दैनिक भास्कर ऑफिस पहुंचे शहर के वरिष्ठ चिकित्सक:कहा-नियम तो बने लेकिन कड़ाई से पालन नहीं, दूसरे के दबाव में बिना जांच डॉक्टरों पर होती कार्रवाई
दैनिक भास्कर के एप ऑफिस में बुधवार को शहर के वरिष्ठ चिकित्सकों ने सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारे देश में नियम तो सही बने है, लेकिन उनका कड़ाई से पालन कराने वाला कोई नहीं हैं। इसके अलाव शहर की सड़के और जाम की स्थिति भी बहुत खराब है। डॉक्टरों ने कहा कि इन सब चीजों पर ग्राउंड पर उतर कर यदि काम किया जाए तो काफी हद तक इन सभी समस्याओं से हम बच सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टरों ने कुछ अपने मुद्दों पर चर्चा की। जगह-जगह शहर भर में है अतिक्रमण कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने कहा कि पूरे शहर में जाम की स्थिति बहुत खराब है। सड़क के किनारे अतिक्रमण पूरे शहर में फैला है। इसकी वजह से जगह-जगह जाम लगा करता है। नगर निगम कार्रवाई भी करते है, लेकिन कुछ दिन बाद वहां पर फिर से वहीं स्थिति हो जाती है। इस तरह की स्थिति रामादेवी, गोल चौराहा, आईआईटी, परेड, झकरकटी आदि जगहों पर हैं। विकास करने से पहले पार्किंग बनाए वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. दिनेश सचान ने कहा कि शहर में विकास तो किया जा रहा है, लेकिन उससे पहले ये नहीं सोचा जाता है कि यहां पर पार्किंग की भी सुविधा होनी चाहिए। कही भी जाइए सबसे पहली दिक्कत पार्किंग की आती है। पुलिस की नजर के सामने ई-रिक्शा, ऑटो, टैंपो व अन्य अवैध रूप से चलने वाले सवारी वाहर नियम तोड़ा करते है। हर चौराहे पर आपको ऐसा नजारा देखने को मिलेगा, लेकिन कार्रवाई कितनी होती है पता नहीं। यदि हम लोग नियम तोड़े तो चालान घर आ जाता है। लोगों को जिम्मेदार बनना होगा ईएनटी के वरिष्ठ सर्जन डॉ. पंकज गुलाटी ने कहा कि लोगों को नियम सभी पता है, लेकिन पालन कोई नहीं करता है। इसके लिए हमें लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। ये सब चीजें हमको अपने घर से ही शुरू करनी होगी। साथ ही स्कूलों को भी इस तरफ ध्यान देना होगा कि वह बच्चों को समाज से जोड़े। आज के बच्चे अच्छे स्कूल में जरूर पढ़ रहे है लेकिन समाज से दूर होते जा रहे है। ये चिंता का विषय है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलाकर लोगों की बीमारी को रोक सकते हैं। बिना जांच डॉक्टरों पर हो जाता मुकदमा उर्सला अस्पताल के निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने कहा कि कभी-कभी कुछ केसों में मरीज की मौत हो जाती है। ऐसे में तीमारदार हंगामा करते है और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते है। ऐसे में पुलिस दबाव में आकर डॉक्टरों पर मुकदमा लिख देती है, जो कि गलत है। इस पर पहले सीएमओ के द्वारा पूरी जांच करानी चाहिए। यदि कोई डॉक्टर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, जो नियम है। शहर का प्रदूषण लोगों को कर रहा बीमार वरिष्ठ नेत्र रोग सर्जन डॉ. सोनिया धमेला ने कहा कि इन दिनों शहर में प्रदूषण भी बहुत बड़ी समस्या है। यदि इस ओर काम किया जाए तो काफी हद तक हम बीमारियों को अपने शहर में रोक सकते हैं। नशा सबसे बड़ी समस्या है प्रस्तुति रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा द्विवेदी ने कहा कि आज के समय में नशा सबसे बड़ी दिक्कत है। इसके अलावा जो बाजार में मिलावट के सामान बिक रहे है, इन पर भी रोक लगनी चाहिए। इससे हमारे समाज पर बहुत गलत प्रभाव पड़ रहा है और इस ओर कोई भी कड़ा कानून नहीं बन रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब स्कूलों से मैदान गायब होते जा रहे हैं। इस कारण फिजिकल एक्टिविटी भी बच्चों की नहीं हो पाती है। स्कूलों को मुहिम चलानी चाहिए और बच्चों को खेल मैदान उपलब्ध कराने चाहिए। आहार, विहार, विचार और व्यावाहर को सही करें वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वीएन त्रिपाठी ने कहा कि आज की जीवनशैली बदल गई है। इसको लेकर हमें लोगों को जागरूक करना होगा कि यदि हम अपना आहार, विहार, विचार और व्यावाहर सही रखे तो हम कभी बीमार नहीं होंगे। आज आरोग्य की कोई बात करता ही नहीं है, जबकि इसमें बहुत ताकत है। इसके अलावा आज के समय को देखते हुए महिलाओं के लिए स्कूलों और कॉलेजों में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी आवश्यक कर देनी चाहिए। इस बैठक में डॉ. अनुज अग्रवाल, डॉ. संजय कुमार, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. राजीव सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
What's Your Reaction?