ढाई करोड़ रंगदारी मारे गए ठेकेदार की हत्याकांड में सजा:लखनऊ कोर्ट ने पप्पू सिंह और श्यामलाल यादव को आजीवन कारावास; तीसरे अभियुक्त दिनेश सिंह बरी

लखनऊ डीआरएम ऑफिस में ठेकेदार आशीष पांडे उर्फ नाटू की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त पप्पू सिंह उर्फ कमल किशोर सिंह और श्यामलाल यादव को दोषी ठहराया गया। शुक्रवार को विशेष अदालत एडीजे-1 न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 20,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया। अन्य धाराओं में भी अलग-अलग सजा दी गई, जिसमें अतिरिक्त कारावास की सजा भी शामिल है। ढाई करोड़ के टेंडर में रंगदारी मांगने पर ठेकेदार की हुई थी हत्या साल 2016 में हजरतगंज स्थित डीआरएम ऑफिस में ठेकेदार आशीष पांडे की हत्या के पीछे रंगदारी को लेकर गोली मकर दी गई थी। अभियुक्त पप्पू सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह जौनपुर निवासी माफिया अजीत सिंह की एबीएन कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए काम करता था। कंपनी को मिले ढाई करोड़ रुपये के टेंडर में मृतक आशीष ने जेल में बंद माफियाओं के नाम पर सुरेंद्र कालिया के लिए 5% कमीशन की मांग की थी। रंगदारी न देने पर आशीष और उसके साथियों ने पप्पू की पिटाई की, जिसके बाद पप्पू ने बचाव में गोली चलाई थी। हजरतगंज पुलिस ने इस मामले में पप्पू सिंह समेत सात लोगों पर हत्या और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस का दावा था कि इस हत्या की साजिश माफिया अजीत सिंह के शार्प शूटर नरेंद्र पहाड़ी ने रची थी। डीआरएम ऑफिस से मिली थी इनोवा गाड़ी की जानकारीपुलिस को घटना स्थल से बरामद इनोवा चिनहट निवासी रोहित पाठक की थी, जिसने आत्महत्या कर ली थी। फाइनेंस का काम करने वाले ऋषभ ने इस गाड़ी को फाइनेंस के तहत लिया था और फिर पप्पू सिंह को बेची थी।

Oct 24, 2024 - 21:05
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ढाई करोड़ रंगदारी मारे गए ठेकेदार की हत्याकांड में सजा:लखनऊ कोर्ट ने पप्पू सिंह और श्यामलाल यादव को आजीवन कारावास; तीसरे अभियुक्त दिनेश सिंह बरी
लखनऊ डीआरएम ऑफिस में ठेकेदार आशीष पांडे उर्फ नाटू की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त पप्पू सिंह उर्फ कमल किशोर सिंह और श्यामलाल यादव को दोषी ठहराया गया। शुक्रवार को विशेष अदालत एडीजे-1 न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 20,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया। अन्य धाराओं में भी अलग-अलग सजा दी गई, जिसमें अतिरिक्त कारावास की सजा भी शामिल है। ढाई करोड़ के टेंडर में रंगदारी मांगने पर ठेकेदार की हुई थी हत्या साल 2016 में हजरतगंज स्थित डीआरएम ऑफिस में ठेकेदार आशीष पांडे की हत्या के पीछे रंगदारी को लेकर गोली मकर दी गई थी। अभियुक्त पप्पू सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह जौनपुर निवासी माफिया अजीत सिंह की एबीएन कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए काम करता था। कंपनी को मिले ढाई करोड़ रुपये के टेंडर में मृतक आशीष ने जेल में बंद माफियाओं के नाम पर सुरेंद्र कालिया के लिए 5% कमीशन की मांग की थी। रंगदारी न देने पर आशीष और उसके साथियों ने पप्पू की पिटाई की, जिसके बाद पप्पू ने बचाव में गोली चलाई थी। हजरतगंज पुलिस ने इस मामले में पप्पू सिंह समेत सात लोगों पर हत्या और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस का दावा था कि इस हत्या की साजिश माफिया अजीत सिंह के शार्प शूटर नरेंद्र पहाड़ी ने रची थी। डीआरएम ऑफिस से मिली थी इनोवा गाड़ी की जानकारीपुलिस को घटना स्थल से बरामद इनोवा चिनहट निवासी रोहित पाठक की थी, जिसने आत्महत्या कर ली थी। फाइनेंस का काम करने वाले ऋषभ ने इस गाड़ी को फाइनेंस के तहत लिया था और फिर पप्पू सिंह को बेची थी।

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