प्रचार वाहन बताएगा पराली का उचित प्रबंधन:बलरामपुर में डीएम ने दिखाई हरी झंडी, पराली न जलाने की अपील

बलरामपुर में शुक्रवार को डीएम पवन अग्रवाल ने फसल अवशेष प्रबंधन प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन किसानों को पराली जलाने के पर्यावरणीय और कृषि संबंधी नुकसान के बारे में जागरूक करेगा। प्रचार वाहन जिले की तीनों तहसीलों में भ्रमण करेगा और किसानों को समझाएगा कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषण होता है, बल्कि खेतों की उर्वरक क्षमता में भी कमी आती है, जिससे फसल की पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ता है। फसल अवशेष प्रबंधन के फायदे डीएम पवन अग्रवाल ने बताया कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण होता है और मृदा के पोषक तत्वों की भी क्षति होती है, जिससे कृषि उत्पादकता प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेष को जलाने की बजाय इसे खाद के रूप में उपयोग करके अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को निशुल्क डी कंपोजर कैप्सूल प्रदान किया जा रहा है, जिससे वे पराली को खाद में बदल सकते हैं। इससे प्रदूषण कम होगा और खेतों पर होने वाले प्रतिकूल प्रभाव से बचा जा सकेगा। इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रदीप कुमार, उपनिदेशक कृषि नरेंद्र कुमार और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे।

Nov 8, 2024 - 17:15
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प्रचार वाहन बताएगा पराली का उचित प्रबंधन:बलरामपुर में डीएम ने दिखाई हरी झंडी, पराली न जलाने की अपील
बलरामपुर में शुक्रवार को डीएम पवन अग्रवाल ने फसल अवशेष प्रबंधन प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन किसानों को पराली जलाने के पर्यावरणीय और कृषि संबंधी नुकसान के बारे में जागरूक करेगा। प्रचार वाहन जिले की तीनों तहसीलों में भ्रमण करेगा और किसानों को समझाएगा कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषण होता है, बल्कि खेतों की उर्वरक क्षमता में भी कमी आती है, जिससे फसल की पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ता है। फसल अवशेष प्रबंधन के फायदे डीएम पवन अग्रवाल ने बताया कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण होता है और मृदा के पोषक तत्वों की भी क्षति होती है, जिससे कृषि उत्पादकता प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेष को जलाने की बजाय इसे खाद के रूप में उपयोग करके अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को निशुल्क डी कंपोजर कैप्सूल प्रदान किया जा रहा है, जिससे वे पराली को खाद में बदल सकते हैं। इससे प्रदूषण कम होगा और खेतों पर होने वाले प्रतिकूल प्रभाव से बचा जा सकेगा। इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रदीप कुमार, उपनिदेशक कृषि नरेंद्र कुमार और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे।

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