पंचायत चुनाव: पौंटी जिला पंचायत वार्ड, चर्चाओं में सुखदेव
उत्तरकाशी | पंचायत चुनाव 2025 विशेष रिपोर्ट जैसे ही पंचायत चुनावों की रणभेरी बजी, उत्तरकाशी के चर्चित ईड़क-पौंटी वार्ड की फिजाओं में सियासी सरगर्मी गूंजने लगी। तमाम चेहरों और दावेदारों की भीड़ में अगर कोई नाम सबसे साफ़-साफ़ उभर कर सामने आ रहा है, तो वो हैं सुखदेव रावत – एक ऐसा नाम जो अब …

पंचायत चुनाव: पौंटी जिला पंचायत वार्ड, चर्चाओं में सुखदेव
उत्तरकाशी | पंचायत चुनाव 2025 विशेष रिपोर्ट
जैसे ही पंचायत चुनावों की रणभेरी बजी, उत्तरकाशी के चर्चित ईड़क-पौंटी वार्ड की फिजाओं में सियासी सरगर्मी गूंजने लगी। तमाम चेहरों और दावेदारों की भीड़ में अगर कोई नाम सबसे साफ़-साफ़ उभर कर सामने आ रहा है, तो वो हैं सुखदेव रावत – एक ऐसा नाम जो अब न केवल चर्चाओं में है, बल्कि जनमानस की उम्मीद बनता जा रहा है।
सुखदेव रावत: एक नई उम्मीद
पिछले चुनाव में हार को सुखदेव रावत ने न शिकस्त माना, न ठहराव। उस हार को उन्होंने एक सबक की तरह लिया और अगले ही दिन से जनसेवा की राह पकड़ ली। पाँच वर्षों में उन्होंने जो काम किया, वो अब गांव की चौपालों से लेकर खेतों के किनारे तक सुनाई दे रही है। सुखदेव रावत का कहना है कि “मैं राजनीति में अपनी जेब भरने नहीं, गाँव का भाग्य बदलने आया हूं।” ये सिर्फ़ नारा नहीं, उनके संकल्प की गूंज है, जो अब लोगों की ज़ुबान पर चढ़ रही है।
सोशल मीडिया का प्रभाव
पौंटी वार्ड की सियासत में पहली बार ऐसा हो रहा है कि लोग खुद सोशल मीडिया पर अपने प्रतिनिधि की वकालत कर रहे हैं। फेसबुक से लेकर चौपाल तक, व्हाट्सएप ग्रुप्स से लेकर दुकानों की गपशप तक हर जगह सुखदेव रावत की चर्चा है। उनका संकल्प, स्पष्टता, और लोगों के बीच उनकी उपस्थिति ने उन्हें एक नई पहचान दी है।
प्रतियोगिता में सुखदेव का उभार
जहां एक ओर पूर्व सदस्य पवन पंवार पर “उपेक्षा और दूरी” के आरोप लगे हैं, वहीं सुखदेव की कार्यशैली को “जन के साथ, जन के बीच” के रूप में सराहा जा रहा है। सुखदेव रावत ने वादा नहीं, योजना बनाई है। उन्होंने वार्ड के हर गांव में जाकर समस्याएं सुनीं, प्राथमिकताएं तय कीं और समाधान की दिशा में अपनी सोच सामने रखी।
मुकाबला दिलचस्प, रावत के पक्ष में लहर
कृष्णा गांव, कंसेरू और यहां तक कि अपने पुराने सहयोगी लाइबर कलूड़ा भी अब उनके सामने मैदान में हैं। लेकिन, फिलहाल लहर सुखदेव रावत के पक्ष में नजर आ रही है। उनका नाम अब न केवल चुनावी चर्चा में है, बल्कि उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच खुद को एक विकल्प के रूप में स्थापित कर लिया है।
निष्कर्ष
पौंटी जिला पंचायत वार्ड में चुनावी सरगर्मी तेज है, और सुखदेव रावत की रणनीतियाँ और जनसंपर्क की कोशिशें उन्हें लोगों के दिलों में एक खास स्थान बना रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उनका यह प्रयास चुनाव में रंग ला पाएगा या नहीं।
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