पीलीभीत के मरौरी ब्लॉक में मानदेय घोटाला का खुलासा:विधायक की शिकायत पर डीएम ने 5 अधिकारियों पर की कार्रवाई

पीलीभीत के बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्ता नंद द्वारा सार्वजनिक मंच से उठाए गए मानदेय घोटाले के आरोपों की जांच में जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है। विकासखंड मरौरी में हुए इस घोटाले में 59,000 रुपए की वसूली के साथ ही तत्कालीन खंड विकास अधिकारी मृदुला सहित पांच कर्मचारियों को दंडित किया गया है। विधायक द्वारा क्षेत्र पंचायत समिति की बैठक में इस घोटाले की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया था, जिसके बाद जांच में आरोप सही पाए गए। क्या था पूरा मामला बीते 10 जुलाई को मरौरी ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में 182 सदस्यों की उपस्थिति दर्ज की गई और प्रत्येक सदस्य को 1,000 रुपये का मानदेय वितरित किया गया। लेकिन जांच में पाया गया कि वास्तविक उपस्थिति सिर्फ 123 सदस्यों की थी। बाकी 59 सदस्यों का मानदेय भी निकाल लिया गया था, जोकि घोटाले का स्पष्ट प्रमाण था। विधायक स्वामी प्रवक्तानंद ने ब्लॉक प्रमुख सभ्यता देवी वर्मा पर इस घोटाले को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। जिलाधिकारी की सख्त कार्रवाई जांच में मानदेय घोटाले की पुष्टि के बाद जिलाधिकारी ने यह रकम वापस कराई और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की। तत्कालीन खंड विकास अधिकारी श्रीमती मृदुला को नियम विरुद्ध धनराशि वितरण का दोषी पाया गया और उन्हें भविष्य में पदीय दायित्वों के प्रति सजग रहने के निर्देश दिए गए। विधायक के आरोप साबित हुए सही विधायक स्वामी प्रवक्तानंद की शिकायत पर की गई इस कार्रवाई से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जिलाधिकारी द्वारा 59,000 रुपये की राशि को क्षेत्र पंचायत निधि मरौरी के बैंक खाते में वापस जमा करा दिया गया है। विधायक द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद घोटाले की पुष्टि ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन के सख्त रुख को दिखाया है।

Nov 7, 2024 - 08:00
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पीलीभीत के मरौरी ब्लॉक में मानदेय घोटाला का खुलासा:विधायक की शिकायत पर डीएम ने 5 अधिकारियों पर की कार्रवाई
पीलीभीत के बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्ता नंद द्वारा सार्वजनिक मंच से उठाए गए मानदेय घोटाले के आरोपों की जांच में जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है। विकासखंड मरौरी में हुए इस घोटाले में 59,000 रुपए की वसूली के साथ ही तत्कालीन खंड विकास अधिकारी मृदुला सहित पांच कर्मचारियों को दंडित किया गया है। विधायक द्वारा क्षेत्र पंचायत समिति की बैठक में इस घोटाले की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया था, जिसके बाद जांच में आरोप सही पाए गए। क्या था पूरा मामला बीते 10 जुलाई को मरौरी ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में 182 सदस्यों की उपस्थिति दर्ज की गई और प्रत्येक सदस्य को 1,000 रुपये का मानदेय वितरित किया गया। लेकिन जांच में पाया गया कि वास्तविक उपस्थिति सिर्फ 123 सदस्यों की थी। बाकी 59 सदस्यों का मानदेय भी निकाल लिया गया था, जोकि घोटाले का स्पष्ट प्रमाण था। विधायक स्वामी प्रवक्तानंद ने ब्लॉक प्रमुख सभ्यता देवी वर्मा पर इस घोटाले को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। जिलाधिकारी की सख्त कार्रवाई जांच में मानदेय घोटाले की पुष्टि के बाद जिलाधिकारी ने यह रकम वापस कराई और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की। तत्कालीन खंड विकास अधिकारी श्रीमती मृदुला को नियम विरुद्ध धनराशि वितरण का दोषी पाया गया और उन्हें भविष्य में पदीय दायित्वों के प्रति सजग रहने के निर्देश दिए गए। विधायक के आरोप साबित हुए सही विधायक स्वामी प्रवक्तानंद की शिकायत पर की गई इस कार्रवाई से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जिलाधिकारी द्वारा 59,000 रुपये की राशि को क्षेत्र पंचायत निधि मरौरी के बैंक खाते में वापस जमा करा दिया गया है। विधायक द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद घोटाले की पुष्टि ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन के सख्त रुख को दिखाया है।

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