डॉ भारतीय प्रशंसकों को उत्तेजित करता है | डॉ सौरभ ने 24 घंटे में दो बार बयान बदला बोला - मैं सांसद पर केस कराना नहीं चाहता था, FIR में सीएमएस को दी एप्लीकेशन | Indiatwoday
मऊ में सांसद-डॉक्टर के विवाद में सांसद के खिलाफ दर्ज मुकदमे को खत्म करने की कवायद चल रही है। डा. सौरभ त्रिपाठी ने नगर के थाना सराय लखंसी में सांसद राजीव राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने सांसद राजीव राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन मुकदमा दर्ज होने के 36 घंटे के अंदर डा. सौरभ त्रिपाठी ने दबाव में आकर एफआईआर वापस लेने का फैसला लिया। इसमें बड़ी बात यह है कि डा. सौरभ त्रिपाठी बदल-बदल कर अपना बयान दे रहे हैं। इसकी वजह से पुलिस के लोग इस मामले में कुछ भी कहने और करने से पहले काफी सोच विचार कर रहे हैं। शनिवार की सुबह डा. सौरभ त्रिपाठी ने मीडिया को बयान देते हुए कहा था कि इस प्रकरण की सूचना मैंने थानाध्यक्ष सराय लखंसी को दी है, लेकिन शाम होते ही डॉक्टर ने अपना पूरा बयान बदल दिया। शनिवार की शाम को डा. सौरभ त्रिपाठी ने मुकदमा वापस लेने के लिए सराय लखंसी थाने पर एक पत्र दिया। इसके बाद उन्होंने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि यह 16 अक्टूबर की घटना थी। वैसी घटना नहीं होनी चाहिए थी और मैं इस मामले में एफआईआर दर्ज करना नहीं चाहता था। मैंने अपनी ओर से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को स्पष्टीकरण दिया था, उसी के तहत एफआईआर दर्ज हो गई थी। उन्होंने आगे कहा, आज उस एफआईआर को वापस करने के लिए थाने पर पत्र दे दिया गया है। सांसद से मेरा कोई वैमनस्य नहीं था। उस दिन का जो भी मामला हो गया। सांसद के साथ आए एक पत्रकार की वजह से हो गया था। बाकी हम दोनों पक्ष में कोई ऐसा मतभेद नहीं था और ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए थी। पूरा मामला जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें... सपा सांसद से डॉक्टर बोला-नेतागिरी कहीं और करो: राजीव राय का जवाब- व्हाट नॉनसेंस यू आर टॉकिंग; मऊ में हुई तीखी नोकझोंक मऊ में जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे सपा सांसद राजीव राय की एक डॉक्टर से बहस हो गई। इस दौरान उनके साथ में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) भी थे। डॉक्टर, सांसद से कहते रहे- जाइए, जाकर अपनी इंफॉर्मेशन सही करिए। मुझ पर ब्लेम मत लगाइए। नेतागिरी मत करिए।
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