नोएडा चाइल्ड पीजीआई में बाल दिवस पर वैज्ञानिक सेमिनार आयोजित:100 डॉक्टरों ने लिया हिस्सा, जन्म जात न्यूरोजेनेटिक विक़ार उपचार नहीं मिलने से होती है मौत

नोएडा के सेक्टर-30 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में मेडिकल जेनेटिक विभाग और बाल रोग विभाग द्वारा एक वैज्ञानिक सेमिनार का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. एके सिंह ने प्रतिभागियों को बच्चों में होने वाली बीमारियों और उसके देखभाल के महत्व के बारे में जागरूक किया। पीजीआईसीएच एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और शोध संस्थान होने के नाते यहां कई बाल रोग उप-विशेषज्ञ है। जो इन रोगों के इलाज और देखभाल के लिए स्पेशलिस्ट है। डीन डॉ. डी.के. सिंह ने बताया कि चयापचय की जन्मजात त्रुटि और अन्य न्यूरोजेनेटिक बीमारी रिपोर्ट की तुलना में अधिक आम हो सकते हैं। लेकिन सही उपचार नहीं मिलने से कम उम्र में मर सकते हैं। इसलिए पीजीआईसीएच, नोएडा जैसे तृतीयक अस्पताल में प्रारंभिक रेफरल ऐसे बच्चों के जीवन को बचाने में मदद कर सकता है। कार्यक्रम की मेहमान वक्ता प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा मित्तल शामिल हुई, जिन्होंने स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के निदान और प्रबंधन पर बात की। आनुवांशिक रोग के अपेडट बताए इस कार्यक्रम में लगभग 100 डॉक्टरों ने भाग लिया। जिसमें विभिन्न बाल आनुवंशिक विकारों पर प्रशिक्षण और वैज्ञानिक अपडेट बताए गए। आरोग्य निधि जैसे सरकारी कार्यक्रमों के बेहतर उपयोग, राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति से लाभ, सामाजिक निधि समर्थन पर भी आम सहमति बनी क्योंकि कई बार इलाज महंगा हो सकता है और परिवार लागत की कमी के कारण इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। पीजीआइसीएच नोएडा ऐसे बाल विकारों के लिए सहायता और मार्गदर्शन दिया जाता है। डॉक्टरों के बीच प्रश्नोत्तर का आयोजन अब तक कई रोगियों और परिवारों को इसका लाभ मिला है। बाल आनुवंशिक विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी। डॉ मुकुल जैन, डॉ सुमी, डॉ आकाश राज, डॉ गायत्री, डॉ भानु भाखरी और डॉ रुचि राय ने भी वैज्ञानिक संगोष्ठी में अपने विचार रखे। सभी प्रतिभागियों ने बच्चों के कल्याण के लिए काम करते रहने और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ, नोएडा में अंतिम बहु-विषयक देखभाल के लक्ष्य को प्राप्त करने की शपथ ली।

Nov 14, 2024 - 10:45
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नोएडा चाइल्ड पीजीआई में बाल दिवस पर वैज्ञानिक सेमिनार आयोजित:100 डॉक्टरों ने लिया हिस्सा, जन्म जात न्यूरोजेनेटिक विक़ार उपचार नहीं मिलने से होती है मौत
नोएडा के सेक्टर-30 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में मेडिकल जेनेटिक विभाग और बाल रोग विभाग द्वारा एक वैज्ञानिक सेमिनार का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. एके सिंह ने प्रतिभागियों को बच्चों में होने वाली बीमारियों और उसके देखभाल के महत्व के बारे में जागरूक किया। पीजीआईसीएच एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और शोध संस्थान होने के नाते यहां कई बाल रोग उप-विशेषज्ञ है। जो इन रोगों के इलाज और देखभाल के लिए स्पेशलिस्ट है। डीन डॉ. डी.के. सिंह ने बताया कि चयापचय की जन्मजात त्रुटि और अन्य न्यूरोजेनेटिक बीमारी रिपोर्ट की तुलना में अधिक आम हो सकते हैं। लेकिन सही उपचार नहीं मिलने से कम उम्र में मर सकते हैं। इसलिए पीजीआईसीएच, नोएडा जैसे तृतीयक अस्पताल में प्रारंभिक रेफरल ऐसे बच्चों के जीवन को बचाने में मदद कर सकता है। कार्यक्रम की मेहमान वक्ता प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा मित्तल शामिल हुई, जिन्होंने स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के निदान और प्रबंधन पर बात की। आनुवांशिक रोग के अपेडट बताए इस कार्यक्रम में लगभग 100 डॉक्टरों ने भाग लिया। जिसमें विभिन्न बाल आनुवंशिक विकारों पर प्रशिक्षण और वैज्ञानिक अपडेट बताए गए। आरोग्य निधि जैसे सरकारी कार्यक्रमों के बेहतर उपयोग, राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति से लाभ, सामाजिक निधि समर्थन पर भी आम सहमति बनी क्योंकि कई बार इलाज महंगा हो सकता है और परिवार लागत की कमी के कारण इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। पीजीआइसीएच नोएडा ऐसे बाल विकारों के लिए सहायता और मार्गदर्शन दिया जाता है। डॉक्टरों के बीच प्रश्नोत्तर का आयोजन अब तक कई रोगियों और परिवारों को इसका लाभ मिला है। बाल आनुवंशिक विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी। डॉ मुकुल जैन, डॉ सुमी, डॉ आकाश राज, डॉ गायत्री, डॉ भानु भाखरी और डॉ रुचि राय ने भी वैज्ञानिक संगोष्ठी में अपने विचार रखे। सभी प्रतिभागियों ने बच्चों के कल्याण के लिए काम करते रहने और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ, नोएडा में अंतिम बहु-विषयक देखभाल के लक्ष्य को प्राप्त करने की शपथ ली।

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