दिव्यांगों के लिए बना रैंप, लगा दिया गेट:आगरा यूनिवर्सिटी में पहुंचा दिव्यांग, छात्रों ने व्हीलचेयर उठाकर पहुंचाई ऑफिस तक
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में लाखों रुपए खर्च करके बनाए गए रैंप का लाभ दिव्यांगों को नहीं मिल पा रहा है। दिव्यागों के लिए रैंप के आगे का गेट बंद रहता है। सोमवार को भी ऐसा ही एक मामला सामने आया। कुछ छात्रों ने व्हीलचेयर को उठाकर परीक्षा नियंत्रक(सीओई) कार्यालय के पास रखा। आंबेडकर विवि में हर दिन सैकड़ों परेशान छात्रों की लाइन लगी रहती है। छात्रों को अपनी समस्या समाधान के लिए कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक से मिलना पड़ता है। इनके कार्यालय में जाने के लिए छात्रों को छह सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। सामान्य छात्र तो आराम से सीढि़यां चढ़कर कार्यालय में चला जाता है, लेकिन दिव्यांगों को सीढि़यां चढ़ने में परेशानी होती है। ऐसे दिव्यांग छात्रों की परेशानी को देखते हुए सीओई ऑफिस के बाहर पांच साल पहले रैंप बनवाया गया। ताकि इस पर चढ़कर वह आसानी से ऑफिस में एंट्री ले सकें। लेकिन विश्वविद्यालय ने यहां भी दिव्यांग छात्रों को परेशान कर दिया है। कार्यालय के बाहर जो रैंप बनवाई गई है, उसे कार्यालय से जोड़ा गया है। दिव्यांग जब रैंप पर चढ़कर जाते हैं तो रैंप के सामने एक लोहे की जाली आ जाती है। इस जाली के चलते वह कार्यालय में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। उन्हें फिर नीचे उतरकर आना पड़ता है और फिर मजबूरन सीढि़यों से चढ़कर कुलसचिव कार्यालय में प्रवेश करना होता है। पूर्व कुलसचिव केएन सिंह का कहना था कि रैंप के आगे की जाली को हटाया जाएगा। लेकिन उनके जाने के बाद उनका दिया आश्वासन पूरा नहीं हुआ है। छात्रों ने उठाई व्हीलचेयर सोमवार को एक दिव्यांग सीओई ऑफिस पहुंचा। उसके साथ उसके दो साथी थे। दिव्यांग के साथियों ने गेट पर खड़े सुरक्षाकर्मियों से कहा गया कि गेट खोल दें। इस पर सुरक्षाकर्मियों ने गेट खोलने से मना कर दिया। इसके बाद पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गौरव शर्मा व अन्य छात्र व्हीलचेयर उठाकर कंट्रोलर ऑफिस तक ले गए। छात्रों ने मांग की है कि दिव्यांगों के लिए बनाए गए रैंप के आगे के गेट को खोला जाए, जिससे दिव्यांगों को परेशानी न हो।
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