बदायूं में नाबालिग लड़कियों की रुकवाई शादी:चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम ने की कार्रवाई, परिवारों ने एफिडेविट देकर मांगी माफी
बदायूं में नाबालिग लड़कियों की शादी की जा रही थी। मामले की भनक पर चाइल्ड लाइन की टीम समेत पुलिस मौके पर पहुंची और इन शादियों को रुकवा दिया। एक लड़की की शादी आज ही थी। जबकि एक लड़की की शादी 19 जनवरी को होना थी। चाइल्ड को जानकारी मिली कि हजरतपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में दो नाबालिग लड़कियों की शादी की जा रही है। एक की बारात आज 17 जनवरी को ही आ रही है। जबकि दूसरी की शादी 19 जनवरी को होगी। इस पर टीम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी समेत एंटी ह्मून ट्रैफिकिंग यूनिट थाने की पुलिस को जानकारी दी। साथ ही संबंधित थाने की पुलिस को लेकर बताए गए पते पर पहुंची तो वहां शादी की तैयारियां चल रही थीं। टीम समेत पुलिस ने लड़की के परिवार वालों को दो टूक बताया कि बाल विवाह हुआ तो उन समेत विवाह की रस्म कराने वाला पंडित से लेकर यहां दावत में वाटर सप्लाई करने वाला तक गिरफ्तार किए जाएंगे। इस पर लड़की के पिता ने टीम को एफिडेफिट दिया कि अब वो अपनी बेटी की शादी बालिग होने के बाद ही करेंगे। इसके बाद टीम दूसरी लड़की के घर पहुंची तो उसके परिजनों ने भी एफिडेफिट देकर माफी मांगी। वहीं टीम ने गांव के प्रधान समेत संभ्रांत लोगों को भी बता दिया कि अगर ये लोग फिर भी शादी करना चाहें तो सीधे सूचना दें, ताकि सभी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सके। बाल कल्याण समिति के सामने होंगी पेश चाइल्ड लाइन के कोआर्डिनेटर कमल शर्मा ने बताया कि मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति को भी दी जा चुकी है। अब समिति जब भी बुलाएगी तो परिजन लड़कियों को लेकर वहां पेश होंगे।

बदायूं में नाबालिग लड़कियों की रुकवाई शादी
चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम की कार्रवाई
हाल ही में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में नाबालिग लड़कियों की शादी को रोकने के लिए चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम ने कार्रवाई की। यह मामला तब प्रकाश में आया जब स्थानीय प्रशासन को सूचना मिली कि कुछ परिवार अपने नाबालिग बेटियों की शादी करने की योजना बना रहे थे। इस घटना ने क्षेत्र में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है।
परिवारों द्वारा एफिडेविट देकर माफी
जांच के दौरान यह पाया गया कि संबंधित परिवारों ने अपनी नाबालिग बच्चियों के विवाह के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार कर लिए थे। हालांकि, चाइल्ड लाइन की सक्रियता ने इस प्रथा को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्रवाई के बाद, परिवारों ने एफिडेविट देकर अपनी गलती मानी और भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों से बचने का संकल्प लिया। इससे यह संदेश गया कि बाल विवाह कानून का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।
बाल विवाह के खिलाफ उठती आवाजें
बदायूं में इस घटना ने एक बार फिर से बाल विवाह के खिलाफ सख्त कानूनों और सामुदायिक जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है। चाइल्ड लाइन और स्थानीय पुलिस ने न केवल लड़कियों की शादी को रोका, बल्कि समाज में बाल विवाह के खतरे के प्रति जागरूकता भी फैलाने का प्रयास किया। यह नव समाजिक बदलाव का संकेत है, जिसमें लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग हो रहे हैं।
समाज में जागरूकता का महत्व
इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि जब समाज के लोग एकजुट होते हैं, तो वे नाबालिगों के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम की तत्परता ने बाल विवाह की प्रथा को खत्म करने में महत्वपूर्ण मदद की है। अब, समय की मांग है कि समाज के सभी सदस्यों को इस दिशा में आगे आना चाहिए और नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ खड़े होना चाहिए।
निष्कर्ष के रूप में, यह घटना हमारे समाज में बदलाव की आवश्यकता को दर्शाती है। बच्चों के अधिकारों की रक्षा और बाल विवाह की प्रथा को समाप्त करने के लिए हमें लगातार प्रयास करने की जरूरत है। जैसा कि बदायूं के इन परिवारों ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया, हमें भी यही समझना होगा कि शिक्षा और जागरूकता ही परिवर्तन का मुख्य साधन हैं।
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