दो दोषियों को 5 साल की कैद:कानपुर देहात में किशोरी अपहरण मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा

कानपुर देहात के डेरापुर क्षेत्र के 8 साल पहले एक गांव में रिश्तेदारी में आए दो युवक नाबालिग को बहलाकर ले गए थे। काफी तलाश के बाद भी किशोरी का पता न चलने पर पिता ने आरोपी दोनों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई पाक्सो कोर्ट में चल रही थी। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को दोष सिद्ध करते हुए 5-5 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। 10 साल पुराने मामले में आया फैसला विशेष लोक अभियोजक विकास सिंह ने बताया कि डेरापुर के एक गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि 22 जुलाई 2014 की रात करीब नौ बजे सत्ती तालाब निवासी उसके रिश्तेदार दो युवक बड़े व चांद घर आ गए। उनकी खातिरदारी के लिए वह नाश्ता लेने गया था, जब वह वापस आया तो पत्नी ने बताया कि दोनों युवक उसकी 14 वर्षीय पुत्री को लेकर 10 मिनट में वापस आने की बात कह गए हैं और अभी तक नहीं लौटे हैं। 20 दिन बाद मिली थी किशोरी इसके बाद पुत्री की तलाश की,लेकिन कहीं पता नहीं चल सका। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करते हुए करीब 20 दिन बाद किशोरी की तलाश कर दोनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके साथ ही किशोरी के बयानों व चिकित्सीय रिपोर्ट के आधार पर आरोपितों के खिलाफ किशोरी को फुसलाकर ले जाने व दुष्कर्म सहित पाक्सो एक्ट में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए थे। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 13 पाक्सो एक्ट शरद कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में चल रही थी। विशेष लोक अभियोजक विकास सिंह ने बताया कि आज मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को दोष सिद्ध करते हुए पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही प्रत्येक पर 20 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है।

Oct 29, 2024 - 18:50
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दो दोषियों को 5 साल की कैद:कानपुर देहात में किशोरी अपहरण मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा
कानपुर देहात के डेरापुर क्षेत्र के 8 साल पहले एक गांव में रिश्तेदारी में आए दो युवक नाबालिग को बहलाकर ले गए थे। काफी तलाश के बाद भी किशोरी का पता न चलने पर पिता ने आरोपी दोनों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई पाक्सो कोर्ट में चल रही थी। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को दोष सिद्ध करते हुए 5-5 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। 10 साल पुराने मामले में आया फैसला विशेष लोक अभियोजक विकास सिंह ने बताया कि डेरापुर के एक गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि 22 जुलाई 2014 की रात करीब नौ बजे सत्ती तालाब निवासी उसके रिश्तेदार दो युवक बड़े व चांद घर आ गए। उनकी खातिरदारी के लिए वह नाश्ता लेने गया था, जब वह वापस आया तो पत्नी ने बताया कि दोनों युवक उसकी 14 वर्षीय पुत्री को लेकर 10 मिनट में वापस आने की बात कह गए हैं और अभी तक नहीं लौटे हैं। 20 दिन बाद मिली थी किशोरी इसके बाद पुत्री की तलाश की,लेकिन कहीं पता नहीं चल सका। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करते हुए करीब 20 दिन बाद किशोरी की तलाश कर दोनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके साथ ही किशोरी के बयानों व चिकित्सीय रिपोर्ट के आधार पर आरोपितों के खिलाफ किशोरी को फुसलाकर ले जाने व दुष्कर्म सहित पाक्सो एक्ट में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए थे। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 13 पाक्सो एक्ट शरद कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में चल रही थी। विशेष लोक अभियोजक विकास सिंह ने बताया कि आज मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को दोष सिद्ध करते हुए पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही प्रत्येक पर 20 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है।

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