा नगर आयुक्त और महापौर लखनऊ को पत्र
लखनऊ के जानकीपुरम विस्तार के निवासियों में गृहकर और जलकर जमा करने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसके कारण लोग टैक्स जमा करने को लेकर संशय में हैं। हाल ही में महापौर ने एक कार्यक्रम में सेक्टरों में गृहकर की वसूली के लिए कैम्प लगाने की घोषणा की थी। पर अब तक विभाग की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। इस स्थिति को लेकर जानकीपुरम संयुक्त कल्याण महासमिति के महासचिव एडवोकेट विनय कृष्ण पाण्डेय ने नगर निगम से कई सवाल उठाए हैं। महासमिति ने पूछा है कि जानकीपुरम विस्तार नगर निगम को कब पूरी तरह से हस्तांतरित हुआ। विस्तार के निवासियों पर गृहकर की देनदारी कब से लागू होनी शुरू हुई। आवासीय और आवासीय में वाणिज्यिक उपयोग करने वाले संपत्तियों का गृहकर समान होता है या अलग। उन्होंने सवाल किया है कि पिछले वर्ष जलकल विभाग ने सीवर और पानी के टैक्स में कमी की थी, लेकिन इस वर्ष अचानक इन टैक्सों में वृद्धि क्यों की गई है। महासमिति यह जानने की कोशिश कर रही है कि इसका आधार क्या है। महासमिति का कहना है कि अगर इन सवालों का उत्तर यदि नगर निगम स्पष्ट रूप से देता है तो जानकीपुरम विस्तार में शत प्रतिशत राजस्व वसूली की संभावना बढ़ जाएगी। वे यह भी चाहते हैं कि अधिकारियों द्वारा जल्दी से पहल की जाए ताकि क्षेत्र के लोग बिना किसी भ्रम के अपने गृहकर और अन्य टैक्सों का भुगतान कर सकें।
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