धराली आपदा: ग्रामीणों का प्रशासन के प्रति आक्रोश, राहत सामग्री की कमी से हाहाकार
रैबार डेस्क: धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई विनाशकारी आपदा को चार दिन बीत चुके... The post धराली आपदा: पीड़ित ग्रामीणों ने किया प्रशासन की टीम का विरोध, राहत सामग्री न पहुंचने से आक्रोश appeared first on Uttarakhand Raibar.
धराली आपदा: ग्रामीणों का प्रशासन के प्रति आक्रोश, राहत सामग्री की कमी से हाहाकार
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कम शब्दों में कहें तो, धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई विनाशकारी आपदा अब चार दिन से अधिक समय ले चुकी है। इस दौरान राहत कार्य के लिए कई एजेंसियां जुटी हुई हैं, लेकिन धराली के ग्रामीणों की समस्या अभी भी हल नहीं हुई है, जिसके चलते वे प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं।
धराली और हर्षिल में आई इस भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद स्थानीय निवासी मलबे में दबी जिंदगियों को खोजने का प्रयास कर रहे हैं। गंगोत्री के आसपास फंसे सैकड़ों यात्रियों को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया गया है, लेकिन ऐसी स्थिति में भी धराली के प्रभावित ग्रामीण राहत सामग्री की अनुपलब्धता को लेकर प्रशासन से नाराज हैं।
मुख्यमंत्री का दौरा और ग्रामीणों का विरोध
आपदा के चौथे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली दौरा कर स्थिति का मूल्यांकन किया। लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश साफ नजर आ रहा था। प्रशासन द्वारा केवल 5000 रुपए की सहायता की पेशकश पर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय निवासियों ने यह स्पष्ट किया कि ऐसी छोटी राशि उनकी घातक स्थिति को सुधारने के लिए अपर्याप्त है।
ग्रामीणों की उचित मांगें और प्रशासन की अनदेखी
धाराली के स्थानीय लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन राहत सामग्री के वितरण में ढिलाई बरत रहा है। चार दिन बीत जाने के बाद भी धराली गांव में कोई राहत सामग्री नहीं पहुंचाई जा सकी है। जब आसपास के गांवों को राहत सामग्री मिल रही है, वहीं धराली के लिए कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीण स्वयं अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर रेस्क्यू ऑपरेशन में योगदान दे रहे हैं।
बुनियादी आवश्यकताओं की कमी
धराली के निवासियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। न तो राशन उपलब्ध है, न ही संचार व्यवस्था ठीक है। बिजली आपूर्ति ठप है, और इससे सभी स्थानीय सेवाएं बाधित हैं। ऐसे में, ग्रामीणों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया है।
सरकारी कार्रवाई की आवश्यकता
इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर, यह अत्यंत आवश्यक है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन तुरंत और प्रभावी कदम उठाएं। पीड़ितों को उचित सहायता और राहत समग्र रूप से पहुंचाना जरूरी है। उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाएगा ताकि धराली के लोग एक नई उम्मीद देख सकें।
निष्कर्ष
धराली आपदा ने इस बात को अपरिहार्य बना दिया है कि संकट के समय में सामूहिकता की आवश्यकता होती है। स्थानीय लोगों का आक्रोश समुचित है, और प्रशासन को उनके प्रति अधिक संवेदनशील रहना चाहिए। हम इस मुद्दे पर लगातार जानकारी प्रदान करने के लिए तत्पर रहेंगे।
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