पीबीआरपी एकेडमी में हुआ "विज्ञान गतिविधि कार्यशाला" का आयोजन:कार्यशाला में बच्चों ने सीखी विज्ञान की बारीकियां

औरैया के पीबीआरपी एकेडमी में विज्ञान गतिविधि कार्यशाला का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य श्याम पाठक ने की। मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य बृजेश दीक्षित रहे। जिन्होंने ईको साइंस फाउंडेशन के बैनर तले अद्भुत विज्ञान की गतिविधियां प्रस्तुत की। मैडम अंजलि ढाका ने रसायनों का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक प्रयोग दिखाए। जो ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित अंधविश्वासों और "काला जादू" के मिथक को उजागर करने का कार्य करते हैं। इस तरह की गतिविधियां लोगों को समझाने में सहायक हैं। कैसे सरल वैज्ञानिक सिद्धांतों को कुछ लोग भ्रमित करने के लिए उपयोग करते हैं। कार्यशाला में न्यूटन के द्वितीय और तृतीय नियम, गुरुत्वाकर्षण केंद्र, प्रकाश के नियम, भ्रम, और फोकल लंबाई के बारे में बच्चों को व्यावहारिक दिशा-निर्देश दिए गए। कार्यक्रम में "आग खाने वाली लड़की," "बिना माचिस के आग जलाना," और "जादुई पोटली" जैसे अनोखे प्रयोग दिखाए गए, जिन्होंने भौतिक और रसायन विज्ञान के ज्ञान को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। विद्यालय के प्रबंधक, इंजीनियर दिनेश पांडेय, ने इस तरह की कार्यशालाओं के महत्व पर बल दिया। कहा कि इससे छात्रों को करके सीखने का अवसर मिलता है। जिससे उनका आत्मविश्वास भी मजबूत होता है। इस कार्यशाला को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का सहयोग रहा।

Nov 7, 2024 - 15:35
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पीबीआरपी एकेडमी में हुआ "विज्ञान गतिविधि कार्यशाला" का आयोजन:कार्यशाला में बच्चों ने सीखी विज्ञान की बारीकियां
औरैया के पीबीआरपी एकेडमी में विज्ञान गतिविधि कार्यशाला का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य श्याम पाठक ने की। मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य बृजेश दीक्षित रहे। जिन्होंने ईको साइंस फाउंडेशन के बैनर तले अद्भुत विज्ञान की गतिविधियां प्रस्तुत की। मैडम अंजलि ढाका ने रसायनों का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक प्रयोग दिखाए। जो ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित अंधविश्वासों और "काला जादू" के मिथक को उजागर करने का कार्य करते हैं। इस तरह की गतिविधियां लोगों को समझाने में सहायक हैं। कैसे सरल वैज्ञानिक सिद्धांतों को कुछ लोग भ्रमित करने के लिए उपयोग करते हैं। कार्यशाला में न्यूटन के द्वितीय और तृतीय नियम, गुरुत्वाकर्षण केंद्र, प्रकाश के नियम, भ्रम, और फोकल लंबाई के बारे में बच्चों को व्यावहारिक दिशा-निर्देश दिए गए। कार्यक्रम में "आग खाने वाली लड़की," "बिना माचिस के आग जलाना," और "जादुई पोटली" जैसे अनोखे प्रयोग दिखाए गए, जिन्होंने भौतिक और रसायन विज्ञान के ज्ञान को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। विद्यालय के प्रबंधक, इंजीनियर दिनेश पांडेय, ने इस तरह की कार्यशालाओं के महत्व पर बल दिया। कहा कि इससे छात्रों को करके सीखने का अवसर मिलता है। जिससे उनका आत्मविश्वास भी मजबूत होता है। इस कार्यशाला को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का सहयोग रहा।

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