प्रतापगढ़ में भरत मिलाप के साथ दशहरा मेला का समापन:सुंदर लाइटों से सजाया गया शहर, झांकियों ने भक्तिमय बनाया माहौल
पट्टी नगर के तीन दिवसीय दशहरा मेले का समापन मंगलवार रात भरत मिलाप की भव्य प्रस्तुति के साथ हुआ। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके भाई भरत के मिलन का यह भावुक दृश्य देखने के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। पूरे नगर को आकर्षक बिजली की सजावट से रोशन किया गया था। शाम से ही श्रद्धालु मेले में जुटने लगे थे। रात 9 बजे से विभिन्न दल अपने-अपने निर्धारित स्थलों से गाजे-बाजे और झांकियों के साथ निकले। रामदल, भरत दल, हनुमान दल, मां काली दल, शिवदल, कृष्णा दल, जय संतोषी मां दल और लवकुश दल की झांकियों ने पूरे नगर का माहौल भक्तिमय बना दिया। झांकियों के साथ चल रही चौकियों के कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया। श्रद्धालु झांकियों के पीछे जयकारे लगाते और नाचते-गाते शहर की सड़कों पर घूमते रहे। भरत मिलाप स्थल पर उमड़ा जनसैलाब बुधवार सुबह भरत मिलाप के मुख्य आयोजन के लिए सिविल लाइन पर हजारों श्रद्धालु इकट्ठे हो गए। मंच के सामने जमा भीड़ श्रीराम और भरत के आने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी। जैसे ही दोनों भाई विपरीत दिशाओं से अपने-अपने रथों पर आते दिखाई दिए, श्रद्धालुओं के चेहरे पर भावुकता साफ झलकने लगी। श्रीराम-भरत का गले मिलना बना भावुक क्षण दोनों भाई आमने-सामने हुए और दौड़कर गले मिले। यह दृश्य इतना भावुक था कि उपस्थित लोगों की आंखें भर आईं। श्रीराम और भरत के गले मिलते ही चारों ओर से पुष्पवर्षा होने लगी और "जय श्रीराम" के जयकारों से पूरा नगर गूंज उठा। भरत मिलाप के दौरान नगर की सड़कें श्रद्धालुओं से खचाखच भर गईं। रात 10 बजे तक सड़कों पर भारी भीड़ के चलते यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। संपूर्ण नगर का भक्तिमय माहौल नगर के चौक से लेकर ढकवा मोड़, रायपुर रोड और उड़ैयाडीह मोड़ तक रोशनी से जगमगाता पट्टी नगर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। भरत मिलाप के इस आयोजन ने न केवल दशहरा मेले की शोभा बढ़ाई, बल्कि श्रद्धालुओं के दिलों में भक्ति और भाईचारे का संदेश भी छोड़ा।
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