तकनीकी सहयोग से भारत उद्योग होगा मजबूत:मीट एट आगरा के दूसरे दिन तकनीकी सत्रों को हुआ आयोजन, हुआ एमओयू
आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्टर्स चैम्बर्स (एफमेक) द्वारा आगरा ट्रेड सेंटर में आयोजित किये गए ‘मीट एट आगरा ’ के 16वें संस्करण में शनिवार को तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। जिसका दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन मुख्य वक्ता एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग उत्तर प्रदेश के सचिव आईएएस प्रांजल यादव, मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी निदेशक प्रतुल चंद्र सिन्हा, जॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्री अनुज कुमार, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, फेयर ऑर्गनाइजिंग कमेटी के चेयरमैन गोपाल गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया। तकनीकी सत्र का संचालन सौरभ मनचंदा ने किया। तीन सत्रों में हुए इस सत्र में पहला सत्र: फुटवियर निर्माण में स्थिरता और नवाचार, सरकारी नीतियां और उद्योग समाधान रहा। जिसमें एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक प्रतुल चंद्र सिन्हा ने एमपीआईडीसी के प्रयासों और एमएसएमई क्षेत्र में सरकारी योजनाओं के महत्व को उजागर किया। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार का प्रयास उद्योगों को प्रोत्साहित करके अधिक से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। ताइवान के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख माइल्स ल्यू ने कहा कि तकनीकी सहयोग से भारत उद्योग को ओर मजबूती से आगे ले जा सकता है। इफ्कोमा अध्यक्ष संजय गुप्ता ने के दृष्टिकोण से उद्योग के विकास की दिशा पर चर्चा की। अस्मा के अध्यक्ष ओपिंदर सिंह लवली, और एमपीआईडीसी के नॉलेज पार्टनर ध्रुव ओवरॉय ने उद्योग में प्रौद्योगिकियों और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में होने वाले कार्यों पर बात की। दूसरे सत्र पर इस पर हुई चर्चा दूसरा सत्र स्मार्ट फुटवियर के भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी का समन्वय रहा। जिसमें एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग उत्तर प्रदेश के सचिव आईएएस प्रांजल यादव ने सरकारी नीतियों के बारे बात करते हुए कहा कि कैसे एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग स्मार्ट फुटवियर उद्योग के विकास में सहायक हो सकता है। आइएलजीए के चेयरमैन मोतीलाल सेठी ने जूता उद्योग में आने वाली नई चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे स्मार्ट फुटवियर की उत्पादन प्रक्रिया को और अधिक इको-फ्रेंडली और इनोवेटिव बनाया जा सकता है। डॉ. पंकज शर्मा ने शैक्षिक दृष्टिकोण से स्मार्ट फुटवियर के विकास में तकनीकी शिक्षा और प्रोफेशनल ट्रेनिंग की भूमिका पर चर्चा की। चेतन गुप्ता ने व्यावसायिक दृष्टिकोण से स्मार्ट फुटवियर के उत्पादन में नई तकनीकों और वैश्विक मानकों की भूमिका पर विचार साझा किए। आयुषी झा ने इन्वेस्ट इंडिया के दृष्टिकोण से बताया कि भारत में स्मार्ट फुटवियर के क्षेत्र में निवेश के अवसर किस प्रकार बढ़ सकते हैं। लामोस ग्रुप के मैनेजिंग हेड नकुल मनचंदा ने स्मार्ट फुटवियर के भविष्य पर अपने विचार साझा करते हुए सफलता के लिए स्मार्ट प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। उद्योग भागीदारों को होना होगा एकजुट सत्र के समापन में एफमेक के अध्यक्ष पूरन डावर ने कंक्लूडिंग रिमार्क दिए। उन्होंने स्मार्ट फुटवियर के उद्योग में प्रौद्योगिकी के समन्वय की महत्ता पर जोर दिया और इस क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सभी उद्योग भागीदारों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। पूरन डावर ने कहा कि स्मार्ट फुटवियर केवल नवीनतम तकनीक और स्मार्ट फीचर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उपभोक्ता अनुभव और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को भी सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने उद्योग के भविष्य के लिए तकनीकी विकास को लेकर अपने विचार साझा किए और इस क्षेत्र में भारत के संभावित नेतृत्व की ओर इशारा किया। फुटवियर में तकनीकी अनुसंधान के लिए हुआ एमओयू शारदा यूनिवर्सिटी के साथ फुटवियर में तकनीकी अनुसंधान के लिए एमओयू हुआ। यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. डॉ. जयंती रंजन और एफमेक अध्यक्ष ने एमओयू पर हस्ताक्षर करके प्रपत्रों का आदान प्रदान किया। यह एमओयू फुटवियर उद्योग में नवीनतम तकनीकी विकास और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए है, जिससे उद्योग में क्वालिटी सुधार और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए नये समाधान खोजे जा सकें। इस साझेदारी का उद्देश्य उद्योग के संचालन में दक्षता, प्रौद्योगिकी में नवाचार, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार करना है। दूसरे दिन के आकड़े कुल विजिटर्स की सहभगिता – 7109 रजिस्टर्ड बिजनेस विजिटर्स – 2045 मुख्य रूप से रहे मौजूद इस मौके पर एफमेक अनुरुद्ध तिवारी, संजय डंग, डॉ. रेणुका डंग, संजीव सिंह, प्रदीप वासन, सीएलई के सहायक निदेशक आरके शुक्ला, महासचिव दीपक मंनचदा आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
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