परिक्षित की कथा सुनी...मुख्य यजमान को मिला मोक्ष:मिर्जापुर में प्रभु की लीला को ग्रामीणों ने किया नमन, बैंड-बाजे के साथ दी विदाई

मिर्जापुर के कोन विकास खंड के श्रीपट्टी गांव में 7 दिवसीय भागवत महापुराण की कथा सुनने के बाद मुख्य यजमान रामनरेश यादव (90) की मौत हो गई। पूरे उत्साह के साथ कथा आरम्भ किया गया। काशी के दीपक दास महाराज ने व्यास पीठ से कहा सुनाया। सातवें दिन कथा सुनने से राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा हुई। आठवें दिन खुद मुख्य यजमान मोक्ष को प्राप्त हो गए। भगवत भक्त राम नरेश की मौत लोगों में चर्चा का विषय बना हैं। काशी से आए विद्वान से भागवत महापुराण कथा सुनने को लेकर रामनरेश यादव में अति उत्साह रहा। तंमयता से कथा श्रवण किया। आठवें दिन सुबह हवन यज्ञ और भंडारे की तैयारी चल ही रही थी । इसी बीच रामनरेश यादव की तबीयत बिगड़ने लगी । परिजन आन-फानन में उन्हें लेकर मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान रात करीब 10 बजे उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बैंड बाजा के साथ उनकी शव यात्रा निकालकर हरसिंहपुर गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया। राजा परीक्षित से जुड़ा घटनाक्रम दोबारा घटा लोगों में इस बात की चर्चा रही कि भागवत महापुराण की कथा सुनने पर राजा परीक्षित को मोक्ष मिला था। उसी प्रकार रामनरेश यादव ने भी 7 दिवसीय भागवत महापुराण कथा सुनकर मुक्ति धाम को प्राप्त किया। भागवत कथा के सातवें दिन काशी से आए दीपक दास महाराज ने व्यास पीठ से कहा था कि 7 दिवसीय भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है । श्रृंगी ऋषि ने दिया था श्राप भागवत कथा का महात्म्य बताते हुए बताया था कि एक बार राजा परीक्षित शिकार खेलने जंगल में गए । प्यास से व्याकुल होकर ऋषि शमीक के आश्रम पहुंचे। जहां ऋषि शमीक ध्यान मग्न थे। पानी मांगने पर कोई उत्तर न मिलने पर कलयुग के प्रभाव वश राजा परीक्षित क्रोध में आकर ऋषि के गले में मरे हुए सांप डालकर चले गए। जब ऋषि शमीक के पुत्र श्रृंगी ऋषि को पता चला तो उन्होंने श्राप दे दिया। कहा कि आज के सातवें दिन तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो जाएगी। श्रृंगी ऋषि का श्राप सुनकर राजा परीक्षित घबराए और ऋषि मुनियों से मोक्ष का उपाय पूछा तो शुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय को राजा बनाकर राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाकर राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति कराई। उसी प्रकार गांव के राम नरेश को भी मिली मौत चर्चा का विषय बनी है। लोगों ने लीलाधर भगवान श्री कृष्ण को नमन किया।

Oct 27, 2024 - 12:45
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परिक्षित की कथा सुनी...मुख्य यजमान को मिला मोक्ष:मिर्जापुर में प्रभु की लीला को ग्रामीणों ने किया नमन, बैंड-बाजे के साथ दी विदाई
मिर्जापुर के कोन विकास खंड के श्रीपट्टी गांव में 7 दिवसीय भागवत महापुराण की कथा सुनने के बाद मुख्य यजमान रामनरेश यादव (90) की मौत हो गई। पूरे उत्साह के साथ कथा आरम्भ किया गया। काशी के दीपक दास महाराज ने व्यास पीठ से कहा सुनाया। सातवें दिन कथा सुनने से राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा हुई। आठवें दिन खुद मुख्य यजमान मोक्ष को प्राप्त हो गए। भगवत भक्त राम नरेश की मौत लोगों में चर्चा का विषय बना हैं। काशी से आए विद्वान से भागवत महापुराण कथा सुनने को लेकर रामनरेश यादव में अति उत्साह रहा। तंमयता से कथा श्रवण किया। आठवें दिन सुबह हवन यज्ञ और भंडारे की तैयारी चल ही रही थी । इसी बीच रामनरेश यादव की तबीयत बिगड़ने लगी । परिजन आन-फानन में उन्हें लेकर मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान रात करीब 10 बजे उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बैंड बाजा के साथ उनकी शव यात्रा निकालकर हरसिंहपुर गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया। राजा परीक्षित से जुड़ा घटनाक्रम दोबारा घटा लोगों में इस बात की चर्चा रही कि भागवत महापुराण की कथा सुनने पर राजा परीक्षित को मोक्ष मिला था। उसी प्रकार रामनरेश यादव ने भी 7 दिवसीय भागवत महापुराण कथा सुनकर मुक्ति धाम को प्राप्त किया। भागवत कथा के सातवें दिन काशी से आए दीपक दास महाराज ने व्यास पीठ से कहा था कि 7 दिवसीय भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है । श्रृंगी ऋषि ने दिया था श्राप भागवत कथा का महात्म्य बताते हुए बताया था कि एक बार राजा परीक्षित शिकार खेलने जंगल में गए । प्यास से व्याकुल होकर ऋषि शमीक के आश्रम पहुंचे। जहां ऋषि शमीक ध्यान मग्न थे। पानी मांगने पर कोई उत्तर न मिलने पर कलयुग के प्रभाव वश राजा परीक्षित क्रोध में आकर ऋषि के गले में मरे हुए सांप डालकर चले गए। जब ऋषि शमीक के पुत्र श्रृंगी ऋषि को पता चला तो उन्होंने श्राप दे दिया। कहा कि आज के सातवें दिन तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो जाएगी। श्रृंगी ऋषि का श्राप सुनकर राजा परीक्षित घबराए और ऋषि मुनियों से मोक्ष का उपाय पूछा तो शुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय को राजा बनाकर राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाकर राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति कराई। उसी प्रकार गांव के राम नरेश को भी मिली मौत चर्चा का विषय बनी है। लोगों ने लीलाधर भगवान श्री कृष्ण को नमन किया।

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