पंजाब के पूर्व CM का हत्यारा जेल से बाहर आया:भाई के भोग में शामिल हुआ बलवंत सिंह राजोआना; 3 घंटे की पैरोल मिली
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यारा बलवंत सिंह राजोआना बुधवार (20 नवंबर) को जेल से बाहर आ गया। वह लुधियाना के राजोआना कलां गांव में मंजी साहिब गुरुद्वारे में अपने भाई के भोग कार्यक्रम में शामिल हुआ। पटियाला जेल से उसे कड़ी सुरक्षा में लुधियाना लाया गया है। कुलवंत सिंह की 14 नवंबर को मौत हो गई थी। बलवंत सिंह राजोआना ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से भोग में शामिल होने के लिए पैरोल मांगी थी। कोर्ट ने एक दिन पहले मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक की पैरोल मंजूर की। ये दूसरा मौका है, जब राजोआना जेल से बाहर है। इससे पहले जनवरी 2022 में हाईकोर्ट ने उसे पिता की मौत के बाद भोग और अंतिम अरदास में शामिल होने की इजाजत दी थी। राजोआना की जेल से बाहर आने की तस्वीरें दया याचिका 12 साल से पेंडिंग राजोआना की दया याचिका पिछले 12 वर्षों से पेंडिंग है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अदालत ने हाल ही में कहा कि इस मामले का निर्णय लेना कार्यपालिका का अधिकार है, और इसमें न्यायपालिका हस्तक्षेप नहीं कर सकती। बलवंत सिंह के वकीलों ने उनकी सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए अपील की है। उनका कहना है कि इतने लंबे समय तक मौत की सजा का इंतजार करना मानसिक यातना के समान है। उनकी पैरोल भी इसी संदर्भ में भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति के पास सुप्रीम कोर्ट ने भेजा मामला 2 दिन पहले ही बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के पास भेजी है। कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव को आदेश दिया है कि इसे राष्ट्रपति के सामने रखें। साथ ही उनसे अनुरोध करें कि 2 हफ्ते में इस पर फैसला ले लें। ******************************************* बलवंत सिंह राजोआना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री के हत्यारे बलवंत राजोआना को 3 घंटे की पैरोल मिली पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 19 नवंबर को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना को 3 घंटे की पैरोल दी थी। वह 20 नवंबर को लुधियाना के राजोआना कलां गांव में अपने भाई कुलवंत सिंह के भोग कार्यक्रम में शामिल होगा। इससे पहले साल 2002 में उसे पिता के भोग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पैरोल मिली थी। पूरी खबर पढ़ें
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