नई संस्थाओं के भूमि आवंटन में होगी मुश्किल:अखाड़ों के बाद पुरानी संस्थाओं को पहले मिलेगी जमीन

प्रयागराज में लगने जा रहे महाकुंभ भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मेला प्राधिकरण की तरफ से सबसे पहले अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके बाद पुरानी संस्थाओं को भूमि दी जाएगी। ऐसे में पहली बार भूमि आवंटन के लिए आवेदन करने वाली संस्थाओं को मेला क्षेत्र में भूमि मिलने में दिक्कत हो सकती है। मेला प्रशासन की तरफ से भी यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पुरानी संस्थाओं को भूमि आवंटन के बाद बची जमीन को नई संस्थाओं को दिया जाएगा। अब तक दो दर्जन से अधिक नई संस्थाओं ने किया है आवेदन मेला क्षेत्र में शिविर बनाने के लिए हर साल बड़ी संख्या में नई संस्थाओं की तरफ से भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया जाता है। इस बार पर दो दर्जन से अधिक नई संस्थाओं ने पहली बार मेला क्षेत्र में शिविर बनाने के लिए भूमि आवंटन में आवेदन किया है। इस बारे में अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि सभी नई संस्थाओं को भूमि आवंटित करना और सुविधाएं देना संभव नहीं है। फिर भी मेला प्रशासन का पूरा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा संस्थाओं को भूमि और सुविधाएं दी जा सके। वर्तमान में मेला क्षेत्र में जमीन के समतलीकरण का कार्य जारी है। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी। अब तक पांच अखाड़ों का हो चुका है भूमि पूजन महाकुंभ के लिए अब तक पांच अखाड़ों ने जमीन आवंटन के बाद भूमि पूजन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसमें जूना, आवाह्न, अग्नि, निरंजनी और आनंद अखाड़ा शामिल है। इसके साथ ही अन्य अखाड़ों की तरफ से जल्द ही भूमि पूजन करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद तीर्थपुरोहितों की तरफ से शिविर के निर्माण का कार्य शुरू होगा। जहां लाखों की संख्या में कल्पवासी आते हैं। 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे महाकुंभ के लिए तीर्थपुरोहितों की तरफ से भी तैयारी की जा रही है।

Nov 25, 2024 - 06:45
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नई संस्थाओं के भूमि आवंटन में होगी मुश्किल:अखाड़ों के बाद पुरानी संस्थाओं को पहले मिलेगी जमीन
प्रयागराज में लगने जा रहे महाकुंभ भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मेला प्राधिकरण की तरफ से सबसे पहले अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके बाद पुरानी संस्थाओं को भूमि दी जाएगी। ऐसे में पहली बार भूमि आवंटन के लिए आवेदन करने वाली संस्थाओं को मेला क्षेत्र में भूमि मिलने में दिक्कत हो सकती है। मेला प्रशासन की तरफ से भी यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पुरानी संस्थाओं को भूमि आवंटन के बाद बची जमीन को नई संस्थाओं को दिया जाएगा। अब तक दो दर्जन से अधिक नई संस्थाओं ने किया है आवेदन मेला क्षेत्र में शिविर बनाने के लिए हर साल बड़ी संख्या में नई संस्थाओं की तरफ से भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया जाता है। इस बार पर दो दर्जन से अधिक नई संस्थाओं ने पहली बार मेला क्षेत्र में शिविर बनाने के लिए भूमि आवंटन में आवेदन किया है। इस बारे में अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि सभी नई संस्थाओं को भूमि आवंटित करना और सुविधाएं देना संभव नहीं है। फिर भी मेला प्रशासन का पूरा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा संस्थाओं को भूमि और सुविधाएं दी जा सके। वर्तमान में मेला क्षेत्र में जमीन के समतलीकरण का कार्य जारी है। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी। अब तक पांच अखाड़ों का हो चुका है भूमि पूजन महाकुंभ के लिए अब तक पांच अखाड़ों ने जमीन आवंटन के बाद भूमि पूजन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसमें जूना, आवाह्न, अग्नि, निरंजनी और आनंद अखाड़ा शामिल है। इसके साथ ही अन्य अखाड़ों की तरफ से जल्द ही भूमि पूजन करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद तीर्थपुरोहितों की तरफ से शिविर के निर्माण का कार्य शुरू होगा। जहां लाखों की संख्या में कल्पवासी आते हैं। 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे महाकुंभ के लिए तीर्थपुरोहितों की तरफ से भी तैयारी की जा रही है।

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