निकाय कर्मचारियों ने आंदोलन की बनाई रणनीति:मांगें पूरी न होने पर पूरे प्रदेश में नगर निगम कर्मी कार्य बंदी करेंगे; 13 सूत्रीय मांग पर अड़े
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ द्वारा 13 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर विरोध शुरू कर दिया है। संघ ने चेतावनी दी है कि 25 अक्टूबर तक मांगे पूरी न हुई तो 26 अक्टूबर से पूरे प्रदेश का निकाय कर्मचारी कार्य बंदी करने को मजबूर होगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार एवं शासन की होगी। मंगलवार को इसको लेकर तैयारी एवं समीक्षा के लिए संघ कार्यालय मोतीझील में बैठक भी हुई। एक भी बिंदु पर कार्यवाही न होने से नाराज संघ के अध्यक्ष देवीदीन भाऊ के अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रमाकांत मिश्रा ने बताया कि 2017 से 13 सूत्रीय मांग पत्र पर अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, निदेशक स्थानीय निकाय, से दर्जनों बार वार्ता हुई। इसके बाद भी एक भी बिंदु पर कार्यवाही नहीं की गई। जिसको लेकर महासंघ 15 अगस्त से प्रदेश में जन जागरण अभियान चला रहा है। इन मांगों को लेकर उतरेंगे कर्मचारी कर्मियों ने मांग उठाई कि सरकार व शासन समस्याओं का समाधान नहीं करती है 26 अक्टूबर से प्रदेश निकाय कर्मचारी कार्य बंदी करने को तैयार हैं। प्रमुख रूप से पुरानी पेंशन बहाली, सेवा नियमावली 2021 का प्रख्यापित करना, आउट सोर्सिंग एवं संविदा तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए। इसके अलावा कैशलेस इलाज की व्यवस्था, वेतन विसंगतियां, राज्य कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते, आउटसोर्सिंग कर्मचारी को न्यूनतम मजदूरी दिया जाना आदि मांगों को लेकर संघ कार्यालय मोतीझील में 26 अक्टूबर के हड़ताल की भूमिका तैयार करने की रण नीति बनी। बैठक में ये रहे मौजूद बैठक में मुख्य रूप से देवीदीन भाऊ, रमाकांत मिश्र, नीलू निगम, मुन्ना हजारिया, नरेंद्र खन्ना, रामगोपाल चौधरी, मुन्ना पहलवान, शिवशंकर मिश्र, उमाकांत शर्मा, संजय मिश्रा, पंकज शुक्ला, वकील मसूद, मन्नीलाल भारती, दिलीप तांबे, संजय हजारिया, रामसुंदर मौर्य, राकेश मिश्रा, गोकुल प्रसाद, रवि सिंह उपस्थित थे।
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