देवोत्थानी एकादशी को लेकर गन्ने से पटा आजमगढ़ का बाजार:4 माह के बाद जागते हैं विष्णु भगवान, तमसा नदी के घाटों पर उमड़ती है भक्तों की भारी भीड़

आजमगढ़ जिले में देवोत्थानी एकादशी को लेकर जिले का बाजार गन्ने से भरा पड़ा है। चार माह क्षीरसागर में सोने के बाद भगवान विष्णु एकादशी के दिन जागते हैं। यही कारण है कि 12 नवंबर के बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस दिन भक्तों द्वारा भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। आजमगढ़ जिले में तमसा नदी के तट पर भक्तों की भारी भीड़ स्नान के लिए उमड़ती है। इसके साथ ही जिले के अवंतिका पुरी, दुर्वासा धाम में भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन मेला लगता है। इसके साथ ही इस दिन मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। शाम को घरों पर पूजन किया जाता है और भगवान विष्णु को भोग भी लगाया जाता है। इसको लेकर लगातार जिले में इन धार्मिक स्थलों पर लगने वाले इस मेले को लेकर तैयारी बैठक भी की जा रही है। जिससे कि मेले में आने वाले भक्तों को किसी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े। महर्षि दुर्वासा की तपोस्थली पर लगता है तीन दिवसीय मेला आजमगढ़ जिले के फूलपुर तहसील में पढ़ने वाली महर्षि दुर्वासा की तपोस्थली स्थल दुर्वासा धाम पर कार्तिक माह में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में 14 नवंबर को बेटर 15 नवंबर को नहान और 16 नवंबर को स्थानीय मेले का भी आयोजन किया जाता है। तमसा नदी के तट पर दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और व्यापारी भी आते हैं। जिला प्रशासन जिले में लगने वाले इन मेलों को लेकर तैयारी बैठक भी कर चुका है।

Nov 12, 2024 - 02:50
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देवोत्थानी एकादशी को लेकर गन्ने से पटा आजमगढ़ का बाजार:4 माह के बाद जागते हैं विष्णु भगवान, तमसा नदी के घाटों पर उमड़ती है भक्तों की भारी भीड़
आजमगढ़ जिले में देवोत्थानी एकादशी को लेकर जिले का बाजार गन्ने से भरा पड़ा है। चार माह क्षीरसागर में सोने के बाद भगवान विष्णु एकादशी के दिन जागते हैं। यही कारण है कि 12 नवंबर के बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस दिन भक्तों द्वारा भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। आजमगढ़ जिले में तमसा नदी के तट पर भक्तों की भारी भीड़ स्नान के लिए उमड़ती है। इसके साथ ही जिले के अवंतिका पुरी, दुर्वासा धाम में भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन मेला लगता है। इसके साथ ही इस दिन मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। शाम को घरों पर पूजन किया जाता है और भगवान विष्णु को भोग भी लगाया जाता है। इसको लेकर लगातार जिले में इन धार्मिक स्थलों पर लगने वाले इस मेले को लेकर तैयारी बैठक भी की जा रही है। जिससे कि मेले में आने वाले भक्तों को किसी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े। महर्षि दुर्वासा की तपोस्थली पर लगता है तीन दिवसीय मेला आजमगढ़ जिले के फूलपुर तहसील में पढ़ने वाली महर्षि दुर्वासा की तपोस्थली स्थल दुर्वासा धाम पर कार्तिक माह में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में 14 नवंबर को बेटर 15 नवंबर को नहान और 16 नवंबर को स्थानीय मेले का भी आयोजन किया जाता है। तमसा नदी के तट पर दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और व्यापारी भी आते हैं। जिला प्रशासन जिले में लगने वाले इन मेलों को लेकर तैयारी बैठक भी कर चुका है।

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