'बटेंगे तो कटेंगे' ब्रह्म वाक्य!:राजभर ने जिसे ब्रह्मा जी का नारा बताया, योगी का सपोर्ट किया; उस दावे की सच्चाई जानिए

हरियाणा चुनाव के दौरान यूपी के सीएम योगी ने नारा दिया 'बटेंगे तो कटेंगे'। इस नारे के आसपास पीएम मोदी ने लाइन दी-एक हैं तो सेफ हैं। अब यूपी उप चुनाव के दौरान विपक्षी दल योगी के इसी नारे की काट ढूंढ रहे हैं। सपा ने 'बटेंगे तो कटेंगे' का जवाब ‘जिनका नजरिया जैसा उनका नारा वैसा’ से दिया। अखिलेश यादव ने कहा 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे'। उप चुनाव के केंद्र में 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे के बीच प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का बयान चर्चा में है। राजभर ने इसे ब्रह्मा का नारा करार दिया। राजभर ने किस आधार पर इस नारे की तुलना की। आखिर ब्रह्म वाक्य क्या था, विस्तार से पढ़िए… पहले जानिए, राजभर ने क्या कहा? मिर्जापुर जिले के मझवां विधानसभा क्षेत्र में दलित पिछड़ा महासम्मेलन में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा ‘बंटोगे तो कटोगे’ यह ब्रह्मा का वाक्य है। उन्होंने कहा कि ये नारा ब्रह्मा जी ने लगाया। ब्रह्मा जी ने कहा है कि 'संघे शक्ति कलयुगे'। कलयुग में संगठन में ताकत है। यही बात तो हमारे सीएम योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं। एकजुट रहोगे तो दंगा नहीं होगा। राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने बांट के रखा, आपने देखा कि 815 दंगे हुए। 1300 की जनहानि हुई। बसपा सरकार में 600 दंगे हुए, लगभग 1200 की जनहानि हुई। कांग्रेस की सरकार में दोनों का रिकॉर्ड टूट गया। यही बात तो योगी जी कह रहे हैं। ब्रह्मा जी की बात कह रहे हैं, कोई अपनी बात थोड़े ही कह रहे हैं। कार्यक्रम के बाद कौन बंट रहा था, कौन बांट रहा था?, इस सवाल पर राजभर ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के राज में साढ़े सात साल हो गए। जो सपा-बसपा और कांग्रेस की सरकारों में दंगे होते थे, जो कटते-बंटते थे आपस में, इस पर एकदम विराम लगा हुआ है। इस बात को वो (सीएम योगी) कह रहे हैं कि आप लोग इधर-उधर ना जाएं। विरोधी पार्टी की तरफ ना जाएं, एकदम सटे रहिए। संस्कृत के श्लोक में जिक्र, एकता पर जोर संस्कृत के श्लोक में 'संघे शक्ति कलयुगे' का जिक्र है। कहीं पर इस श्लोक में इसे संघे शक्ति कलयुगे कहा गया है तो कहीं पर इसका उच्चारण कलौ युगे के रूप में किया गया है। दोनों का सार संगठन की शक्ति की महत्ता बताता है। 'त्रेतायां मंत्र-श्क्तिश्च, ज्ञानशक्तिः कृते-युगे। द्वापरे युद्ध-शक्तिश्च, संघशक्ति कलौ युगे'। इसका अर्थ है सतयुग में ज्ञान शक्ति, त्रेता में मंत्र शक्ति, द्वापर में युद्ध शक्ति का बल था, और कलयुग में संगठन की शक्ति ही प्रधान है। सीतापुर के रामपुर टिकवापारा स्थित श्री रामचन्द्र महाविद्यालय डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमित पांडेय बताते हैं कि महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने महाभारत में इस श्लोक का जिक्र किया है। जब कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध चल रहा था, तो बड़ी संख्या में दोनों तरफ के सैनिक मारे गए। युद्ध समाप्ति के बाद वेदव्यास ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा भगवन! आप इस युद्ध के पक्ष में क्यों थे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने इसका जवाब इस श्लोक 'त्रेतायां मंत्र-श्क्तिश्च, ज्ञानशक्तिः कृते-युगे। द्वापरे युद्ध-शक्तिश्च, संघशक्ति कलौ युगे' से दिया। क्योंकि महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास को ब्रह्मर्षि कहा जाता है। वेदव्यास को ब्रह्मा का पांचवां अवतार माना जाता है। वेदव्यास ने ही महाभारत में इसे लिखा, इस वजह से इसे ब्रह्म वाक्य कहा गया है। संस्कृत की किताब में पाठ, संघ के कार्यक्रमों में होता है जिक्र ‘संघे शक्ति’ की बात करें तो इसका जिक्र कई जगह किया जाता है। यूपी बोर्ड और अन्य संस्कृत की किताब में भी संघे शक्ति युगे-युगे नाम से एक पाठ है। जिसमें कबूतर और शिकारी की कहानी है। पाठ में बताया गया है कि कुछ कबूतर एक शिकारी के जाल में फंस जाते हैं। वह सभी अलग-अलग कोशिश कर जाल से मुक्त होने का प्रयास करते हैं, लेकिन सफल नहीं होते। फिर जब एक साथ कोशिश करते हैं तो जाल लेकर उड़ जाते हैं। इस तरह से उनकी जान बच जाती है। कहानी का सार ये है कि संगठित होकर काम करने से सफलता अवश्य मिलती है। संघे शक्ति’ का जिक्र राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) अपने कार्यक्रमों भी करता है। संघ अपने कार्यकर्ताओं को संगठन-एकता का महत्व बताने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। हालांकि, इसे लेकर कई बार कंट्रोवर्सी भी सामने आ चुकी है। भाजपा और आरएसएस का विरोध करने वाले दलों का कहना है कि ये दोनों, हिंदू धर्म में जिनकी पूजा की जाती है, उन आराध्यों के नाम का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए करते हैं। PM मोदी भी करते हैं ‘संघे शक्ति’ का जिक्र पीएम मोदी भी अपने संबोधन में 'संघे शक्ति युगे-युगे' का जिक्र कर चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि संघे शक्ति युगे-युगे। यानी इस युग में संगठन से ही शक्ति है। संगठित शक्ति यानी सबका प्रयास। संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का मार्ग। जब 130 करोड़ लोग मिलकर एक कदम आगे बढ़ाते है तो ये एक कदम नहीं होता, बल्कि 130 करोड़ कदम होते हैं। हम भारतीयों का स्वभाव रहा है कि कुछ न कुछ अच्छा करके हमें एक अलग सुकून मिलता है। जब ये अच्छा करने वाले एकत्र होते हैं, बिखरे हुए मोतियों की माला बनती है। ---------------------------- ये भी पढ़ें... "ब्रह्मा का वाक्य- बंटोगे तो कटोगे":मिर्जापुर में ओपी राजभर बोले- सीएम ने सही कहा है, सपा-बसपा, कांग्रेस ने समाज को बांटा मिर्जापुर जिले के मझवां विधानसभा क्षेत्र में एक दलित पिछड़ा महासम्मेलन आयोजित हुआ। जिसमें प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर पहुंचे। उन्होंने कहा कि "बंटोगे तो कटोगे" यह ब्रह्मा का वाक्य है। जैसा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कहते हैं, "संघे शक्ति कलयुगे"। उन्होंने कहा कि अगर हम एकजुट रहेंगे तो कोई दंगा नहीं होगा। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 8, 2024 - 05:55
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'बटेंगे तो कटेंगे' ब्रह्म वाक्य!:राजभर ने जिसे ब्रह्मा जी का नारा बताया, योगी का सपोर्ट किया; उस दावे की सच्चाई जानिए
हरियाणा चुनाव के दौरान यूपी के सीएम योगी ने नारा दिया 'बटेंगे तो कटेंगे'। इस नारे के आसपास पीएम मोदी ने लाइन दी-एक हैं तो सेफ हैं। अब यूपी उप चुनाव के दौरान विपक्षी दल योगी के इसी नारे की काट ढूंढ रहे हैं। सपा ने 'बटेंगे तो कटेंगे' का जवाब ‘जिनका नजरिया जैसा उनका नारा वैसा’ से दिया। अखिलेश यादव ने कहा 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे'। उप चुनाव के केंद्र में 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे के बीच प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का बयान चर्चा में है। राजभर ने इसे ब्रह्मा का नारा करार दिया। राजभर ने किस आधार पर इस नारे की तुलना की। आखिर ब्रह्म वाक्य क्या था, विस्तार से पढ़िए… पहले जानिए, राजभर ने क्या कहा? मिर्जापुर जिले के मझवां विधानसभा क्षेत्र में दलित पिछड़ा महासम्मेलन में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा ‘बंटोगे तो कटोगे’ यह ब्रह्मा का वाक्य है। उन्होंने कहा कि ये नारा ब्रह्मा जी ने लगाया। ब्रह्मा जी ने कहा है कि 'संघे शक्ति कलयुगे'। कलयुग में संगठन में ताकत है। यही बात तो हमारे सीएम योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं। एकजुट रहोगे तो दंगा नहीं होगा। राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने बांट के रखा, आपने देखा कि 815 दंगे हुए। 1300 की जनहानि हुई। बसपा सरकार में 600 दंगे हुए, लगभग 1200 की जनहानि हुई। कांग्रेस की सरकार में दोनों का रिकॉर्ड टूट गया। यही बात तो योगी जी कह रहे हैं। ब्रह्मा जी की बात कह रहे हैं, कोई अपनी बात थोड़े ही कह रहे हैं। कार्यक्रम के बाद कौन बंट रहा था, कौन बांट रहा था?, इस सवाल पर राजभर ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के राज में साढ़े सात साल हो गए। जो सपा-बसपा और कांग्रेस की सरकारों में दंगे होते थे, जो कटते-बंटते थे आपस में, इस पर एकदम विराम लगा हुआ है। इस बात को वो (सीएम योगी) कह रहे हैं कि आप लोग इधर-उधर ना जाएं। विरोधी पार्टी की तरफ ना जाएं, एकदम सटे रहिए। संस्कृत के श्लोक में जिक्र, एकता पर जोर संस्कृत के श्लोक में 'संघे शक्ति कलयुगे' का जिक्र है। कहीं पर इस श्लोक में इसे संघे शक्ति कलयुगे कहा गया है तो कहीं पर इसका उच्चारण कलौ युगे के रूप में किया गया है। दोनों का सार संगठन की शक्ति की महत्ता बताता है। 'त्रेतायां मंत्र-श्क्तिश्च, ज्ञानशक्तिः कृते-युगे। द्वापरे युद्ध-शक्तिश्च, संघशक्ति कलौ युगे'। इसका अर्थ है सतयुग में ज्ञान शक्ति, त्रेता में मंत्र शक्ति, द्वापर में युद्ध शक्ति का बल था, और कलयुग में संगठन की शक्ति ही प्रधान है। सीतापुर के रामपुर टिकवापारा स्थित श्री रामचन्द्र महाविद्यालय डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमित पांडेय बताते हैं कि महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने महाभारत में इस श्लोक का जिक्र किया है। जब कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध चल रहा था, तो बड़ी संख्या में दोनों तरफ के सैनिक मारे गए। युद्ध समाप्ति के बाद वेदव्यास ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा भगवन! आप इस युद्ध के पक्ष में क्यों थे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने इसका जवाब इस श्लोक 'त्रेतायां मंत्र-श्क्तिश्च, ज्ञानशक्तिः कृते-युगे। द्वापरे युद्ध-शक्तिश्च, संघशक्ति कलौ युगे' से दिया। क्योंकि महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास को ब्रह्मर्षि कहा जाता है। वेदव्यास को ब्रह्मा का पांचवां अवतार माना जाता है। वेदव्यास ने ही महाभारत में इसे लिखा, इस वजह से इसे ब्रह्म वाक्य कहा गया है। संस्कृत की किताब में पाठ, संघ के कार्यक्रमों में होता है जिक्र ‘संघे शक्ति’ की बात करें तो इसका जिक्र कई जगह किया जाता है। यूपी बोर्ड और अन्य संस्कृत की किताब में भी संघे शक्ति युगे-युगे नाम से एक पाठ है। जिसमें कबूतर और शिकारी की कहानी है। पाठ में बताया गया है कि कुछ कबूतर एक शिकारी के जाल में फंस जाते हैं। वह सभी अलग-अलग कोशिश कर जाल से मुक्त होने का प्रयास करते हैं, लेकिन सफल नहीं होते। फिर जब एक साथ कोशिश करते हैं तो जाल लेकर उड़ जाते हैं। इस तरह से उनकी जान बच जाती है। कहानी का सार ये है कि संगठित होकर काम करने से सफलता अवश्य मिलती है। संघे शक्ति’ का जिक्र राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) अपने कार्यक्रमों भी करता है। संघ अपने कार्यकर्ताओं को संगठन-एकता का महत्व बताने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। हालांकि, इसे लेकर कई बार कंट्रोवर्सी भी सामने आ चुकी है। भाजपा और आरएसएस का विरोध करने वाले दलों का कहना है कि ये दोनों, हिंदू धर्म में जिनकी पूजा की जाती है, उन आराध्यों के नाम का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए करते हैं। PM मोदी भी करते हैं ‘संघे शक्ति’ का जिक्र पीएम मोदी भी अपने संबोधन में 'संघे शक्ति युगे-युगे' का जिक्र कर चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि संघे शक्ति युगे-युगे। यानी इस युग में संगठन से ही शक्ति है। संगठित शक्ति यानी सबका प्रयास। संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का मार्ग। जब 130 करोड़ लोग मिलकर एक कदम आगे बढ़ाते है तो ये एक कदम नहीं होता, बल्कि 130 करोड़ कदम होते हैं। हम भारतीयों का स्वभाव रहा है कि कुछ न कुछ अच्छा करके हमें एक अलग सुकून मिलता है। जब ये अच्छा करने वाले एकत्र होते हैं, बिखरे हुए मोतियों की माला बनती है। ---------------------------- ये भी पढ़ें... "ब्रह्मा का वाक्य- बंटोगे तो कटोगे":मिर्जापुर में ओपी राजभर बोले- सीएम ने सही कहा है, सपा-बसपा, कांग्रेस ने समाज को बांटा मिर्जापुर जिले के मझवां विधानसभा क्षेत्र में एक दलित पिछड़ा महासम्मेलन आयोजित हुआ। जिसमें प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर पहुंचे। उन्होंने कहा कि "बंटोगे तो कटोगे" यह ब्रह्मा का वाक्य है। जैसा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कहते हैं, "संघे शक्ति कलयुगे"। उन्होंने कहा कि अगर हम एकजुट रहेंगे तो कोई दंगा नहीं होगा। पढ़ें पूरी खबर...

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