प्रतापगढ़ में श्रीमद भागवत कथा का छठवां दिन:रामभद्राचार्य ने सुनाई गोवर्धन पर्वत व उत्सव लीला, सुनकर दर्शक हुए भाव विभोर
प्रतापगढ़ के पट्टी स्थित रामपुर खागल में पं. अंबिका प्रसाद मिश्र की पावन स्मृति में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कथा व्यास जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य महाराज ने कालिया नाग और गोवर्धन उत्सव की लीला का दिलकश वर्णन किया। इस दौरान योग गुरू बाबा रामदेव भी कथा श्रवण को पहुंचे। उन्होंने रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लिया। जगद्गुरु ने बताया कि एक बार नंद बाबा इंद्र की पूजा कर रहे थे। जब भगवान श्रीकृष्ण ने कारण पूछा, तो नंद बाबा ने बताया कि इंद्रदेव की पूजा से बारिश होती है, जिससे अन्न की उपज होती है। इस पर श्रीकृष्ण ने कहा कि बारिश तो प्रकृति से होती है। नारद की सूचना पर इंद्र ने गोकुल में मूसलधार बारिश करने का आदेश दिया। इससे भयभीत गोप-ग्वाले श्रीकृष्ण की शरण में आए। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर सबकी रक्षा की। तभी से भगवान का नाम गिरधर गोपाल पड़ा। जगन्नाथ जी के भात के लिए किया आमंत्रित जगद्गुरु ने कहा कि कथा का समापन गुरुवार को होगा और शुक्रवार को सभी को जगन्नाथ जी का भात खाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि पं. अंबिका प्रसाद मिश्र जी के परिवार का इस समय हम अभिभावक हैं, और सभी को न्योता दिया कि सभी जरूर आएं। विशेष रूप से परंपरागत पंक्ति वाले ब्राह्मणों के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। महाराज जी ने कहा कि हम भी पांच लोगों के साथ भोजन परोसेंगे। कार्यक्रम की 4 प्रमुख तस्वीरें... आज आएंगे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि गुरुवार को श्री तुलसी पीठ सेवा न्यास चित्रकूट के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास के गुरु भाई पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आगमन होगा। उन्होंने बताया कि कथा के समापन की तैयारी के चलते गुरुवार रात को भोजन की व्यवस्था नहीं रहेगी, क्योंकि रातभर भात की तैयारी होगी। सौभाग्यशाली हैं आचार्य रामचंद्र दास चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने आचार्य रामचंद्र दास जी को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि उन्हें जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी की गुरु कृपा और स्नेह प्राप्त है। उन्होंने कहा कि इस महापुरुष ने अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दौरान यूपी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) और अन्य कई विशिष्ट जन उपस्थित रहे। 2047 तक विश्व गुरु बनेगा भारत: बाबा रामदेव बाबा रामदेव ने कहा कि हम यहां प्रवचन करने नहीं, बल्कि इस पावन धरा का तिलक लगाने आए हैं। उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी की कथा सुनना अपने लिए सौभाग्य बताया। बाबा रामदेव ने विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक भारत विश्व गुरु बनेगा और इसमें जगद्गुरु का योगदान अद्वितीय होगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों के बीच भजन गाकर सबको भावविभोर कर दिया।
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